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Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी दिल्ली सीट पर जीत हासिल करने वाली पार्टी की केंद्र में बनती है सरकार

Lok Sabha Election 2024: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक पश्चिमी दिल्ली का गठन परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में हुआ. अब तक तीन बार के लोकसभा चुनाव नतीजों पर गौर करें तो इस सीट से जीतने वाले दल की ही सरकार केंद्र में बनी है. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के महाबल मिश्रा ने भाजपा के जगदीश मुखी को हराकर चुनाव जीता और केंद्र में यूपीए की सरकार बनी. लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के प्रवेश वर्मा ने आप उम्मीदवार को 2.7 लाख से अधिक मतों से मात दी और फिर 2019 के चुनाव में वर्मा ने दिल्ली में सबसे अधिक 5.78 लाख मत से कांग्रेस के महाबल मिश्रा को हराया और दोनों बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनी.

Lok Sabha Election 2024: इस बार भाजपा ने प्रवेश वर्मा की जगह कमलजीत सहरावत को पश्चिमी दिल्ली से मैदान में उतारा, जबकि आप और कांग्रेस के समझौते के तहत इस सीट से आप के महाबल मिश्रा चुनावी मैदान में हैं. लगभग 24 लाख से अधिक मतदाता वाले इस क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटें मादीपुर, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला, नजफगढ़, राजौरी गार्डन, हरि नगर, तिलक नगर और जनकपुरी शामिल है. इन सभी सीटों पर आप का कब्जा है.

पश्चिमी दिल्ली में जाट मतदाताओं का अच्छा प्रभाव

इस क्षेत्र में जाट मतदाताओं का अच्छा प्रभाव माना जाता है. साथ ही पूर्वांचली मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं. यह दिल्ली की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है और साथ ही दिल्ली में 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या भी इसी क्षेत्र में सबसे अधिक है. दिल्ली में इस आयु वर्ग के लगभग 1.47 लाख मतदाता है, जिसमें 20 फीसदी इसी क्षेत्र के हैं. सफाई, पेयजल, सीवेज, ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से जूझ रहे इस क्षेत्र में राजौरी गार्डन और तिलकनगर जैसी शहरी क्षेत्र हैं तो मटियाला एवं नजफगढ़ जैसे ग्रामीण इलाके भी हैं. परिसीमन से पहले इसके कुछ इलाके बाहरी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली में आते थे. परिसीमन से पहले यह क्षेत्र बाहरी दिल्ली के नाम से जाना जाता था और कांग्रेस के दिग्गज नेता सज्जन कुमार और भाजपा के वरिष्ठ नेता साहिब सिंह वर्मा का प्रभाव क्षेत्र रहा है.

पश्चिमी दिल्ली पर इस बार रोचक मुकाबला

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार काफी रोचक मुकाबला होने वाला है, क्योंकि महाबल मिश्रा पूर्वांचली है और इनका पूर्वांचल के वोट बैंक पर पकड़ है. वह पहले भी सांसद रह चुके हैं और क्षेत्र में सक्रिय भी रहे हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से कमलजीत सहरावत दक्षिणी दिल्ली की मेयर रह चुकी है और और इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान काफी काम किया है. सहरावत जाट समुदाय से आती हैं और वह सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं.

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