Ram Gopal Varma: मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से तीन महीने की सजा सुनाए जाने के बाद फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं. इतना ही नहीं, सुनवाई के दौरान उनके गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया है. करीब सात साल पुराने मामले में सुनवाई के दौरान 21 जनवरी को राम गोपाल वर्मा कोर्ट में मौजूद नहीं थे.
चेक बाउंस मामले में राम गोपाल वर्मा दोषी करार
कोर्ट ने फिल्म निर्माता को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आरोपी माना. कोर्ट ने शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर पर 3.72 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया है. दरअसल 2018 में फिल्म निर्माता की कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया गया था. राम गोपाल वर्मा हाल के वर्षों में वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर रही हैं. यही नहीं कोविड-19 के दौरान उन्हें अपना ऑफिस तक बेचना पड़ा था.
वाईपी पुजारी ने क्या कहा
21 जनवरी को राम गोपाल वर्मा को सजा सुनाते हुए मजिस्ट्रेट वाईपी पुजारी ने कहा, “आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 428 के तहत सेट-ऑफ का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि आरोपी ने मुकदमे के दौरान हिरासत में कोई अवधि नहीं बिताई है.” 62 वर्षीय फिल्म निर्माता को मुख्य रूप से हिंदी और तेलुगु सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर सत्या, कंपनी और सरकार जैसी कई सफल फिल्में दी हैं.
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