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Katchatheevu Island Row: पीएम मोदी ने कच्चातिवु द्वीप की चर्चा छेड़ी, बीजेपी-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज

Katchatheevu Island Row: लोकसभा चुनाव 2024 करीब आने के साथ कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है. दोनों ओर से रैलियों में आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी हैं. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया और कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा छेड़ दिया. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि श्रीलंका एवं तमिलनाडु के बीच सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण कच्चातिवु द्वीप को फालतू बताकर कांग्रेस ने मां भारती का एक अंग काट दिया था. पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने इस द्वीप को वापस लाना के लिए क्या कदम उठाये.

Katchatheevu Island Row: कच्चातिवु द्वीप पर क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, तमिलनाडु में भारत के समुद्री तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच में एक द्वीप है, कच्चातिवु यह द्वीप सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. देश आजाद हुआ तब हमारे पास था, यह हमारे भारत का अभिन्न अंग था, लेकिन कांग्रेस ने चार पांच दशक पहले कह दिया कि यह द्वीप तो फालतू है, यहां तो कुछ होता ही नहीं है. यह कहते हुए मां भारती का एक अंग आजाद भारत में ये कांग्रेस के लोगों ने, इंडी एलायंस के साथियों ने काट दिया और भारत से अलग कर दिया. देश कांग्रेस के रवैये की कीमत आज तक चुका रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के मछुआरे मछली पकड़ने समुद्र में जाते हैं, इस द्वीप की तरफ जाते हैं तो इन्‍हें गिरफ्तार कर लिया जाता, उनके बोट को कब्जा कर लिया जाता है. यह कांग्रेस के पाप का परिणाम है कि हमारे मछुआरे आज भी सजा भुगतते चले जा रहे हैं. कांग्रेस जब पास आती है तो उनकी बोलती बंद हो जाती है. द्रमुक जैसे कांग्रेस के साथी दल भी मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं.

पीएम मोदी पर कांग्रेस का पलटवार, खरगे बोले- चुनाव के कारण प्रधानमंत्री ने उठाया कच्चातिवु का मुद्दा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु को ध्यान में रखकर कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाया. जबकि उनकी सरकार की विदेश नीति की विफलता के कारण नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के कारण रिश्ते बिगड़ गए. खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं. शायद, चुनाव ही इसका कारण है. आपकी हताशा स्पष्ट है. उन्होंने कहा, चुनाव से ऐन पहले आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कच्चातिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था. आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप कच्चातिवु को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा. खरगे के मुताबिक, गांधी जी, पंडित नेहरू जी, सरदार पटेल जी, इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी – हमारे सभी प्रिय नेता भारत की एकता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिये और मरे. सरदार पटेल जी ने 600 रियासतों को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद चीन को क्लीन चिट दे दी.

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