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कोसी-कमला की गोद में करोड़पतियों के बीच सियासी जंग, JDU-VIP की सीधी लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही BSP

झंझारपुर में जदयू के सिटिंग एमपी रामप्रीत मंडल और इंडी गठबंधन से वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ में सीधा मुकाबला है. लेकिन यहां 2019 में राजद उम्मीदवार रहे गुलाब यादव इस बार बसपा से लड़ रहे. जिसके बाद यहां का सियासी मुकाबला त्रिकोणिय हो गया है.

अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर

Lok Sabha Election: कोसी और कमला की गोद में बसे झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में जैसे- जैसे चुनाव की तारीख 07 मई पास आ रही है, उम्मीदवार जीत के लिए नये- नये दावों और वादों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं. इस सीट पर 10 उम्मीदवार हैं. सभी वोटर की गणेश परिक्रमा के फेरे बढ़ा रहे हैं. यहां, जदयू के सिटिंग एमपी रामप्रीत मंडल और इंडी गठबंधन से वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ में सीधा मुकाबला था लेकिन 2019 में राजद की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके गुलाब यादव हाथी पर सवार हो गये हैं. इस बार वह बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के सिंबल पर लड़ रहे हैं. चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं.

झंझारपुर से विधायक रहे गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव भी एमएलसी हैं. वह मधुबनी जिला की लोकल बॉडीज से चुनी गई थीं. बेटी जिला परिषद के अध्यक्ष चुनाव जीत चुकी हैं. 2019 में झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में रामप्रीत मंडल ने 6,02,391 वोट हासिल कर राजद प्रत्याशी गुलाब यादव को 3,22,951 वोटों से हरा दिया था. झंझारपुर में अनुमान के आधार पर यहां दलित (एससी) वोटर 13.5% हैं. एसटी की संख्या 0.1% है. कुल वोटरों में 13.9% वोटर मुस्लिम माना जाता है. 20 फीसदी ब्राह्मण और इतनी की संख्या यादव वोटर की आंकी जाती है.

चुनाव मैदान में 10 उम्मीदवार

झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में किसी ने नाम वापस नहीं लिया है. कुल 10 प्रत्याशी यहां चुनाव मैदान में हैं. इसमें चार उम्मीदवार निर्दलीय हैं. जदयू से रामप्रीत मंडल, वीआइपी से सुमन कुमार महासेठ, बसपा गुलाब यादव प्रमुख हैं. आदर्श मिथिला पार्टी से बबलू कुमार , सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट) से विजय कुमार मंडल, और वाजिब अधिकार पार्टी से विद्यानंद राम लड़ रहे हैं. गंगा प्रसाद यादव, गौरी शंकर साहू, राजीव कुमार झा और राम प्रसाद राउत निर्दलीय प्रत्याशी हैं.

1972 में हुआ गठन, बीसी- ओबीसी से 11 सांसद बने

साल 1972 में मधुबनी से कटकर झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया था. बीते 13 चुनाव में यहां से 11 बार पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले उम्मीदवार संसद पहुंचे हैं. जनता दल और उससे टूटकर बनी पार्टियां आरजेडी-जेडीयू बारी-बारी से जीती हैं.

11 वीं शताब्दी में मिथिला राज्य की राजधानी कहे जाने वाले झंझारपुर को 1972 में में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ. किले, मूर्तियां एवं शिलालेख आदि धरोहर इस क्षेत्र की समृद्धि की गाथा बयां करते हैं. 1972 में कांग्रेस उम्मीदवार जगन्नाथ मिश्रा यहां से जीते. 1977 में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार धनिक लाल मंडल ने जगन्नाथ मिश्रा को 1,57,481 वोटों से हरा दिया था.

इस लोकसभा सीट के दो विधानसभा क्षेत्र झंझारपुर और फुलपरास से चुने गए प्रतिनिधि बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. बिहार उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा (भाजपा) झंझारपुर तथा परिवहन मंत्री शीला कुमारी (जदयू) फुलपरास से विधायक हैं. यही बात इस सीट को वीआईपी का दर्जा देती है. चुनाव को रोमांचक भी बनाती है. 1977 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव को देखें देवेंद्र प्रसाद यादव सबसे अधिक पांच बार सांसद चुने गए हैं.

प्रचार में एनडीए- इंडी के बड़े नेता पहुंचे, एक दूसरे पर पलटवार

वीआईपी उम्मीदवार को उम्मीद है कि एमवाई समीकरण को बसपा में जाने से रोकने की जिम्मेदारी राजद संभाल लेगा. रामप्रीत मंडल के समर्थक खुलकर कह रहे हैं कि नीतीश और मोदी लहर में एंटी इनकंबेंसी जैसी कोई बात ही नहीं है. एनडीए प्रत्याशी रामप्रीत मंडल के माहौल में वोटरों का रुख करने के लिए बुधवार को जेपी नड्डा सभा भी कर चुके हैं. नड्डा ने विरोधी उम्मीदवारों की पार्टियों पर हमला किया. भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों का गठबंधन बताया. जातिवाद, तुष्टिकरण, अराजकता और विभाजन की आग में रखने का भी आरोप लगाया.

