बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के बेटे जुनैद खान का फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू हो चुका है. जुनैद की पहली फिल्म, ‘महाराज’, जो पिछले शुक्रवार नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है, दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है. महाराज एक पीरियड ड्रामा फिल्म है. सिद्धार्थ पी मल्होत्रा द्वारा डायरेक्टेड और वाईआरएफ एंटरटेनमेंट द्वारा प्रोड्यूस्ड, “महाराज” 1862 के महाराज लिबेल केस पर आधारित है. इस फिल्म में जुनैद खान के साथ जयदीप अहलावत और शालिनी पांडे भी अहम किरदारों में हैं. यह ऐतिहासिक ड्रामा भारतीय इतिहास के सबसे बड़ी लीगल बैटल की ऊपर आधारित है. मल्होत्रा को 2018 में ‘हिचकी’ जैसी प्रशंसित फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है.
कौन सी बात जुनैद को बनाती है बाकी स्टार किड्स से अलग
जुनैद खान को अन्य स्टार किड्स से अलग करने वाली बात यह है कि उनका थिएटर में सालों का एक्सपीरियंस है. बॉलीवुड में कदम रखने से पहले जुनैद ने विभिन्न थिएटर प्लेस और वर्कशॉप्स के माध्यम से अपनी कला को सुधारा है. थिएटर में इस मजबूत फाउंडेशन ने उन्हें अभिनय में मजबूत बना दिया है.
इसके अलावा, जुनैद की पहली फिल्म एक पीरियड ड्रामा है, जिसके लिये कड़े रिसर्च की जरूरत होती है ताकि हिस्टोरिकल बातों और फैक्ट्स को सही से समझा जा सके. अपनी पहली फिल्म के लिए इस तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार को चुनना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. इस मूवी में उनकी सफल एक्टिंग ये साबित करती है कि वो आगे चलकर मुश्किल से मुश्किल किरदार आसानी से निभा सकते हैं. यह उनकी पहली फिल्म में अन्य स्टार किड्स द्वारा आमतौर पर चुने जाने वाले कमर्शियल फिल्मों से काफी अलग है, जो लाइट रोमांटिक या कॉमेडी फिल्मों से अपना डेब्यू करते हैं.
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कई स्टार बच्चे अपने करियर की शुरुआत में सुरक्षित रहना पसंद करते हैं. हाल ही में सुहाना खान, कुशी कपूर और अगस्त्या नंदा ने मिलकर जोया अख्तर की ‘आर्चीज’ में अपना बॉलीवुड और ओटीटी डेब्यू किया, जो पिछले साल नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई. फिल्म एक म्यूजिकल-कॉमेडी थी, जो “रिवरडेल” के एक काल्पनिक शहर में स्थित “ग्रीन पार्क” को बचाने के लिए एंग्लो-इण्डियन टीनेजरस की कहानी थी.
इसी तरह, 2012 में आलिया भट्ट और वरुण धवन ने फिल्म स्टूडेंट आफ द ईयर और अनन्या पांडेय ने स्टूडेंट आफ द ईयर 2 जैसी आसान फिल्मों से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. जाह्नवी कपूर ने भी धड़क, जो एक लव स्टोरी थी, उससे बॉलीवुड में कदम रखा. इन फ़िल्मों के सब्जेक्ट्स सिंपल से रहे हैं, जिसके लिये कोई खासी मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती.
कैसा था उनका थिएटर करने का फैसला
जुनैद के थिएटर करने का फैसला उनके हार्डवर्क की तरफ इशारा करता है. अपने पिता की पॉपुलैरिटी का फायदा उठाने की बजाय यह उन एक खास प्रयास है. अपनी खुद की इंपोर्टेंस को बनाए रखने और अपने टैलेंट से बॉलीवुड में अपना नाम बनायें.