अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत कल सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. इस फिल्म से युवा अभिनेता करन मेहता हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत करने जा रहे हैं. वह इस फिल्म से जुड़ने को किसी सपने के पूरा होने जैसा करार देते हैं. उनकी इस फिल्म और कैरियर पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
शुरुआत से ही शुरू करते हैं, एक्टर बनना है यह फैसला कब किया और फिल्म ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत से कैसे जुड़ना हुआ?
मैं बचपन से ही एक्टर बनना चाहता था. ऐसा नहीं था कि मेरा बॉलीवुड में जबरदस्त कनेक्शन है और यही पला बढ़ा हूं, लेकिन मेरे जो डैड हैं, उनको हमेशा से एक्टर बनना था. जब वो फिल्मों में आना चाहते थे, उस वक्त उनकी शादी की भी बात चल रही थी. उस वक्त उनको तय करना था कि वो मेरी मां के साथ शादी करें या फिल्मों में संघर्ष. उन्होंने मेरी मां के साथ शादी करने को चुना. उसके बाद उन्होंने बिजनेस पर फोकस किया. जब बिजनेस अच्छा हुआ, तो उन्होंने उसे अपने भाई को दे दिया और उसके बाद अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई आ गए. मेरे डैड ने एक फिल्म ‘लाइफ की तो लग गयी’ बनायीं थी. खुद अपने दम पर उन्होंने वो फिल्म बनायी थी. बिना किसी सपोर्ट के. अभी वो पंजाबी फिल्मों में ज्यादा सक्रिय हैं. जिस वजह से फिल्मों से मेरा भी जुड़ाव हमेशा से था. मेरे दोस्तों को भी फिल्मों में कुछ ना कुछ करना था, तो हमने सोचा मुंबई चलते हैं. हमने एक शार्ट फिल्म यूट्यब पर डाली. अनुराग सर की बेटी आलिया ने वो पिक्चर देखी और अपने पिता अनुराग कश्यप को दिखायी. उनको भी अच्छी लगी और उन्होंने मुझे बुलाया और उसके बाद मुझे ये फिल्म मिल गयी.
इस लवस्टोरी फिल्म को आप कितना अलग करार देंगे?
ये अलग इस तरीके से है कि जो भी परेशानी प्यार के साथ आती है. वो हम इस फिल्म में दिखा रहे हैं. इसके साथ फिल्म में एक मैसेज भी है, आज के युवाओं के लिए नहीं, बल्कि माता पिताओं के लिए भी. जिस तरीके से उनकी परवरिश हुई थी. वो उस परवरिश को अपने बच्चों पर ना थोपें.
प्यार की आपकी क्या परिभाषा है?
मैं खुद उसे ढूंढ रहा हूं. आज हमारे पास मानसिक मजबूती ही नहीं होती है, जो चीज हमें अच्छी नहीं लगती है, वो नहीं लगती है. पहले ऐसा नहीं था. मैं ओल्ड स्कूल वाले रोमांस में यकीन करता हूं.
इस फिल्म को आपने चार साल से अधिक समय दिया है, क्या इस दौरान कैरियर शुरू ना होने का प्रेशर था ?
मुझे बिल्कुल भी प्रेशर नहीं लगा, क्यूंकि अनुराग सर आप पर किसी तरह का प्रेशर डालते ही नहीं हैं. जब मैं अनुराग सर से मिला, निश्चिततौर हमने कुछ चीजें डिस्कस की थी, जो नहीं हो पायी, लेकिन उसी वक्त मैंने बहुत सारी एक्टिंग क्लासेज की. पाकोर , डांस और घुड़सवारी भी सीखी. अलग-अलग वर्कशॉप्स की. अभी कुछ महीने पहले ही मैंने एक वर्कशॉप खत्म की, तो अपने ऊपर काम करने को बहुत मिला.
क्या आपको लगा नहीं कि ऑन सेट सीखना और फायदेमंद हो सकता है?
मैंने एक शार्ट फिल्म बनायीं है, जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया. मैंने फिल्मों के सेट पर असिस्ट भी किया है. मैंने अनुराग सर को लस्ट स्टोरीज में असिस्ट किया है. मैं सेक्रेड गेम्स के भी सेट पर जाता था. मैं सेक्रेड गेम्स 2 में एक दो सेकेंड्स के लिए हूं. मैंने शाहरुख खान की फिल्म रईस में भी असिस्ट किया है. सलमान खान की फिल्म दबंग में भी असिस्टेंट था. मैंने सेट पर भी बहुत वक्त दिया है.
