Karakat Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सबसे हॉट सीट में से एक काराकाट रही. यहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राजाराम सिंह 328645 वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं, उनकी जीत अब तय मानी जा रही है. दूसरे स्थान पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले भोजपुरी अभिनेता व गायक पवन सिंह चल रहे हैं. उन्हें 233128 वोट मिला है. यहां एनडीए को सबसे बड़ा झटका लगा है. एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा यहां से चुनाव हार गये. उन्हें 224142 वोट मिले हैं.
काराकाट लोकसभा में एनडीए की ओर से इस सीट पर इस बार उपेन्द्र कुशवाहा चुनावी मैदान में थे. जिनके सामने महागठबंधन ने भाकपा माले ने पूर्व विधायक राजा राम सिंह को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन काराकाट की सीट पर लड़ाई उस वक्त रोचक हुई जब आसनसोल से भाजपा का टिकट ठुकरा कर भोजपुरी स्टार पवन सिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में कूद पड़े. यहां से ओवैसी की पार्टी ने भी एक हिंदू उम्मीदवार प्रियंका भारती को मैदान में उतारा था.
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया. उपेन्द्र कुशवाहा के लिए तो यहां पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने सभा की. इधर पवन सिंह के समर्थन में भी अरविंद अकेला ‘कल्लू’, खेसारी लाल यादव सहित भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारों ने भी सभा की. महागठबंधन प्रत्याशी के लिए तेजस्वी यादव- मुकेश सहनी ने भी यहां सभा की.
परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई काराकाट लोकसभा सीट एनडीए के लिए हमेशा से ही अहम रही है. जब से यह सीट अस्तित्व में आई है, तब से इस पर एनडीए का कब्जा रहा है. 2009 में एनडीए के समर्थन से जेडीयू के महाबली सिंह ने यहां से चुनाव जीता था. इसके बाद 2014 का चुनाव जेडीयू ने एनडीए से अलग होकर लड़ा. इस चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के उपेंद्र कुशवाहा मैदान में थे. जेडीयू के टिकट पर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले महाबली सिंह को हार का सामना करना पड़ा था.
2019 के लोकसभा चुनाव हुए तो जेडीयू एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गई. ऐसे में काराकाट में 2009 वाला पुराना चेहरा वापस आ गया. मोदी मैजिक के सहारे जेडीयू के महाबली सिंह चुनाव जीत गए और मोदी का हाथ झटकने वाले उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा. यानी तीनों चुनावों में एनडीए को ही जीत मिली थी, जिसके दो चुनावों 2014 और 2019 में मोदी मैजिक का अहम रोल रहा था.
धान की फसल के उत्पादन के लिए जाना जाने वाला काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पहले बिक्रमगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. यह संसदीय क्षेत्र औरंगाबाद जिला और रोहतास जिले की तीन-तीन विधानसभा सीटों को मिलाकर बनाया गया है. इन सीटों में औरंगाबाद जिले के ओबरा, गोह, और नवीनगर, रोहतास जिले के नोखा, डेहरी व काराकाट विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन सभी छह सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.