17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

EXCLUSIVE : सुनील ग्रोवर अब नहीं नजर आयेंगे महिला किरदारों में…बतायी ये वजह

छोटे परदे और फिल्मों के बाद अभिनेता सुनील ग्रोवर डिजिटल माध्यम में अपने कैरियर को नयी दिशा दे रहे हैं. उनकी वेबसीरीज सनफ्लॉवर जी 5 पर जल्द रिलीज होने वाली हैं. उनकी इस वेब सीरीज,डिजिटल माध्यम और कॉमेडी जॉनर पर उनसे हुई उर्मिला कोरी की खास बातचीत...

छोटे परदे और फिल्मों के बाद अभिनेता सुनील ग्रोवर डिजिटल माध्यम में अपने कैरियर को नयी दिशा दे रहे हैं. उनकी वेबसीरीज सनफ्लॉवर जी 5 पर जल्द रिलीज होने वाली हैं. उनकी इस वेब सीरीज,डिजिटल माध्यम और कॉमेडी जॉनर पर उनसे हुई उर्मिला कोरी की खास बातचीत…

सनफ्लॉवर से किस तरह से जुड़ना हुआ

निर्माता निर्देशक विकास बहल ने मुझे पहले भी कुछ प्रोजेक्ट आफर किए थे लेकिन बात नहीं बन पायी थी फिर उन्होंने मुझे सनफ्लॉवर की स्क्रिप्ट भेजी और कहा कि बताओ कैसी है. मुझे स्क्रिप्ट बेहद पसंद आयी तो मैं प्रोजेक्ट से जुड़ गया. विकास बहल की फिल्में मुझे बेहद पसंद हैं खासकर क्वीन तो मेरी सबसे पसंदीदा फ़िल्म है. सनफ्लॉवर उनका ओटीटी डेब्यू है तो मैं बहुत खुश हूं कि मैं इसका हिस्सा हूं. इस सीरीज की शूटिंग सेट पर मैं कॉल टाइम से आधे घंटे पहले पहुंच जाता था. एक तो लॉक डाउन के बाद शूटिंग शुरू हुई थी उसका उत्साह था. अच्छी स्क्रिप्ट मिली थी उसका उत्साह और बेजोड़ टीम के साथ काम करने का उत्साह.

इस वेब सीरीज का चेहरा आप हैं तो क्या इससे प्रेशर रहता है?‍

सीरीज की स्क्रिप्ट उम्दा है और शूटिंग भी काफी मजेदार रही. थोड़ा दिल धक धक करता है कि अपने को इतनी पसंद आयी दर्शकों को भी ये आएगी या नहीं.

सेलेब्रिटीज़ होने के नाते हाउसिंग सोसाइटी में आपके अनुभव कितने अलग होते हैं?

फ़ोटो खिंचवाने पड़ते हैं. बोला जाता है कि सेक्रेटरी साहब के भतीजे आए हैं देहरादून से तो एक दो फ़ोटो खिंचवा लीजिए. इतना तो आप कर ही सकते हैं.

यह सीरीज मुम्बई की मिडिल क्लास हाउसिंग सोसाइटीज पर है , शुरुआती दौर में आपका कैसा अनुभव रहा है?

मैं हरियाणा के जिस छोटे से गाँव से आता हूं. वहां मोहल्ले होते हैं, घर होते हैं. मैं जब मुंबई सबसे पहले आया था तो जुहू के एक अच्छी सोसाइटी में रहता था . थोड़े पैसे कमाकर लाया था. एक साल में पैसे खत्म हो गए तो गोरेगांव के वन रूम किचन अपार्टमेंट में शिफ्ट होना पड़ा तो समझ आया कि मुम्बई के और भी कई रूप हैं. उस वक़्त सबसे बड़ी उपलब्धि लगती थी कि मैं ट्रेन में चढ़ गया. दूसरी उपलब्धि लगती थी कि जिस स्टेशन पर उतरना है वहां उतर गया. फिर उपलब्धि होती थी बस में सीट मिलने पर. महिलाओं की सीट को देखकर लगता कि काश मैं भी महिला होता.(हंसते हुए)शायद बस में महिलाओं पर रिज़र्व सीट को देखकर ही मैंने तय किया होगा कि इसको एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लेकर आते हैं. मुझे बस में उस सीट पर बैठने नहीं मिला तो अब महिला ही बन जाता हूं. काफी अरसे तक मैं महिला बना रहा फिर लोगों ने पकड़ लिया कि तू तो महिला नहीं है. अब मैंने दाढ़ी बढ़ाकर काम करना शुरू कर दिया है.

