चर्चित नागपुरी अभिनेता विवेक नायक (Vivek Nayak) अरसे से झॉलीवुड की फिल्मों से जुड़े हैं. उनके म्युजिक वीडियो रिलीज होते ही वायरल हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है. झारखंड के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने क्षेत्रीय सिनेमा में हुए बदलाव पर ‘प्रभात खबर’ (prabhatkhabar.com) से खास बातचीत की. उन्होंने उन वजहों का भी खुलासा किया, जिसके कारण हम दूसरे क्षेत्रीय सिनेमा से पीछे हैं.
विवेक नायक कहते हैं कि निश्चित तौर पर समय के साथ बहुत बदलाव हुए हैं. लेकिन, सबसे बड़ी वजह यह है कि कोई भी प्रोड्यूसर यहां की फिल्मों में पैसे लगाना नहीं चाहता. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हमें ऑडियंस ही नहीं मिलते. फिल्म बनाने पर जितनी लागत आती है, उतना भी रिटर्न नहीं मिल पाता. पहले सरकार सब्सिडी देती थी, उसे भी बंद कर दिया गया है. सब्सिडी से हमारी इंडस्ट्री को कुछ फायदा हुआ था. हमारे यहां कई शानदार कलाकार हैं और टेक्निकल सपोर्ट भी है. लेकिन, क्षेत्रीय सिनेमा को यहां बहुत तवज्जो नहीं दी जाती.
विवेक नायक कहते हैं कि सरकार को झॉलीवुड के फिल्मकारों की मदद करनी चाहिए. यहां एक फिल्म सिटी होनी चाहिए. कम से कम झारखंड के कुछ शूटिंग लोकेशंस पर क्षेत्रीय कलाकारों को फीस से छूट दी जानी चाहिए. मेन रोड में भी शूट करने के लिए हमें बहुत कुछ झेलना पड़ता है. राज्य के बाहर से आने वाली टीम से लोकेशन के पैसे लेना सही है, लेकिन लोकल टीम को थोड़ी रियायत दी जानी चाहिए. हमें अपनी जेब से पैसे लगाने पड़ते हैं, परेशानी तो है ही. सरकार को स्क्रीन पर हमारे टीजर चलाने की भी अनुमति देनी चाहिए.
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विवेक नायक कहते हैं कि झारखंड की वादियां जितनी खूबसूरत हैं, यहां के लोग भी उतने ही भोले-भाले हैं. हम जब गांव-देहात में शूटिंग के लिए जाते हैं, तो लोगों का प्यार पाकर गद्गद् हो जाते हैं. यहां कई बॉलीवुड फिल्मों की भी शूटिंग हो चुकी है. दूसरे राज्यों के कलाकार भी यहां का मनोरम दृश्य देखकर उसमें खो जाते हैं. हम अपने सिनेमा के माध्यम से इस खूबसूरती को दिखाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हमें दर्शकों का और सरकार का पूरा सपोर्ट मिले, तो हम और बेहतर कर पायेंगे.