kartik aaryan की फिल्म चंदू चैंपियन इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म है.यह फिल्म आगामी 14 जून को सिनेमाघरों में दस्तक देगी.कबीर खान निर्देशित यह फिल्म भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर की बायोपिक है. कार्तिक इस फिल्म को अपने अब तक के कैरियर की सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्म करार देते हैं क्योंकि इस किरदार के लिए उनकी बॉडी का ट्रांसफॉर्मेशन हैरान कर देने वाला है.उनके ट्रेनर और नेशनल लेवल पर बॉक्सर रहे त्रिदेव पांडे ने उनके इस शॉकिंग ट्रांसफॉर्मेशन पर उर्मिला कोरी से बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश
18 किलो वजन कार्तिक ने घटाया
एक्टर को बॉक्सर बनाना सबसे बड़ी इस फिल्म की चुनौती थी. मुश्किलें सिर्फ इतनी नहीं थी.इस दौरान कार्तिक को मुरलीकांत पेटकर के स्टाइल में बॉक्सिंग को सीखते हुए बॉडी को भी बनाना था. कार्तिक की बॉडी के ट्रांसफॉर्मेशन और बॉक्सिंग सीखने का पूरा वक्त 14 महीने का था. उस वक्त कार्तिक फिल्म सत्य प्रेम की कथा की शूटिंग भी कर रहे थे ,तो उसको भी टाइम दे रहे थे. ट्रैवेलिंग भी थी ,दो महीने ट्रैवलिंग में निकाल दो तो पूरे 12 महीने का प्रोसेस था. जिसमें कार्तिक ने अपना 18 किलो अपना वजन कम किया और अपने बॉडी फैट को 37 से 7 तक पहुंचाया. हम डेली वर्कआउट करते थे.सुबह हम कार्डियो और बॉक्सिंग करते थे और शाम में वर्कआउट करते थे. 1 घंटे से सवा घंटे का एक्सरसाइज शेड्यूल होता था. मैं बताना चाहूंगा कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कार्तिक को कई सारी चोटों से भी गुजरना पड़ा था उनके कंधे ,एड़ी में चोट लगी थी.इन चोटों ने मुश्किलें बढ़ा दी थी. चोटों के होने के बावजूद कार्तिक को प्रैक्टिस भी करना है. एक्सरसाइज भी करना है और शूटिंग भी. आमतौर पर एक एथलीट को सुबह ट्रेनिंग करनी पड़ती है. दोपहर में आराम फिर शाम को ट्रेनिंग, लेकिन यहां पर मामला बिल्कुल ही अलग था. कार्तिक एथलीट जैसी एक्सरसाइज तो कर रहे थे,लेकिन एथलीट की जिंदगी नहीं जी रहे थे क्योंकि सुबह ट्रेनिंग करते थे फिर शूटिंग पर निकल जाते थे. दिक्कत यही खत्म नहीं होती है.एक एक्टर को कई बार दिन में शूट करना पड़ता है , तो कई बार रात में भी,जिस दिन रात में शूटिंग होता था. हमें दोपहर को ट्रेनिंग करनी पड़ती थी. कई बार कार्तिक को 8 घंटे की नींद भी नहीं मिलती थी,लेकिन ट्रेनिंग जारी रखनी थी .ये वैसी वाली फिल्म नहीं थी कि पहले आप बॉडी बना लो.उसके बाद शूटिंग होगी.इस फिल्म की शूटिंग चल रही थी और जिस तरह से किरदार बदल रहा था. उसकी बॉडी में भी उसी तरह से हमको बदलाव लाना था.
पूरे साल कार्तिक ने मीठा नहीं खाया
डाइट की बात करूं तो हमने स्टार्टिंग 2200 कैलोरी के साथ किया था . शुरुआत में ही हम कार्तिक को एग्जॉस्ट नहीं करना चाहते थे . जैसा कि मैं पहले भी बताया है कि कार्तिक का दोनों काम चल रहा था. शूटिंग और ट्रेनिंग के साथ-साथ उनके और दूसरे काम भी थे. यही वजह है कि हम अचानक से उनके खाना पीने में बहुत बड़ा बदलाव नहीं कर सकते थे.हर 15 दिन पर हम 100 कैलोरी 2200 में से हटाते जाते थे. हमारा खास फोकस होता था कि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कितनी होनी चाहिए. पूरे साल हमारा डाइट के साथ कुछ कम कुछ ज्यादा चलता रहा .आखिर के चार महीने में हमारा में फोकस पूरी तरह से प्रोटीन वाला डाइट हो गया था. इस दौरान हमारी कोशिश होती थी कि हम पूरी तरह से प्रोटीन वाला डाइट कार्तिक को दें.नेचुरल तरीके कार्तिक जितना प्रोटीन खा सकते थे. उसके साथ हमने प्रोटीन शेक भी दिया ताकि प्रोटीन की भरपूर मात्रा उनकी बॉडी को मिले।मीठा तो कार्तिक ने पूरे साल छोड़ रखा था.एक टुकड़ा भी उन्होंने नहीं खाया होगा।अपने बर्थडे पर उन्होंने केक काटा लेकिन खाया नहीं। फिल्म के आखिरी दिन की शूटिंग में निर्देशक कबीर खान ने कार्तिक को उनकी पसंदीदा मिठाई खिलायी थी. ट्रेलर में कार्तिक एक सीन में दौड़ते नजर आ रहे हैं, जिसमे उनकी बॉडी के सारे मसल्स दिख रहे हैं.उसे पार्टिकुलर सीन की शूटिंग के 2 दिन कार्तिक के पानी पीने की मात्रा को बहुत कम कर दिया और नमक भी डाइट में से हटा दिया ताकि बॉडी डिहाइड्रेट लगे और मसल्स अच्छे से परदे पर उभरकर सामने आये.
