Unacademy: छात्रों से शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की अपील करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एडटेक कंपनी Unacademy ने एक शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है. यह इंगित करते हुए कि कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है, Unacademy के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा मंच को सख्त “संहिता” के “उल्लंघन” के लिए शिक्षक करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर किया गया था.
कौन है शिक्षक करण सांगवान
करण सांगवान नाम के टीचर ने बर्खास्तगी के बाद अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर कहा कि वे 19 अगस्त को इस विवाद का पूरा ब्योरा देंगे. सांगवान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा, जिसकी वजह से मैं विवाद में हूं. इस विवाद की वजह से ज्यूडीशियल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करने वाले कई छात्रों को दिक्कतें आ रही हैं. उनके साथ मुझे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए विवाद के पीछे की हकीकत साझा करने का भी आश्वासन दिया है.
This teacher urged his students to vote for an educated leader, he didn’t take anyone’s name.
BJP supporters assumed that he was targeting Modi and they made pressure on the Unacademy.
Now he has lost his job. pic.twitter.com/f7olZ3Rr7d
— Shantanu (@shaandelhite) August 17, 2023
टीचर को हटाने के फैसले पर भड़के केजरीवाल
सांगवान की बर्खास्तगी की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आश्चर्य जताया कि क्या (लोगों से) शिक्षित लोगों को वोट देने के लिए कहना अपराध है. “क्या पढ़े-लिखे लोगों से वोट देने की अपील करना अपराध है? अगर कोई अनपढ़ है तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उसका सम्मान करता हूं.’ लेकिन जन प्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते. यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है. अनपढ़ जन प्रतिनिधि कभी भी 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण नहीं कर सकते.
क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते। https://t.co/YPX4OCoRoZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 17, 2023
कनौजिया ने ट्वीट कर कहा- सच बोलने की सजा दी गई है
राष्ट्रीय लोक दल के नेता प्रशांत कनौजिया ने टिप्पणी की कि एक शिक्षक को सच बोलने की सजा दी गई. उन्होंने कहा कि अनपढ़ों को वोट मत देना और बीजेपी के लोगों ने मान लिया है कि ये मोदी पर हमला है यानी बीजेपी के लोग भी मानते हैं कि मोदी अनपढ़ हैं और नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं करते?”
अनएकेडमी ने दी सफाई
केजरीवाल के मामले पर नाराजगी जताने के बाद अनएकेडमी के को-फाउंडर रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान ने कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन किया था. इसलिए कंपनी को यह बड़ा कदम उठाना पड़ा. हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसे लेकर हमने हमारे शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है. उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं, उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी हैं. कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है.
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