इन सालों में आपने दूसरे ऑडिशन्स नहीं दिए, ताकि किसी और फिल्म से आपकी शुरूआत हो पाए जैसा आपकी कोक्टर अलाया एफ ने किया?
मैं फोकस था कि मेरी पहली फिल्म यही होगी, क्यूंकि इससे बेहतरीन मौका मुझे इस दुनिया में और कहीं नहीं दे सकता था. अनुराग सर के साथ काम करने का मौका मिला. मैंने दूसरे प्रोजेक्ट्स को ढूंढने के बजाय खुद पर काम किया, क्यूंकि भविष्य में मैं क्या करूंगा. ये भी बहुत महत्वपूर्ण था. इस फिल्म में जो मौका मिला है, वो मेरे लिए किसी सपने क्ले जैसा है और मैं इसे पूरी तरह से एन्जॉय कर रहा हूं.
डबल रोल को निभाने के लिए किन चुनौतियों से गुजरना पड़ा?
चुनौतियां बहुत थी, क्यूंकि अनुराग सर का काम करने का तरीका ही बहुत अलग है. अनुराग सर ने इस फिल्म की कहानी को किरदार को मेरे सामने बहुत बार नरेट किया. जिससे मेरे दिमाग में बैठ गया कि किरदार किस तरह से है. खुद को सहज करना कि किस तरह से यह किरदार परफॉर्म करेगा. इन सभी पहलुओं को समझा. मेरे लिए पहाड़ी वाला जो किरदार है, वो थोड़ा मुश्किल था. इसलिए दस दिन पहले जब शूट के लिए वहां मैं पहुंचा, तो आसपास के लोगों के साथ उठा बैठा, खाना खाया, उनके लैंग्वेज में ही बात करने की कोशिश की.
इस फिल्म को बनने में सात साल लगे हैं, कहानी कितनी बदल गयी?
पिक्चर पूरी बदल गयी. जैसे हमको सुनाई गयी थी, वैसे तो बनी ही नहीं. मुझे लगता है कि अनुराग सर को पता था कि वो क्या बना रहे हैं. उनके दिमाग में सब कुछ फिक्स था. हम सिर्फ एक्टिंग करते थे.
शूटिंग के दौरान अनुराग कश्यप कि कितनी डांट पड़ी थी?
बहुत ज्यादा, मुझे तो डंडे भी पड़े हैं. डांट भी मिली है, लेकिन सबसे ज्यादा प्यार मिला है.
इंडस्ट्री में आप किस अभिनेता को अपनी प्रेरणा मानते हैं?
मैं शाहरुख खान सर को बहुत पसंद करता हूं. जैसा की मैंने बताया कि रईस फिल्म में मैंने असिस्ट किया है. उनकी दूसरी फिल्मों के सेट पर भी मैं गया हूं. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है.
हर साल स्टारकिड्स की भी भीड़ बढ़ती जा रही है, क्या ये लगता है कि अच्छे मौके मिलने में मुश्किल होगी ?
मैं ऐसा नहीं सोचता हूं. मेरी फिल्म अच्छी होगी, तो लोग देखेंगे. दूसरे क्या कर रहे हैं, उनसे मुझे मतलब नहीं, क्यूंकि वह मेरी फिल्म में मेरी मदद तो कर नहीं कर रहे हैं. वो अपना काम कर रहे हैं और मैं अपना. हमारा काम है कि हम बॉलीवुड के लिए अच्छा करें. आखिरकार हम सभी वही करना चाहते हैं. उनके लिए भी बेस्ट ऑफ लक मैं कहना चाहूंगा.
आपकी अनुराग कश्यप या मैड फिल्म्स के साथ तीन फिल्मों की डील है?
वो प्रेशर हो जाता है कि तीन फिल्मों की डील है. मैं इनके साथ हूं. किसी और के साथ काम कर ही नहीं सकता हूं. यहां पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है. अभी तक मैंने कुछ और साइन नहीं किया है. मुझे लगता है कि लोग ये फिल्म देखेंगे उसके बाद मुझे जो ऑफर्स आएंगे. उसके बाद मैं तय करूंगा कि मुझे क्या करना हैं. मुझे किसी भी तरह की जल्दीबाजी नहीं करनी है कि मुझे काम करना है, इसलिए जल्दी-जल्दी किसी भी फिल्म को हां कह दूं. मैं अच्छे डायरेक्टर्स के साथ काम करना चाहता हूं. अच्छे किरदार करना चाहता हूं.