Sector 36 Ending Explained: विक्रांत मेसी और दीपक डोबरियाल की क्राइम-थ्रिलर फिल्म इस वक्त नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. फिल्म की शुरुआत से लेकर एंडिंग तक फिल्म में कई ऐसे मोड़ आते हैं, जब लगता है कि अब आरोपी पकड़ा जाएगा और इंसाफ होगा. हालांकि, फिल्म के बचे आखरी 1 घंटे में बच्चों की हत्या करने वाला प्रेम (विक्रांत मेसी) पकड़ा तो जाता है और सारे जुर्म कुबूल भी लेता है. जिसे देखकर लगता है कि मुजरिम पकड़ा गया है, अब इंसाफ हो जायेगा. लेकिन वहीं, फिल्म के आखरी आधे घंटे में कुछ ऐसा होता है, जिसे देखने के बाद आपका दिमाग कन्फ्यूजन से भर जाता है और आप गूगल बाबा से बस एक ही सवाल करते हैं कि आखिर ये था क्या. तो आइए आज हम आपके सारे कन्फ्यूजन को दूर करते हैं.
सेक्टर 36 की एंडिंग क्या है?
सेक्टर 36 की एंडिंग की बात करें तो आखरी के आधे घंटे में प्रेम इस बात को कुबूल लेता है कि उसी ने चुमकी की हत्या की और फिर उसे मारने के बाद उसका रेप करके उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए. साथ ही वह यह भी बताता है कि उसी ने उन 30 की बच्चों का शोषण कर, उन्हें पहले मारा फिर उनके मास को पका कर खा गया. इसकी शुरुआत उसने तब की जब उसके कसाई मामा उसका शोषण करते थे, जिससे तंग आकर उसने एक दिन उन्हें चाकू से वार करके मार दिया और उनका कलेजा पका कर खा लिया था, तभी से उसकी जुबान पर इंसान के मीट का स्वाद चढ़ गया.
यहां तक तो सब साफ-साफ समझ आता है लेकिन कन्फ्यूजन तब बढ़ती है, जब पांडे को सस्पेंड कर दिया जाता है और फिर वह प्रेम से मिलने पुलिस स्टेशन पहुंचता है और उसे पूछता है कि क्या इन सब में बलबीर बस्सी भी शामिल था, और इसका सबूत क्या है. तब प्रेम उसे एक सदाबहार गाने की सीडी के बारे में बताता है, जिसे वह अपनी बीवी के पास गांव में भेज चुका होता है.
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सदाबहर सीडी में क्या है?
सदाबहार सीडी में बलबीर बस्सी के सारे काले कारनामों का काला चिट्ठा छुपा हुआ है, जिसके बारे में सिर्फ उसके नौकर प्रेम को ही मालूम रहता है.
पांडे की मौत कैसे होती है?
पांडे उस सीडी की खोज में गांव पहुंचता है और जब वह वापस लौटता है, तो कुछ गुंडे उसे लिफ्ट देने के बहाने, उसकी हत्या कर देते हैं और सीडी तोड़ के फेंक देते हैं. वहां, बलबीर खुद को बचाने के लिए अपना सारा इल्जाम प्रेम पर डाल देता है और बेगुनाह साबित हो जाता है. फिर 6 महीने बाद का सीन दिखाया जाता है, जब पांडे का खास दोस्त पाठक उसकी पोस्ट पर तैनात हो जाता है. लेकिन यहां पाठक कुछ अलग अंदाज में नजर आता है. जिसे देखकर ऐसा लगता है कि पांडे की मौत के पीछे और बस्सी के खिलाफ सबूत मिटाने में पाठक बलबीर से मिला हुआ रहता है, क्योंकि सिर्फ एक वही था, जिसे पता था कि पांडे कहां जा रहा है. फिल्म की आखिर में पाठक के सबोर्डिनेट के घर के दरवाजे पर कोई खटखटाता है, जब वह बाहर निकलकर देखता है तो वहां उसी नाम की एक सीडी मिलती है.
सेक्टर 36 का सीक्वल
फिल्म की एंडिंग को देख हम इस बात की पुष्टि तो नहीं कर सकते कि मेकर्स का इशारा फिल्म के सीक्वल की और है. बात करें अगर फिल्म की तो यह क्राइम थ्रिलर फिल्म नोएडा के निठारी किलिंग्स की सच्ची घटना पर आधारित है.