बड़े होते हुए, हममें से अधिकांश लोग कई करियर विकल्पों से गुजरते हैं, जो तब तक बदलते रहते हैं, जब तक हमें अपनी पसंद नहीं मिल जाती. यह प्रक्रिया मजेदार, थका देने वाली और समय लेने वाली है, लेकिन अंतिम परिणाम हमेशा काफी अच्छा होता है और हमे अंदर से खुशी मिलती है कि ये करियर मेरे लिए बेस्ट है. ऐसा ही कुछ अनुपमा की अभिनेत्री मदालसा शर्मा के साथ भी हुआ था. वो भी बचपन से कंफ्यूज थी कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहती हैं. हालांकि जब वह टीनएज समय में आई तो उन्होंने एक्ट्रैस बनने की ठान ली. अब अभिनत्री ने इस बारे में खुलकर बात की है.
अपनी मां की तरह एक्ट्रेस बनना चाहती थी मदालसा शर्मा
मदालसा शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया संग इंटरव्यू में कहा, ”ठीक है, जब से मैं छोटी लड़की थी, मुझे लगता है कि शायद मैं दो या तीन साल की थी, मैंने तय कर लिया था कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हू.” उन्होंने कहा, ”मेरी मां (शीला शर्मा) खुद एक अभिनेत्री हैं, मेरे पिता एक फिल्म निर्माता, निर्देशक, निर्माता और लेखक हैं. हमारे अपने प्रोडक्शन हाउस भी हैं. इसलिए मैंने अपने पूरे जीवन में ऐसा होते देखा है. मैं बचपन में फिल्म सेट पर रही हूं, चाहे वह मेरे पिता के साथ हो या मेरी मां के साथ. मैं मां को शूटिंग देखने और उन्हें कंपनी देने जाती थी. कभी-कभी मैं उनके साथ ट्रेवल भी करती थी, तो मैंने अपने सभी बढ़ते वर्षों में यही सब देखा है. धीरे-धीरे मुझमें भी इस कला के प्रति जुनून पैदा हो गया और बड़ी होने के बाद मैंने कहा कि एक दिन मैं बिल्कुल अपनी मां की तरह बनूंगी, उनकी तरह एक अभिनेत्री बनूंगी, क्योंकि मैंने उनकी कड़ी मेहनत देखी है. स्क्रीन पर वह जो जादू बिखेरती है, उन्होंने मुझे हमेशा प्रेरित किया है.”
करियर चुनने पर क्या बोली मदालसा शर्मा
मदालसा से जब पूछा गया कि करियर के शुरुआती चरण में सही अवसर बहुत मायने रखते हैं. जिसपर एक्ट्रेस ने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो, मैं इस बात पर विश्वास नहीं करती हूं. जाहिर तौर पर शुरुआती दिनों में हर कोई धमाकेदार और हर चीज के साथ आना चाहता है, लेकिन आपको यह जानना होगा कि आप कैसे और कहां से शुरुआत करना चाहते हैं. मैं 10वीं कक्षा में थी, बमुश्किल 16 साल की, जब मैंने किशोर नमित कपूर से अभिनय का कोर्स किया. मैं सुबह स्कूल जाती थी, दोपहर को घर वापस आती थी, ट्यूशन जाती थी और फिर अपने एक्टिंग कोर्स के लिए जाती थी. वह मेरा पूरा कार्यक्रम था. और मेरे पास एक योजना थी. मेरा मतलब है, मुझे पता था कि मैं अभिनय शुरू करने जा रही हूं और मेरे पास पहले से ही एक मंच था,”
मदालसा से जब पूछा गया कि उनके लिए इस प्रोफेशन में आना आसान विकल्प था. जिसपर एक्ट्रेस ने कहा, “जैसा कि मैंने कहा, मेरे माता-पिता हमेशा बहुत सहयोगी और उत्साहवर्धक रहे हैं, क्योंकि उन्होंने मुझमें वह चिंगारी देखी थी. ऐसा नहीं था कि मुझ पर मेरे माता-पिता की ओर से उनके रास्ते पर चलने का कोई दबाव था या कुछ और. मेरे लिए यह करियर चुनना बहुत आसान था, क्योंकि मैं इन सबके बीच बड़ी हुई हूं. दरअसल स्कूल में मैं हर नाटक प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में हमेशा प्रथम आती थी. इसलिए मेरे माता-पिता ने मेरे फैसले को बहुत शालीनता से स्वीकार कर लिया.”
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मदालसा साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से शुरुआत करना चाहती थीं. उन्होंने कहा, ”मैं लगभग 17 या 18 साल की थी, जब मैंने अपनी पहली तेलुगु फिल्म, फिटिंग मास्टर में अभिनय किया, उसके बाद दूसरी फिल्म जिसका नाम आलस्याम अमृतम था. मैंने दक्षिण में काम किया है और सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन हाउस, अभिनेताओं, तकनीशियनों और हर चीज के साथ भी काम किया है और मैं यह नहीं देख रही हूं कि मैं भाग्यशाली हूं, लेकिन मैं अपने बढ़ते वर्षों से ही केंद्रित थी और एक छात्र और पेशेवर दोनों के रूप में यह कठिन था. शुक्र है कि मेरे फोकस, अनुशासन और समर्पण ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की.”