गुत्थी, रिंकू जैसे महिला के किरदारों को मिस करते हैं?

मुझे लगता है कि महिला की सीट पर महिला ही होनी चाहिए. पुरुषों का बैठना गलत है.

क्या अब आप महिला किरदारों को नहीं करेंगे?

मुझे नहीं लगता कि अब मुझे करना चाहिए क्योंकि बहुत कर लिया. अब फिर से करूंगा तो यही लोग कहेंगे कि इनको बस यही आता है. सच बात है वही करता रहूंगा तो दूसरी चीज़ें कब करूंगा. मेरी लाइफ में कई चीज़ें किस्मत से अपने आप होती चली गयी. ओटीटी प्लेटफार्म आ गया और मुझे अलग अलग तरह का काम आफर होने लगा. फिल्में भी मिलने लगी है. कुलमिलाकर अलग ही मोड़ ले लिया है मेरे कैरियर ने जो मेरे कंट्रोल में नहीं था लेकिन मेरे भाग्य में लिखा था.

क्या आपको लगता है कि एक एक्टर के तौर पर ये बेस्ट फेज है?

बेस्ट फेज है या नहीं, पता नहीं लेकिन मुझे लगता है कि मैं नवोदित एक्टर हूं. जिस तरह के रोल आफर हो रहे हैं. काम मिल रहा है. मज़ा आ रहा है.

क्या कभी लगता है कि कॉमेडी जॉनर से भी ब्रेक लेना चाहिए?

नहीं,मुझे लगता है कि कॉमेडी सबसे बड़ा पुण्य का काम है. बहुत कम लोगों के पास ये खूबी होती है कि वो अच्छी टाइमिंग के साथ कॉमेडी कर सकें. हां ये कोशिश होती है कि हर बार नए तरीके से कोई बात कॉमेडी के ज़रिए कह सकूं.

कोई खास किरदार जो आपका ड्रीम रोल है?

हॉलीवुड और बॉलीवुड की बहुत सारी फिल्में देखकर लगता है. नाम नहीं ले सकता अगर लिया तो जिनके पसंदीदा एक्टर ने वो किरदार किया है वो सोशल मीडिया पर मेरी ट्रॉल्लिंग शुरू कर देंगे कि अच्छा तू करेगा. नाम नहीं ले सकता हूं लेकिन ये ज़रूर कहूंगा कि बच्चन साहब ने अच्छा किया है.

डिजिटल मीडियम में काम करते हुए एक्टर के तौर पर किन बातों का आप विशेष ख्याल रखते हैं?

प्रोजेक्ट आपको अच्छा लगना चाहिए. दूसरा जो प्रोजेक्ट आप साइन कर रहे हैं वो किसी की भावना और आस्था को चोट ना पहुँचे. ये बात ध्यान में रखता हूं.

कोविड ने सबकी ज़िन्दगी को बदला है आपकी ज़िंदगी में सबसे बड़ा बदलाव क्या आया है?

मेरी सुनने की क्षमता बढ़ गयी है. रिश्तेदारों के लगातार फ़ोन आते हैं बोलते हैं कि अभी कहाँ जाना है तुझे बात कर. आधे पौने घंटे तक बात होने के बाद फिर बोलते हैं और सुना. अब और क्या सुनाऊं कव्वाली सुना दूं. एक के बाद फिर दूसरे रिश्तेदार का कॉल. फ़ोन पर मेरे बात करने की क्षमता 6 से 7 घंटे हो गयी है.

शूटिंग रुकने की वजह से क्या आपका भी कोई प्रोजेक्ट रुक गया है?

हां एक फ़िल्म और एक वेब सीरीज की शूटिंग अटक गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें