लॉकडाउन में पौराणिक टीवी सीरीयल ‘रामायण’ एक बार फिर स्टार प्लस चैनल पर प्रसारित किया जा रहा है. रामानंद सागर द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित “रामायण” पहली बार 1987 में प्रसारित हुई थी और वर्षों से यह लोगों के दिलो में राज कर रहा है. इस शो में भगवान राम के रूप में अरुण गोविल, देवी सीता का किरदार दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण का किरदार सुनील लहरी निभाया था. इनके अलावा मंथरा के रूप में ललिता पवार, अरविंद त्रिवेदी ने रावण और दारा सिंह ने हनुमान के रूप में अभिनय किया था. बहुत से लोगों को पता नहीं है कि शो के निर्माता रामानंद सागर ने इस पौराणिक गाथा का टेलीविजन के लिए एक क्लासिक अनुवाद तैयार किया था.
इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है जिसे रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने उस किताब में साझा किया है जो उन्होंने अपने पिता के जीवन पर लिखी है- एन एपिक लाइफ: रामानंद सागर: फ्रॉम बरसात टू रामायण (An Epic Life: Ramanand Sagar: From Barsaat to Ramayan).
1942 में, जब रामानंद 25 साल के थे तो एक कश्मीरी फकीर पंडित नित्यानंदजी ने भविष्यवाणी की थी कि रामानंद सागर रामायण की कथा दोबारा कहेंगे. 1976 में, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, श्री मोहला, ने रामानंद के ज्योतिषीय चार्ट का अवलोकन करते हुए कहा था कि रामानंद सागर सिनेमा के माध्यम से विश्व स्तर पर आध्यात्मिक जागृति पैदा करेंगे. आगे चलकर रामानंद सागर ने यह सुनिश्चित किया कि उनका यह दृष्टिकोण वास्तविकता में बदल जाए और बाकी तो इतिहास गवाह है!
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रामायण सीरीयल ने देश सहित दुनियाभर में प्रसिद्धि पाई. बुराई पर अच्छाई की जीत दर्शाने वाली इस कथा ने सबका मन जीत लिया. 1987 में जब पहली बार यह टीवी पर प्रसारित किया जाता तो लोगों ने खूब प्यार लुटाया. कहा जाता है कि रविवार को सड़कें सुनसान हो जाया करती थी क्योंकि सभी लोग अपनी टीवी से चिपके रहते थे. रामानंद सागर के रामायण ने भगवान राम की कहानी को विस्तार से वर्णित किया था.
रामानंद सागर ने ‘रामायण’ बनाने का फैसला उस वक्त किया था जब छोटे पर्दे पर इतनी बड़ी सीरीज बनाने का चलन नहीं था. शुरुआत में रामानंद सागर को ‘रामायण’ के निर्माण के लिए फंड्स जुटाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा था. लेकिन जब उन्होंने 1986 में ‘विक्रम और बेताल’ शो बनाया और वह हिट रहा तो उन्हें फाइनेंसर्स मिलने लगे थे. ‘रामायण’ का टीवी पर पहली बार प्रसारण साल 1987 को हुआ था. जिसके बाद इस शो ने अपनी अलग पहचान बनाई और काफी लोकप्रिय रहीं.
बता दें कि 87 वर्ष की आयु में रामानंद सागर का निधन हो गया था. रामानंद ने 32 लघुकथाएं, 4 कहानियां, 1 उपन्यास, 2 नाटक लिखे हैं. वहीं, रामानंद सागर की रामायण इतने सालों बाद भी दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही है. सीरियल से जुड़े हर किरदार ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं, फिर चाहे वो अरुण गोविल हों या हो सुनील लहरी. उनकी पहचान घर-घर में होने लगे.