फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री किसी भी मुद्दे पर बोलने से हिचकिचाते नहीं है. अपने हालिया ट्वीट में, विवेक अग्निहोत्री ने सभी को याद दिलाया था कि हाल ही में संपन्न कान्स फिल्म महोत्सव “फिल्मों के प्रदर्शन के लिए है और यह फैशन शो नहीं है”. अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताते हुए वे उन्होंने कहा, “फिल्मों की जगह फैशन ने ले ली है और वो भी उस तरह के फैशन के साथ जो रियल होने की बजाय सनसनी पैदा करने वाला हो. अब, अजीब दिखना और दर्शकों को चौंका देना फैशन में है.
विवेक अग्निहोत्री हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए उस समय को याद करते हैं, जब वे अपनी फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के लिए कान्स फेस्टिवल में गए थे, और तुरंत महसूस किया कि ‘यह एक फैशन शो बन गया है’. वह याद करते हैं, “मैंने देखा कि फैशन मॉडल अजीब आउटफिट पहने हुए रेड कार्पेट पर मुख्य आकर्षण थे और बड़े से बड़े अभिनेता और निर्देशक गुजर गए और किसी ने उनकी परवाह नहीं की.
यह पूछे जाने पर कि कान्स में फिल्मों पर फैशन के हावी होने पर बॉलीवुड अभिनेता चुप क्यों हैं, अग्निहोत्री ने जवाब दिया, “वे ब्रांड प्रचार करने में व्यस्त हैं और इसलिए उन्हें चुप रहना पड़ता है. यह ऐसा ही है, जैसे अगर आप किसी की शादी में डांस करते हैं और उसके लिए पैसे लेते हैं, तो आप शादी में खाने की आलोचना नहीं कर सकते. उनकी कोई रीढ़ नहीं बची है. साथ ही, बॉलीवुड अभिनेता सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बन गए हैं, इसलिए वे अब अभिनय नहीं कर रहे हैं. उनके लिए जिंदगी मस्त है.”
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एक और बात जो फिल्म निर्माता को कान्स फिल्म फेस्टिवल के 76 वें संस्करण के बारे में “बेहद अजीब” लगी, वह रेड कार्पेट पर कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की उपस्थिति थी. उन्होंने कहा कि ये पता ही नहीं चला कि उन्हें इतनी लाइमलाइट क्यों मिली. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इनइन्फ्लुएंसर को फीचर फिल्मों से क्या लेना-देना है? आम तौर पर दर्शकों के लिए यह बहुत अनुचित था, मैं किसी की काबिलियत या क्षमता पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं, लेकिन भारत से कान्स में भाग लेने वाले अधिकांश अभिनेताओं की कोई भी फिल्म वहां नहीं थी. “