दूसरी ओर, सुमन कुमार महासेठ की जीत के लिए राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और वीआईपी के वीआइपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी जेपी नड्डा से पहले सभा कर चुके थे. तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद पर आकर अटकने का आरोप लगाया. जनता की तरक्की, रोजगार और युवाओं को नौकरी का वादा किया. मुकेश सहनी ने इस चुनाव को आजादी की संज्ञा देकर वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी.

ऐसा है जातीय समीकरण, बाढ़ मुख्य मुद्दा

मधुबनी जिले का हिस्सा झंझारपुर में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 97.1% के करीब है. शहरी मतदाता लगभग 2.9% हैं. यहां की साक्षरता दर 48.03% है. यहां 1989 से 2004 तक यादव ही सांसद चुना गया है. अनुमान के आधार पर यहां दलित (एससी) वोटर 13.5% हैं. एसटी की संख्या 0.1% है. कुल वोटरों में 13.9% वोटर मुस्लिम माना जाता है. 20 फीसदी ब्राह्मण और इतनी की संख्या यादव वोटर की आंकी जाती है. यह इलाका साल बाढ़ का सामना करता है. सकरी-झंझारपुर-लौकहा रेलखंड का विकास, बंद चीनी मिल का मामला लगातार विधान सभा से लेकर लोकसभा तक उठता रहा है. कमला-बलान नदी पर पुल निर्माण (भदुआ घाट ) की भी मांग भी चुनावी मुद्दा रहा है.

  • ग्रामीण मतदाता: 97.1%
  • शहरी मतदाता: 2.9%
  • साक्षरता दर: 48.03%
  • दलित (एससी) वोटर: 13.5%
  • एसटी वोटर: 0.1%
  • मुस्लिम वोटर: 13.9%
  • ब्राह्मण वोटर: 20%
  • यादव वोटर: 20%

लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की छह सीट, जानें कौन कहां से विधायक

विधानसभा चुनाव 2020 में झंझारपुर संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली छह विधान सभा सीट में भाजपा के तीन विधायक हैं. जदयू के दो और राजद का एक विधायक है.

विधान सभा क्षेत्रविधायकपार्टी
खजौलीअरुण शंकर प्रसादभाजपा
बाबूबरहीमीना कुमारीजदयू
राजनगर (एससी)डॉ. रामप्रीत पासवानबीजेपी
झंझारपुरनीतीश मिश्राभाजपा
फुलपरासशीला कुमारीजदयू
लौकहाभारत भूषणराजद

एनडीए के उम्मीदवारों को मिली लगातार जीत

  • 2019 में झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 18,52,417 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 10,60,562 थी. इस सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार रामप्रीत मंडल जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 6,02,391 वोट हासिल हुए. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार गुलाब यादव कुल 2,79,440 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 3,22,951 वोटों से हार गये.
  • 2014 में झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 16,68,405 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 9,41,249 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बीरेंद्र कुमार चौधरी जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 3,35,481 वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार मंगनी लाल मंडल कुल 2,80,073 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 55,408 वोटों से हार गये.
  • 2009 में झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 14,18,977 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 6,07,834 थी. जनता दल ( यूनाइटेड) के उम्मीदवार मंगनी लाल मंडल जीते और इस सीट से सांसद बने. उन्हें कुल 2,65,175 वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार देवेंद्र प्रसाद यादव कुल 1,92,466 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 72,709 वोटों से हार गये.

वोटर का गणित समझिए

  • कुल वोटर : 19,86,590
  • पुरुष – 10,36,753 (52.16%)
  • महिला – 9,49,749 (47.78%)
  • थर्ड जेंडर – 88 (0.0044%)

(स्रोत : भारत निर्वाचन आयोग , 1 जनवरी, 2024 )

झंझारपुर लोकसभा सीट पर कब कौन जीता

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोट
2019रामप्रीत मंडलजदयू602391
2014बीरेंद्र कुमार चौधरीभाजपा335481
2009मंगनी लाल मंडलजद(यू)265175
2004देवेन्द्र प्रसाद यादवराजद323400
1999देवेन्द्र प्रसाद यादवजद(यू)375852
1998सुरेंद्र प्रसाद यादवराजद260700
1996देवेन्द्र प्रसाद यादवजेडी358396
1991देवेन्द्र प्रसाद यादवजेडी372785
1989देवेन्द्र प्रसाद यादवजेडी339454
1984गौरी शंकर राजहंसकांग्रेस375745
1980धनिक लाल मंडलजेएनपी (एस)202710
1977धनिक लाल मंडलबीएलडी305554

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