Datia Assembly Election Result: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है. अब लोगों को तीन दिसंबर का इंतजार है जब वोटों की गिनती होगी और रिजल्ट सामने आएगा. चुनाव के बाद कई हॉट सीट की चर्चा लोग कर रहे हैं. इन सीटों में से एक सीट दतिया विधानसभा है जहां गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र भारती से है. इस सीट की बात करें तो यहां कुल 79.4% मतदान हुआ है. मीडिया रिपोर्ट में जनता के फीडबैक के हवाले से खबर चल रही है. फीडबैक के हवाले से यह कहा जा रहा है कि इस सीट के नतीजे चौंकाने वाले देखने को मिल सकते हैं. खैर ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. इस बीच आइए नजर डालते हैं बीजेपी के दिग्गज नेता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के राजनीतिक जीवन पर…
आखिर कौन हैं नरोत्तम मिश्रा?
नरोत्तम मिश्रा की बात करें तो वो अक्सर अपने बयान की वजह से चर्चा में रहते हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 15 अप्रैल, 1960 को जन्म लेने वाले बीजेपी नेता की दिग्गजों में गिनती होती है. नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश में ही पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की डिग्री ली.
-साल 1978 से 1980 के बीच में नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश भाजयुमो के राज्य कार्यकारी निकाय के सदस्य चुने गये.
-नरोत्तम मिश्रा डबरा सीट से साल 1993, 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव में उतरे. हालांकि, 1993 के चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिल पाई थी.
–नरोत्तम मिश्रा पहली बार साल 2003 में बाबूलाल गौर सरकार में राज्यमंत्री बने.
– इसके बाद से लेकर अभी तक कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली है. इन मंत्रालयों में कानून, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, जल संसाधन और जनसंपर्क सहित शामिल है.
-साल 2005 में शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी तब नरोत्तम मिश्रा को संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी.
-मध्य प्रदेश में बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा नरोत्तम मिश्रा को माना जाता है. शिवराज सरकार में उनकी गिनती नंबर दो की है.
कैसे गिरी थी कांग्रेस सरकार
2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसके बाद कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ था. प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और प्रदेश की कमान कमलनाथ को दी गई थी. हालांकि, मार्च 2020 में महज 14 महीने के अंतर में ही कमलनाथ सरकार गिर गई थी, क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके वफादार विधायकों ने कांग्रेस से बगावत कर दी थी. कांग्रेस से बगावत करते हुए इन विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था. इस पूरे फेरबदल में नरोत्तम मिश्रा ने अहम भूमिका निभाई थी.
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दतिया विधानसभा सीट का हाल जानें
दतिया विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर 20 साल से बीजेपी का कब्जा है. यहां 2003 से लगातार बीजेपी जीत दर्ज करते आ रही है. इस बार भी बीजेपी को उम्मीद है कि उसका कब्जा इस सीट पर बरकरार रहेगा. 2003 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में दतिया विधानसभा सीट से बीजेपी के रामदयाल प्रभाकर ने कांग्रेस के महेंद्र बौद्ध को पराजित किया था. इसके बाद 2008 से यह सीट सामान्य हो चुकी थी और नरोत्तम मिश्रा को डबरा सीट छोड़कर दतिया से लड़ना पड़ा था. इस चुनाव ने मिश्रा ने राजेंद्र भारती को हराया था. 2013 में एक बार फिर नरोत्तम मिश्रा ने राजेंद्र भारती को हराया. 2018 में मिश्रा ने लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत दर्ज करके अपना लोहा मनवाया.