कार्तिक से शुरुआत में पुशअप भी नहीं हो रहा था
कार्तिक बहुत ही अच्छे लर्नर है.वह सीखने के लिए खुद को किसी भी हद तक पुश कर सकते थे. मैं बताना चाहूंगा जब हमने ट्रेनिंग शुरू की थी तो उनसे पुशअप तक नहीं होता था. उसकी वजह यह थी कि उन्होंने अपनी फिल्म फ्रेडी की शूटिंग खत्म की थी और उस वक़्त उनका बॉडी वेट 90 किलो था.उनकी फिजिकल ट्रेनिंग काफी समय से बंद भी थी. चंदू के लिए हमने स्टार्ट किया तो उनसे पुश अप नहीं हो रहा था. पुल अप भी नहीं हो रहा था. मैंने उनको बताया कि आप बॉक्सर हो तो अपने बॉडी के वेट के हिसाब से 50 प्रतिशत वजन के पुशअप मारना जरुरी है . अगर बॉडी वेट 80 किलो है, तो 40 किलो बैक पर रखकर पुश अप मार सके. कार्तिक ने पूरे समर्पण के साथ यह किया. उन्होंने बहुत मेहनत की है.40 किलो बैक पर रखकर पुश अप करने का लक्ष्य था. उन्होंने 50 किलो बैक पर रखकर पुश अप किया .शुरुआत में एक किलो रखकर कार्तिक से पुलअप नहीं होता था लेकिन बाद में वह 27 किलो वजन रखकर के साथ पुलअप कर लेते थे.
लोअर एब्स नहीं बन रहा था
कार्तिक ही नहीं बल्कि मेरे ख्याल से 99% आबादी का, जो सबसे मुश्किल एरिया बॉडी बनाने में होता है. वह लोअर एब्स को बनाना होता है. अपर एब्स थोड़ी मेहनत के बाद दिख जाते हैं,लेकिन लोअर एब्स को लाने में तपस्या लगती है. लोअर एब्स को बनाते हुए कार्तिक एक बार फ्रस्ट्रेटेड होकर यह भी बोल गए थे कि भाई यह बनेगा भी कि नहीं लेकिन शुक्र था कि थोड़ा टाइम ज्यादा लगा,लेकिन हमने कर दिया. कार्तिक की तपस्या रही है। करना है तो करना है. सुबह 9:00 बजे से लेकर रात 9:00 की शिफ्ट होती थी. 1 घंटे ट्रेवल कर करके होटल पहुंचना होता था कितना हेक्टिक शेड्यूल होने के बावजूद कार्तिक रात में 1 घंटे का वर्कआउट जरूर करते थे.अगर रात भर शूट चलती थी , तो सुबह बॉडी को थोड़ा रिलैक्स कर वह दोपहर में वर्कआउट करते थे.
बॉक्सिंग सीन्स की शूटिंग सबसे थी मुश्किल
चंदू चैंपियन की पूरी शूटिंग के दौरान मैं कार्तिक के साथ ही था. उनके साथ पुणे, वाई, महाबलेश्वर सभी जगहों पर गया था. सबसे मुश्किल शूट का गोरेगांव के स्टूडियो वाला था. जहां पर बॉक्सिंग रिंग का सेट लगाया हुआ था. वहां पर लगातार कार्तिक का फाइटिंग सीन था. वो भी वर्ल्ड लेवल के 5 अच्छे बॉक्सर के साथ और वह सीन काफी डिटेल में फिल्माया गया है. दस सेकंड में नहीं बल्कि डेढ़ से 2 मिनट में एक – एक फाइट सीक्वेंस को दिया गया है. इस फाइट सीन की शूटिंग के दौरान कार्तिक के राइट कंधों में चोट थी, तो पावर दिखाना और स्पीड जनरेट करना बहुत चैलेंजिंग था. वह शूटिंग फेज हमारा सबसे मुश्किल था , लेकिन कार्तिक ने हिम्मत नहीं हारी.
कार्तिक ने बॉडी बनाने के लिए ड्रग या डॉप नहीं लिया
मैं पिछले दस सालों से इंडस्ट्री में हूं. कार्तिक जैसा समर्पण मैंने आज तक नहीं देखा है.इस बन्दे ने बॉडी बनाने के लिए कोई डिस्ट्रॉयर या ड्रग्स नहीं लिया . कार्तिक की जगह कोई और होता तो कुछ भी कर सकता था. मैं नाम नहीं लूंगा लेकिन बॉडी बनाने के लिए एक्टर्स ज़्यादातर शॉर्टकर्ट रास्ता ले लेते हैं ,लेकिन कार्तिक ने किसी भी प्रकार का कोई शॉर्टकट नहीं लिया है. नेशनल लेवल बॉक्सर होने की वजह से होने की वजह से मैं कार्तिक के इस फैसले का बहुत ही सम्मान करता हूं. मैं इसे अपना सबसे बड़ा अचीवमेंट भी करार दूंगा. इंडस्ट्री के लिए भी क्योंकि इस बंदे ने इतनी अच्छी बॉडी बिना किसी ड्रग और डॉप के बनायी है.सबसे अच्छी बात है कि फिल्म खत्म हो गयी है लेकिन वह अभी भी अपनी फिटनेस के लिए समय निकाल रहा है.