Bhojpuri actor pradeep pandey chintu बीते दिनों विश्व प्रसिद्ध कांस फिल्म फेस्टिवल में भोजपुरी फिल्मों का प्रतिनिधित्व करते नजर आए. उनकी भोजपुरी फिल्म अग्नि साक्षी की कांस फिल्म फेस्टिवल में बीते गुरुवार की रात स्क्रीनिंग हुई. इससे पहले वह रेड कारपेट का भी हिस्सा बने थे. प्रदीप पांडेय चिंटू इसे 50 करोड़ भोजपुरी भाषी लोगों का प्रतिनिधिव करार देते हुए गौरवशाली पल भी बताते हैं. कांस फिल्म फेस्टिवल में उनकी इस शिरकत पर उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
हमारी फिल्म कांस में स्क्रीन हुई पहली भोजपुरी फिल्म
इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन यानी इम्पा ने कांस फिल्म फेस्टिवल में भारतीय फिल्म उद्योग का प्रतिनिधित्व करने की इस साल से शुरुआत की है. इसमें उन्होंने अलग-अलग भाषाओं की कई फिल्मों को चुना था, जिसमें मेरी भोजपुरी फिल्म अग्निसाक्षी का नाम भी था. मुझे उनकी तरफ से कॉल आया तो मुझे बहुत ही गर्व की अनुभूति हुई कि मेरी भोजपुरी फिल्म को उन्होंने इसके लिए चुना. मैं इसे ऐतिहासिक पल करार दूंगा. ऐसी बातें आ रही हैं कि रवि जी की फिल्म ‘जला देब दुनिया तोहार प्यार में’ कांस में इससे पहले गई थी, लेकिन अपनी जानकारी के मुताबिक मैं यह बात ऑन रिकॉर्ड कहना चाहूंगा कि हमारी फिल्म अग्निसाक्षी ही पहली भोजपुरी फिल्म है, जिसकी कांस में स्क्रीनिंग हुई है. इससे पहले किसी भी भोजपुरी फिल्म की स्क्रीनिंग कांस में नहीं हुई थी. इम्पा ने इस साल से वहां अपना पैवेलियन लिया था, जिस वजह से यह स्क्रीनिंग हो पायी है. मैं उनकी इस पहल का शुक्रगुजार हूं क्योंकि इससे भारत के रीजनल सिनेमा को वैश्विक पटल पर आने का मौका मिलेगा और पूरी दुनिया को जोड़ने का मौका मिलेगा.
रेड कारपेट में विदेशी के साथ देशी अंदाज भी
मुझे पता है कि कांस फिल्म फेस्टिवल में शरीक होने का मतलब आपको अपने कपड़ों पर भी विशेष ध्यान देना होगा, तो जैसे ही तय हुआ कि मेरी फिल्म की स्क्रीनिंग होगी. मैं अपने कपड़ों के चुनाव में जुट गया था. मुझे दो दिनों तक कांस में शिरकत करना था तो मैंने यह तय किया था कि एक दिन भारतीय परिधान पहनूंगा और दूसरे दिन पश्चिमी. स्क्रीनिंग के दिन रेड कारपेट भी था, तो कपड़ों का चुनाव मैंने उसी हिसाब से किया था. ब्लैक टक्सिडो पहनकर मैंने रेड कारपेट में शिरकत की थी. बचपन से रेड कारपेट में अपने चहेते बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान से लेकर हॉलीवुड के सुपरस्टार्स टॉम क्रूज और अल पचीनो को टक्सिडो देखा है, तो रेड कार्पेट पर मैं उन्हीं की तरह दिखना चाहता था, तो यह फीलिंग मेरे लिए बहुत ही खास रही.
बिहार , यूपी और झारखंड की सरकार से अपील
कांस से बुलावा आने के बाद मेरी दिली ख्वाहिश है कि भोजपुरी फिल्मों को ऑस्कर से भी निमंत्रण आए. मुझे पता है कि इसके लिए हमें अपनी फिल्मों पर बहुत काम करने की जरूरत है. साउथ से हमें प्रेरणा लेनी होगी. फिलहाल भोजपुरी फिल्मों की स्थिति सिंगल स्क्रीन थिएटर्स के लगातार बंद हो जाने के बाद से अच्छी नहीं है. इस बारे में हमें मिलकर सोचना होगा. हमें मल्टीप्लेक्स में अपनी फिल्मों की रिलीज के बारे में सोचना होगा क्योंकि यही भविष्य है. इसके लिए बिहार, यूपी और झारखंड की सरकार को मदद के लिए आगे आना होगा. महाराष्ट्र में उनके रीजनल सिनेमा के लिए फिक्स स्क्रीन रखे जाते हैं. यूपी, बिहार और झारखंड की सरकार को भी ऐसा कोई नियम लागू करना चाहिए. मुझे पता है कि बहुत लोग इस पर भोजपुरी में अश्लीलता की बात को लाएंगे. मैं इस पर कहूंगा कि सरकार खुद ऐसी पारिवारिक भोजपुरी फिल्मों का चुनाव कर उन्हें मल्टीप्लेक्स में रिलीज करें, जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सके. एक बार कोई रास्ता दिखाएगा तो चीजें अपने आप साफ-सुथरी होती चली जाएंगी. अगर भोजपुरी सिनेमा को बचे रहने के साथ – साथ ग्रो करना है.