13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Election 2022: BJP ने अवध में तोड़ा पिछला रिकॉर्ड, पश्चिमी यूपी में 17 सीटों का नुकसान

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. भले ही भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल गया है, लेकिन उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल और बुंदलेखंड में 58 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है.

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. भले ही भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल गया है, लेकिन उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल और बुंदलेखंड में 58 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है. हालांकि, भाजपा ने अवध में 2017 की तुलना में 17 सीट अधिक जीतकर कुछ हद तक भरपाई की है. जबकि सभी क्षेत्रों में पिछले बार के मुकाबले अधिक सीट लाने के बावजूद सपा सत्ता से बाहर है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें, तो गन्ना बेल्ट में 2017 के मुकाबले भाजपा को सीधे 17 सीट और पूर्वांचल में 38 सीट का नुकसान हुआ है. इसी तरह बुंदेलखंड में तीन सीट कम आयी है.

पश्चिमी यूपी में दिखी नाराजगी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 136 सीटों की बात करें, तो इस बार भाजपा 93 सीट निकालने में कामयाब हुई है. जबकि 2017 के चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर परचम लहराया था. इस तरह पश्चिमी यूपी में 17 सीट का नुकसान हुआ है. जबकि सपा ने 2017 में 20 सीटें जीती थीं, तो इस बार 43 सीट पर कब्जा जमाया है. जबकि बसपा और कांग्रेस खाता भी नहीं खोल सके हैं. कृषि कानूनों के विरोध के चलते भाजपा को नुकसान, तो सपा-रालोद गठबंधन को फायदा मिला है.

पूर्वांचल में भाजपा की 38 सीटें घटी

पूर्वांचल में भाजपा को 38 सीटों का नुकसान हुआ है. यहां की 130 सीट में से भाजपा ने 2017 में 115 पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 के चुनाव में भाजपा महज 77 सीट ही जीत सकी है. जबकि सपा को यहां भी 21 सीटों का फायदा हुआ है. 2017 में सपा महज 17 सीट जीत सकी थी. जबकि इस बार 48 सीट जीतने में कामयाब हुई है. माना जा रहा है कि कोविड काल में यहां के लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसका नुकसान भाजपा को हुआ है.

बुंदेलखंड में सपा को तीन सीटें

बुंदेलखंड में 19 सीटें आती हैं. 2017 में भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर बुंदेलखंड में क्लीन स्वीप किया था, लेकिन इस यहां भी भाजपा तीन सीटों के नुकसान के साथ 16 पर ही काबिज हो सकी है. जबकि सपा ने यहां तीन सीट हासिल की है. यहां भाजपा के वोट कम आने का कारण पिछड़े और पानी की किल्लत को माना जा रहा है.

अवध में भाजपा को मिली बढ़त

अवध की 118 सीट में से भाजपा ने इस बार 88 सीट पर जीत दर्ज की है. जबकि 2017 में भाजपा को इस क्षेत्र से 71 सीट ही मिल सकी थी. हालांकि सपा ने 2017 में नौ सीट के मुकाबले 30 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस क्षेत्र में भाजपा का वोट बैंक बढ़ने का सबसे बड़ा कारण 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट रहा. भाजपा ने अदालत के फैसले का जमकर प्रचार करते हुए सपा पर आतंकवादियों को बचाने के आरोप लगाये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष पर देश की सुरक्षा से खेलने का आरोप लगाया और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर उन्हें घेरा.

साहिबाबाद सीट पर सबसे बड़ी जीत

उत्तर प्रदेश की साहिबाबाद सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील कुमार शर्मा ने सपा के अमरपाल शर्मा को 2.14 लाख वोट से हराया. यह इन चुनावों की सबसे बड़ी जीत है. नोएडा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह ने रिकॉर्ड 1,81,513 मतों से जीत हासिल की. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गोरखपुर शहर सीट पर एक लाख दो हजार वोटों के भारी अंतर से जीत गये हैं.

रालोद का प्रदर्शन रहा औसत

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन के तहत रालोद के उम्मीदवार 33 सीटों पर चुनाव लड़े थे, जिनमें से आठ सीटों पर उन्हें जीत मिली है. जीतने वाली सीटों में थानाभवन, बुढ़ाना, शामली, छपरौली, सिवालखास, सादाबाद, पुरकाजी और मीरापुर शामिल हैं. गठबंधन को मिली जीत में हैंडपंप के सिंबल पर जो प्रत्याशी जीते हैं, उनमें पुरकाजी सुरक्षित सीट से अनिल कुमार और मीरापुर से चंदन चौहान सपा नेता हैं.

राकेश टिकैत के गढ़ में जीता रालोद

मुजफ्फरनगर जिले की बुढ़ाना विधानसभा सीट से रालोद के उम्मीदवार राजपाल बालियान ने भाजपा उम्मीदवार को 28,310 मतों से हरा दिया है. यह किसान नेता राकेश टिकैत के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है. बालियान को 130516 मत मिले, जबकि भाजपा के उमेश मलिक को 1,02,094 मत मिला है. बुढ़ाना भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण सीट थी.

बसपा के खाते में महज एक सीट

बसपा को कुल 403 सीटों में से उसे महज एक सीट मिली है. बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा के मौजूदा विधायक और विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह तीसरी बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2017 में, बसपा ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका वोट शेयर 22.2% था. पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें मिली थीं. 2012 में उसे 80 से कम सीटें मिली थीं.

लखीमपुर खीरी की सभी आठ सीटें भाजपा के खाते में गयीं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले राज्य की राजनीति में उबाल लाने वाले तिकोनिया कांड के बावजूद लखीमपुर खीरी जिले की सभी आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया है. गुरुवार को घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा को सबसे बड़ी जीत उसी निघासन सीट पर मिली है जहां तिकोनिया की घटना हुई थी. निघासन वहीं क्षेत्र है जहां स्थित तिकोनिया गांव में पिछली तीन अक्तूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी थी.

क्या था एग्जिट पोल

उत्तर प्रदेश 403 सीट

बहुमत का नं. 202

एबीपी -सी वोटर

पोल ऑफ पोल्स

न्यूज 24 -टुडे चाणक्य

इंिडया टुडे-एक्सिस माई इंिडया

भाजपा+ सपा+ अन्य

228-244 132-148 17-29

246 138 19

294 105 03

288-326 71-101 4-12

वास्तविक परिणाम

भाजपा+

275

सपा+

124

अन्य

04

ये रहीं हॉट सीटें

सीट प्रत्याशी अपडेट

जहूराबाद ओम प्रकाश राजभर (एसबीएसपी) जीते

सिराथू केशव प्रसाद मौर्य (भाजपा) हारे

रामपुर सदर आजम खान (सपा) जीते

अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता (भाजपा) जीते

इलाहाबाद प सिद्धार्थ नाथ सिंह (भाजपा) आगे

तमकुही राज अजय कुमार लल्लू (कांग्रेस)हारे

जसवंतनगर शिवपाल सिंह यादव ( सपा) जीते

कैराना मृगांका सिंह (भाजपा) हारी

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें