Mukti Das on Film Durga: लव आजकल और रॉकस्टार जैसी फिल्म बना चुके बॉलीवुड डायरेक्टर इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) शार्ट फिल्म दुर्गा लेकर आ रहे हैं. इस फिल्म में अहम किरदार धनबाद के रहने वाले कलाकार मुक्ति दास (Mukti Das) निभा रहे हैं. इस फिल्म में रघुवीर यादव जैसे बेहतरीन कलाकार भी है, जो उनके पिता का किरदार कर रहे है. फिल्म का ट्रेलर सोमवार को रिलीज हो चुका है औऱ फिल्म आज यूट्यूब पर रिलीज हो रही है. इस फिल्म को लेकर मुक्ति दास ने इंटरव्यू में खुलकर बात की. पेश हैं दिव्या केशरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
फिल्मों में काम करने का ख्याल कब आया? क्या आप बचपन से ही फिल्मों में काम करना चाहते थे?
बचपन में मैं फिल्मों को देखकर कॉपी करता था और मन में तभी ख्याल आया था एक्टिंग करने का. गांव के डांस कॉम्पिटिशन से अपनी शुरूआत की और धीरे-धीरे इसमें रूचि बढ़ती गई और मैं अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगा.
शॉर्ट मूवी ‘दुर्गा’ के बारे में कुछ बताएं? फिल्म का सब्जेक्ट क्या है?
ये मूवी की कहानी एक परिवार की कहानी है, जिसमें एक छोटी बच्ची, उसके दादाजी, मां और पिता है. ये एक इमोशनल जर्नी है, जिसे फिल्म में बहुत ही खूबसूरती से दिखाया गया है. कभी-कभी हम एक परिवार में होते हुए भी अपनी फीलिंग्स शब्दों में बयां नहीं कर पाते है. ये एक खूबसूरत कहानी है, जिसे हमारे डायरेक्टर अभिषेक रॉय सन्याल और तन्मय रस्तोगी ने लिखा है.
इम्तियाज अली बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर हैं, उनसे मिलना कैसे हुआ? उनके साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
‘दुर्गा’ उनके प्रॉडक्शन हाउस की शार्ट फिल्म है. हालांकि अभी तक मैं इम्तियाज अली से मिला नहीं हूं पर उम्मीद करता हूं कि उन्हें मेरा काम पसन्द आये. डायरेक्टर अभिषेक रॉय सन्याल के साथ काम करके बहुत अच्छा लगा. वो एक्टर्स की छोटी-छोटी बारिकियों पर काम करते है. वो हर सीन में एक्टर्स को स्पेस देते है कुछ नया करने का. भविष्य में मैं उनके साथ दोबारा काम करना चाहता हूं.
साइंस से पढ़ाई करके एनएसडी जाने का फैसला कैसे लिया? घरवालों ने जब सुना तो उनका क्या रिएक्शन था?
एनएसडी जाने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है. साइंस मुझे पसन्द था इसलिए इस सब्जेट से मैंने ग्रेजुएशन पूरी किया. मेरे घरवालों को जब पता चला कि मैं एनएसडी जाना है तो उन्होंने मेरा सपोर्ट किया. इस वजह से ये सफर आसान रहा.
शॉर्ट मूवी ‘दुर्गा’ में रघुवीर यादव जैसे अनुभवी कलाकार के बेटे के रोल में किस हद तक का चैलेंज मिला?
रघुवीर यादव सर अपने आप में एक एक्टिंग स्कूल है औऱ मैं खुद को लकी मानता हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला. उनके साथ काम करते हुए मैंने बहुत कुछ नया सीखा. मेरे को-एक्टर्स कृतिका पांडे और सरवरी से भी मैंने बहुत कुछ सीखा. दोनों बेहतरीन कलाकार है और इनके साथ काम करने का एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा.
वाटर, फायर और अर्थ फेम दीपा मेहता के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
दीपा मैम एक इंटरनेशनल डायरेक्टर है. उनका काम करने का अंदाज बेहद अलग था. जो फिल्म हमने की उसका एप्रोच बिल्कुल ही थियेटर ऑरियेंटट था जो शुरू होकर एक सिनेमैटिक जर्नी तक गया था. एक अच्छा अनुभव रहा उनके साथ काम करने का. मैं उम्मीद करता हूं वो फिल्म भी जल्दी रिलीज हो जाये.
आपको फिल्मों में काम करने में किस तरह के चैलेंज्स मिलें? शुरूआती दिनों में जिंदगी कैसी रही?
चैलेंज्स हर फील्ड में है, बस सही तरीके के साथ इस फेस करना है और आगे बढ़ते जाना है. इस फिल्म की दुनिया में आपको हमेशा नये चैलेंज को एक्सेप्ट करना होगा.
Posted By: Divya Keshri