Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में मई महीने में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस अलर्ट मोड में आ गई है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेतृत्व ने अनौपचारिक रूप से पार्टी उम्मीदवारों और पदाधिकारियों को कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर सीधे हमला करने से बचने का सुझाव दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने अनौपचारिक रूप से उम्मीदवारों और पदाधिकारियों को 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर हमला करने और हिंदुत्व-बनाम-धर्मवाद की बहस में शामिल होने से बचने के लिए कहा है. कहा गया कि अगर हम मोदी के खिलाफ कुछ भी कहते हैं तो इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाएगा और चुनावी माहौल को बदलने की कोशिश की जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी केंद्र की विफलता और महंगाई को अहम मुद्दा बनाएगी. कांग्रेस नेतृत्व को गुजरात चुनाव के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणियों को तोड़ मरोड़ देने का हवाला दिया गया है. कांग्रेस ने इसके बजाय बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार की विफलताओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार के आरोपों और मूल्य वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.
इसके अलावा, कांग्रेस इस बार चार बड़े चुनावी वादों के साथ चुनाव में उतर रही है. पार्टी ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनने पर लोगों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, परिवारों की महिला मुखियाओं को 2000 रुपये प्रति माह, बेरोजगार ग्रेजुएट को 3000 रुपये प्रति माह और प्रत्येक बीपीएल परिवार के सदस्य को 10 किलो चावल देने का भी वादा किया है. केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि हमारा चुनावी मुद्दा राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार की नाकामी, 40 फीसदी कमीशन चार्ज, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे होंगे और इन आरोपों पर ही हम बीजेपी को घेरेंगे. सूत्रों के मुताबिक, सूत्रों के मुताबिक ये निर्देश 124 उम्मीदवारों को टिकट बांटने के दौरान दिए गए थे. उन्होंने कहा कि इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे.