AK Hangal Death Anniversary: साल 1975 की आईकॉनिक फिल्म ‘शोले’ के रहीम चाचा को शायद ही कोई नहीं जानता होगा. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र स्टारर इस फिल्म में रहीम चाचा के किरदार को एक्टर एके हंगल ने निभाया था. एक्टर ने फिल्म में एक डायलॉग कहा था, जो है “इतना सन्नाटा क्यों है भाई.” इस डायलॉग के बाद एक्टर काफी मशहूर हो गए थे. आज हम एके हंगल की इतनी बातें उनकी 12वीं डेथ एनिवर्सरी पर कर रहे हैं.
दो साल तक कराची जेल में रहे हंगल
एके हंगल का जन्म आज से 107 साल पहले 1 फरवरी 1917 को कश्मीर के एक परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम अवतार किशन हंगल था. एक्टर का बचपन पेशावर के कराची में बीता था. जब वह थोड़े बड़े हुए तब उन्होंने दर्जी का काम करना शुरू कर दिया. इस बीच वह साल 1936 में पेशावर में संगीत प्रिया मंडल थिएटर ग्रुप से जुड़ गए थे. लगभग 10 सालों तक उन्होंने कई नाटक किए और उसके बाद साल 1949 में भारत विभाजन के दौरान वह मुंबई आ गए थे. एके हंगल का मानना था कि वह बहुत भाग्यशाली थे क्योंकि वह स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने थे. इस बीच एक्टर को दो साल तक कराची जेल में कैद रखा गया था.
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एके हंगल का एक्टिंग करियर
एके हंगल ने अपने करियर की शुरुआत साल 1966 में आई फिल्म ‘तीसरी कसम’ से किया था, जिसका निर्देशन बासु भट्टाचार्य ने किया था. एक्टर ने 70 से 90 के दशक तक अधिकतर फिल्मों में पिता और सहायक भूमिकाएं निभाई. इस बीच उन्होंने साल 1975 में फिल्म ‘शोले’ में रहीम चाचा का किरदार निभाया था, जो आज भी दर्शकों की याद में बसा है.
एके हंगल की फिल्में
एके हंगल ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया था, जिसमें नमक हराम, शौकीन, शोले, अवतार, अर्जुन, आंधी, तपस्या, कोरा कागज, बावर्ची, बालिका वधू, गुड्डी जैसी फिल्में शामिल हैं. एक्टर को सिनेमा जगत में लिए गए योगदान के लिए साल 2006 में भारत सरकार ने ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया था. एके हंगल ने 26 अगस्त 2012 को 98 साल की उम्र में दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. भले आज एक्टर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन सिनेमा में उनके किए गए योगदान को आज भी देश नहीं भूल सकता है.