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Yudhra Movie:युध्रा से हॉलीवुड फिल्म ग्लेडिएटर की स्टंट टीम जुड़ी है..निर्देशक ने और भी किये खुलासे

युध्रा फिल्म के एक्शन की चर्चा उसके ट्रेलर लांच के साथ ही शुरू हो गयी थी.फिल्म के निर्देशक रवि उद्यावर ने इस इंटरव्यू में फिल्म के एक्शन दृश्यों की शूटिंग के बारे में डिटेल में जानकारी सांझा की है.

yudhra movie:फिल्म युध्रा ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दिया है.सिद्धांत चतुर्वेदी,राघव जुयाल,मालविका मोहनन और राज अर्जुन अभिनीत इस फिल्म में के निर्देशक रवि उद्यावर हैं.वह अपनी इस फिल्म की यूएसपी इसके एक्शन और साउंड डिजाइन को देते हैं.उन्हें उम्मीद है कि ये दोनों ही पहलू दर्शकों को थिएटर में एक अलग ही रोमांच देगा. इस फिल्म की मेकिंग की जर्नी पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश 

 
मॉम की रिलीज के बाद इतना लंबा वक्त दूसरी फिल्म के लिए क्यों लगा?

जैसा कि सभी को पता है कि 2 साल तो कोविड ने ही ले लिए. हमने अनाउंसमेंट भी की थी तो उसमें 2022 कहा था और फिल्म 2024 में रिलीज हो रही है ,तो हमने 2 साल ही ज्यादा वक्त लिया है. कोविड के तुरंत बाद हम शूटिंग पर भी जा नहीं सकते थे. हमारी फिल्म को हम लिमिटेड लोगों के साथ शूट नहीं कर सकते थे. इन सारी नियमों के मानते हुए एक्शन फिल्म शो करना आसान नहीं होता है बहुत सारे लोग लगते हैं.सच कहूं तो मुझे लगता है कि मेरी फिल्म सही वक्त पर आई है क्योंकि अभी दर्शक एक्शन फिल्मों को देखना बहुत पसंद कर रहे हैं. राघव जुयाल की अपनी एक फैन फॉलोइंग बन गई है.

फिल्म में आप एक एंग्री यंग मैं को दिखा रहे हैं, इनदिनों बहस हो रही है कि ऐसी फिल्में समाज में गलत उदाहरण पेश कर रही हैं ?

मेरी फिल्म में ग्लोरिफिकेशन नहीं किया गया है.हम दिखा रहे हैं कि आपका गुस्सा आपको कितना नुकसान पहुंचा सकता है.

युध्रा के किरदार के लिए क्या सिद्धांत आपकी पहली पसंद हमेशा से थे? 

मैंने उनका काम गली ब्वॉय में देखा था.  अपने किरदार को जिस तरह से उन्होंने परफॉर्म किया था. उसका जो बॉडी लैंग्वेज था. उसके बिहेवियर में जो इंटेंसिटी थी. मैं ऐसा एक्टर चाहता था ,जो उतनी ही आसानी से इस इंटेंस किरदार को प्ले करें. सच कहूं तो इतना एफर्टलेसली परफॉर्म करना आसान नहीं होता है. मुझे लगा कि इसमें कुछ तो ऐसा है ,जो हम ब्यूटीफुली युद्रा के किरदार में यूज कर सकते हैं.इस तरह से सिद्धांत की एंट्री हो गयी.

राघव ने किल फिल्म से अपने आप को साबित कर दिया है,लेकिन जब आपने उन्हें अपनी इस फिल्म के लिए कास्ट किया था तब उनके एक्टिंग को कोई जानता नहीं था, ऐसे में आपने राघव को क्यों कास्ट किया?

