Geeta Koda Singhbhum Seat Result 2024: झारखंड की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सिंहभूम लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं गीता कोड़ा को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जोबा माझी ने बुरी तरह पराजित कर दिया. गीता कोड़ा को झारखंड की मंत्री जोबा ने 1,68,402 वोटों से हराया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं गीता कोड़ा को इस बार 3,51,762 वोट मिले. जोबा मांझी को 5,20,164 वोट मिले. अन्य सभी 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. दामोदर सिंह हांसदा को छोड़ किसी को नोटा से ज्यादा वोट नहीं मिले. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के 23,982 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना.
गीता कोड़ा ने अपने पति मधु कोड़ा की राजनीति को आगे बढ़ाया
गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं. खनन घोटाला मामले में मधु कोड़ा को जेल जाना पड़ा, तो उनकी विरासत को गीता कोड़ा ने आगे बढ़ाया. उन्होंने दो-दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और झारखंड विधानसभा की सदस्य चुनी गईं. वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार सिंहभूम की महिला सांसद बनने का गौरव हासिल किया.
2009 से 2019 के बीच 2 बार झारखंड की विधायक बनीं गीता कोड़ा
वर्ष 2009 से 2019 के बीच वह दो बार झारखंड विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं. मधु कोड़ा को कोर्ट से सजा हुई, तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दे दिए गए. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा (Geeta Koda) को लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. गीता कोड़ा ने चुनाव लड़ा और सिंहभूम की पहली महिला सांसद निर्वाचित हुईं.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गीता ने कांग्रेस से किया किनारा
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले गीता कोड़ा ने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं. भाजपा ने सिंहभूम संसदीय सीट से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. भाजपा में शामिल होने के बाद गीता कोड़ा लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रहीं हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस देश का हित नहीं कर सकती. वह सिर्फ अपने परिवार का हित करने में लगी है.
गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा कभी थे भाजपा के विधायक
बता दें कि गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा भाजपा के टिकट पर वर्ष 2000 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे. बाबूलाल मरांडी की कैबिनेट में वह मंत्री भी रहे. इसके बाद अर्जुन मुंडा की कैबिनेट में उन्हें खनन मंत्री का प्रभार दिया गया. वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. नाराज मधु कोड़ा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ बैठे.
कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को बनाया मुख्यमंत्री
जगरनाथपुर से विधायक चुने जाने के बाद कांग्रेस की पहल पर मधु कोड़ा झारखंड के पहले निर्दलीय मुख्यमंत्री बने. वह सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. बाद में खनन घोटाला मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा. इसके बाद गीता कोड़ा को राजनीति में आना पड़ा. गीता कोड़ा ने अपने पति की राजनीतिक विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया.
राष्ट्रमंडल महिला सांसद संचालन समिति की सदस्य रहीं गीता कोड़ा
2024 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस से किनारा करने वाली गीता कोड़ा कभी जय भारत समानता पार्टी में थीं. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हुईं. अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी भी छोड़ दी है. भाजपा के टिकट पर उन्होंने सिंहभूम सीट से चुनाव लड़ा. बता दें कि गीता कोड़ा को फरवरी 2017 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रमंडल महिला सांसद संचालन समिति का सदस्य नियुक्त किया था.