Varun Gandhi: रायबरेली व अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वरुण के मैदान में उतरने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, मैं भाजपा में हूं, दूसरी पार्टी (कांग्रेस) की नेता नहीं जो उसके बारे में आपको जानकारी दूं.
वरुण गांधी पर नाज
मेनका गांधी से जब वरुण गांधी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, वरुण पर मुझे नाज है. वो तीन बार सांसद बने. 28 साल की छोटी उम्र से उन्होंने राजनीति की शुरुआत की और सांसद बने. जब उन्होंने छोड़ा, तो इस तरह से छोड़ा कि पूरे क्षेत्र के लोग उन्हें खोज रहे हैं. उनकी कमी महसूस कर रहे हैं. मेनका ने कहा, अब आगे उसकी जिंदगी कहां लेकर जाती है, ये देखने की बात है. मुझे पूरा विश्वास है, वरुण गांधी जो भी करेंगे, देश के लिए करेंगे. बीजेपी पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वाले मामले पर मेनका गांधी ने कहा, मैंने हमेशा वरुण को कहा है कि भला करते रहो, एक दिन दुनिया आपके लिए भला करेगी.
क्या मेनका गांधी के लिए प्रचार करेंगे वरुण गांधी
बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार मेनका गांधी से जब पूछा गया कि क्या उनके बेटे वरुण गांधी उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगे. इस सवाल पर मेनका गांधी ने कहा, अभी मैं खुद चुनाव प्रचार में व्यस्त हूं. वरुण के प्रचार पर अभी मैंने कुछ नहीं सोचा है. अभी चुनाव में काफी समय है, आगे क्या होता देखना है. यह पूछे जाने पर कि क्या वरुण गांधी उनके चुनाव का संचालन करेंगे, मेनका गांधी ने कहा, इस समय वरुण गांधी और उनकी पत्नी बीमार हैं, इसलिये वह आराम कर रहे हैं.
1989 में पहली बार चुनाव जीती थी मेनका गांधी
मेनका गांधी ने पहली बार वर्ष 1989 में जनता दल के टिकट पर पीलीभीत लोकसभा सीट जीती थी मगर 1991 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था लेकिन साल 1996 के चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की. वह साल 1998 और 1999 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फिर इसी सीट से सांसद चुनी गईं. उन्होंने 2004 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती. उनके बेटे वरुण गांधी 2009 और 2019 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत से सांसद बने.
टिकट कटने पर वरुण ने लिखा था पत्र
सांसद के रूप में कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए वरुण गांधी ने टिकट कटने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को एक भावनात्मक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ उनका रिश्ता उनकी आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा. मौजूदा सांसद ने कहा कि पीलीभीत के साथ उनका रिश्ता प्यार और विश्वास का है, जो किसी भी राजनीतिक नफे-नुकसान से कहीं ऊपर है.
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