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पैसों के लिए भारत आये हैं अदनान सामी? अब सिंगर ने सवाल पूछने वालों को दिया करारा जवाब

अदनान सामी ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से कहा, "पाकिस्तान में कुछ लोगों ने कहा, 'ओह, उन्होंने भारत को चुना है क्योंकि उसके पास वहां ज्यादा पैसा है, वह वहां ज्यादा पैसा कमा रहा है.' इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'माफ करें, क्या आपको मेरी फैमिली बैकग्राउंड के बारे में पता है?

जानेमाने सिंगर अदनान सामी ने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ दी और 2016 में भारतीय नागरिकता हासिल कर ली. इस कदम को सीमा के दोनों ओर ना कहने वाले मिले और पाकिस्तान में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि अदनान का भारत में बसना सिर्फ पैसों के लिए है. हाल ही में एक इंटरव्यू में गायक और संगीतकार ने कहा कि कई लोगों ने उनके जीवन पर अपनी राय रखी. उन्होंने इस बारे में खुलकर बात की.

क्या आपको मेरी फैमिली बैकग्राउंड के बारे में पता है

उन्होंने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से कहा, “पाकिस्तान में कुछ लोगों ने कहा, ‘ओह, उन्होंने भारत को चुना है क्योंकि उसके पास वहां ज्यादा पैसा है, वह वहां ज्यादा पैसा कमा रहा है.’ इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘माफ करें, क्या आपको मेरी फैमिली बैकग्राउंड के बारे में पता है? पैसा मेरे जीवन में कभी भी एक कारक नहीं रहा है?

मैंने बहुत कुछ छोड़ दिया है

उन्होंने आगे कहा,’ मुझे एक बहुत ही संपन्न, धनी परिवार में जन्म लेने और पालन-पोषण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. पैसा अगर सबकुछ भी है, तो मैंने बहुत कुछ छोड़ दिया है, क्योंकि वहां (पाकिस्तान) से विरासत में मिली बहुत सी चीजें हैं जो मैंने दे दी हैं.” अदनान सामी ने सवाल किया कि लोगों के लिए यह स्वीकार करना इतना मुश्किल क्यों था कि वह “भारत से प्यार करते हैं” और “घर पर महसूस करते हैं”

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मुझे अपनी मूल नागरिकता छोड़नी पड़ी

मैशेबेल के साथ पिछली बातचीत में अदनान सामी ने साझा किया था कि, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में 18 साल लग गए. सिंगर ने कहा, “मुझे 18 साल लग गए, लेकिन मैं यहां जो कहने की कोशिश कर रहा हूं वह यह है, उन 18 सालों में, मैंने इस बारे में दुनिया से कुछ नहीं कहा. मुझे दो बार रिजेक्ट किया गया. मुझे अपनी मूल नागरिकता छोड़नी पड़ी और कुछ समय के लिए मैं राज्य विहीन हो गया. डेढ़ साल तक मैं किसी देश का नहीं रहा. पासपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज है, लेकिन मैं किसी भी देश के स्वामित्व में नहीं था और उस स्थिति में मैं यात्रा नहीं कर सकता था, मैं कुछ भी नहीं कर सकता था.”

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