मैंने उनको डांस इंडिया डांस में देखा है.मैंने उनकी कुछ रील्स को भी देखा था. मुझे उनका बिहेवियर बहुत ही इंटरेस्टिंग लगता था. इस फिल्म के लिए जब मैं राज अर्जुन को कास्ट किया. इस फिल्म में वह राघव के पिता की भूमिका में है. वे काफी इंटेंस है. उनकी एनर्जी से मैं अलग जाना चाहता था. मुझे एक ऐसा बंदा चाहिए था,जो उनकी एनर्जी को आगे ले जाए. मैंने उनकी एक सीरीज देखी थी.बहुत हुआ सम्मान. उसमें उन्होंने एक रेगुलर लड़के का ही रोल किया था,लेकिन मैंने उनकी आंखों में कुछ देखा था. मुझे लगा कि बिगड़े हुए आप का बिगड़ा बेटा इससे बेहतर कोई नहीं बन सकता है. इसके अलावा मेरे जेहन में यह भी चल रहा था कि सिद्धांत के अपोजिट में कोई युवा एक्टर ही लूं क्योंकि मैं युवा दर्शकों के लिए स्टाइलिश और कूल एक्शन फिल्म बनाना चाहता था.


आपकी फिल्म की यूएसपी क्या है ?

फिल्म की यूएसपी में इसके साउंड डिजाइन और एक्शन दृश्यों को देना चाहूंगा. मुझे लगता है कि साउंड डिजाइन की भी बहुत अहम भूमिका होती है क्योंकि वह रोमांच को बढ़ाता है. मुझे लगता है कि थिएटर में लार्जर देन लाइफ सिनेमा देखने का अपना एक अलग मजा होता है और युद्रा वह अनुभव आपको देती है.छोटे-छोटे सीन में छोटे-छोटे डिटेल है.जो आपको पूरी तरह से फिल्म से जोड़े रखता है. हमने डिजाइन ऐसा किया है कि लोग थिएटर में आए और सीन को देखकर पूरी तरह से उसमें खो जाए.अभी वह अनुभव सिनेमा में बहुत कम मिलता है इसलिए लार्जर देन लाइफ सिनेमा से उस फीलिंग को वापस से दर्शकों को देना चाहते हैं.

इस फिल्म में आपके लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग क्या था? 

एक्शन का ही नाम लेना चाहूंगा.वैसे पूरी फिल्म ही मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण थी. हमारी जो शेड्यूल थे उसे हिसाब से हमें लोकेशन में एक्शन करना था. इंटरनेशनल एक्शन के बंदे आए थे. जिन्होंने ग्लेडिएटर जैसी फिल्म में काम किया. उन्होंने फिल्म का क्लाइमैक्स डिजाइन किया था. पुर्तगाल से एक्शन डायरेक्टर आए थे. हमने जो बाइक राइडिंग शूट किया है उसके लिए हमने तीन प्रोफेशनल बाइक राइडर्स को फिल्म से जोड़ा था. जो हाई स्पीड में बाइक राइडिंग करते हैं.  इस फिल्म में मैंने अलग ये भी किया है कि मैं सारे एक्शन रियल टाइम में शूट किया. आप देखेंगी मोस्टली,जो एक्शन फिल्में होती है.वे बहुत ही हाई स्पीड में शूट होती हैं फिर उनको ड्रामाटाइज करते हैं. इस  फिल्म की एनर्जी ही अलग है, क्योंकि हमने लाइव किया है. भले ही वह एक दूसरों को मार रहे हैं तो भी  हमने उसे भी रियल टाइम नहीं शूट किया. स्लो मोशन में जो आप फील करते हो हमने उसे वैसे ही शूट किया है.सभी को ये बात पता है कि मैं आर्ट का स्टूडेंट रहा है इसलिए इस फिल्म को मैंने स्टोरी बोर्ड की तरह गड़ा है. विजुअल डायरेक्टर हूं तो मैं सारी चीजों को विजुअल देखता हूं. दृश्यों  को शूट करने से पहले मैंने प्रीवियस किया था. प्रीवियस कंप्यूटर ग्राफिक्स को बोलते हैं जो आप बनाते हो. मुझे उसे भी कलर क्या होगा कितना होगा.वो सब मैंने पहले से तय कर रखा था फिर उसी हिसाब से शूटिंग हुई.

फिल्म की शूटिंग कहां कहां हुई है?

पुर्तगाल, भारत, इंटरनेशनल पोर्ट मुद्रा वहां पर भी हम शूट करने गए थे.

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