कम बजट वाली तेलुगु फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ रिलीज के बाद से चर्चा में है. फिल्म समीक्षक तरण आदर्श के अनुसार, वर्ल्डवाइड इसने 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. यह भगवान श्री कृष्ण की माइथोलॉजी पर आधारित कहानी है, जो दर्शकों के दिलों को छू रही है. इसकी कामयाबी इसलिए भी खास है, क्योंकि आमिर खान स्टारर ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षाबंधन’ से ज्यादा भीड़ थिएटर में इसे देखने के लिए उमड़ती दिखी. फिल्म के मुख्य अभिनेता निखिल सिद्धार्थ से उर्मिला कोरी की हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश.
‘कार्तिकेय 2’ की जबरदस्त कामयाबी पर क्या कहना है, खासकर हिंदी भाषी क्षेत्रों में?
हमारी भारतीय संस्कृति पर हमने बहुत ही ईमानदार फिल्म बनायी है. हमें नहीं पता था कि हम इतनी सारी फिल्मों के बीच में आयेंगे और हमारी फिल्म लोगों को इतनी पसंद आयेगी. मैं बताना चाहूंगा कि हमने हिंदी डब के साथ 10 स्क्रीन से इसकी शुरुआत की थी. अभी एक हजार से ज्यादा स्क्रीन पर यह फिल्म चल रही है, जो बोनस है. इस्कॉन टेंपल ने भी हमसे संपर्क किया और इस फिल्म के कई शोज बुक किये.
आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षाबंधन’ के साथ क्लैश से डर नहीं लगा?
हमने कुछ भी तय करके नहीं किया, सब होता चला गया. पहले यह फिल्म 22 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन तब बहुत कई बड़े बजट की तेलुगु फिल्म रिलीज होने को थी, तो हमने अपनी छोटे बजट की फिल्म को आगे बढ़ा कर 13 अगस्त को रिलीज किया. हमें मालूम हुआ कि आमिर और अक्षय सर की फिल्में रिलीज हो रही हैं. सभी ने कहा कि यह बहुत बड़ा रिस्क होगा. हमें लगा कि हिंदी डब नहीं चलेगी. कम-से-कम फिल्म तेलुगु में तो चलेगी. हिंदी में भी हमने दो दिनों का गैप लिया था. ‘लाल सिंह चड्ढा’ और ‘रक्षाबंधन’ 11 अगस्त को रिलीज हुई, जबकि हमारी फिल्म 13 अगस्त को, लेकिन एक हफ्ते में सब कुछ बदल गया.
इसकी शुरुआत कितने स्क्रीन से हुई थी?
शुरुआत में हमने 10 स्क्रीन पर 50 शोज के साथ रिलीज किया. सभी शोज हाउसफुल थे. पब्लिक की डिमांड बढ़ी तो लोगों को शोज तो बढ़ाने ही पड़ेंगे. हमें सामने से एक्सहिबिटर के फोन आने लगे कि शोज को बढ़ाओ. 10 की स्क्रीन 50 में बदली, 50 से 100 और फिर 1000 स्क्रीन तक. मामला चल निकला.
आपकी कम बजट वाली फिल्म ने कई सौ करोड़ में बनी बॉलीवुड फिल्मों को टिकट खिड़की पर मात दे दी. इससे कितने उत्साहित हैं?
मैं किसी से तुलना नहीं करना चाहता, लेकिन खुश हूं कि हमारी फिल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों ने देखा. मैं बॉलीवुड की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं. बचपन में वीसीआर पर ‘शोले’ देखे बिना खाना नहीं खाता था. हम एक ही देश के लोग हैं. हमें ‘स्पाइडर मैन’ से भिड़ना चाहिए, अपने में नहीं.
कार्तिकेय 2′ की सफलता उसका हिंदू धर्म पर आधारित होना बताया जा रहा है?
फिल्म को चलने की कोई एक वजह नहीं होती है. बहुत से लोग बोलते हैं कि रामायण और महाभारत हिंदू मायथोलॉजी है, जबकि इसका पौराणिक इतिहास भी मौजूद है. हमारे पास पुरातत्व विभाग के सबूत हैं कि पानी के अंदर प्राचीन द्वारका नगरी मिली है. राम सेतु भगवान श्रीराम का गवाह है. हम इसी पॉइंट को लेकर फिल्म बनाना चाहते थे. हम चाहते हैं कि लोग इस पर सोचें और बात करें. हम चाहते थे कि बच्चे विशेष तौर पर इस फिल्म को देखें, क्योंकि उन्हें रामायण और महाभारत के बारे में कुछ पता नहीं है. मैं बचपन में कृष्ण जन्मभूमि मथुरा गया हूं. आज के कितने बच्चे जाते हैं. मुझे भगवान कृष्ण में विश्वास है, जिससे कहानी को मैंने पूरी ईमानदारी से जिया.
पिछले कुछ समय से कहा जा रहा है कि बॉलीवुड की फिल्में अपनी जड़ों से कट गयी हैं, इसलिए दर्शक भी उनसे दूरी बना रहे हैं?
जब भी हम दर्शकों को नब्ज को नहीं पकड़ पाते हैं, तो हम मुश्किल में पड़ जाते हैं, फिर चाहे यह बॉलीवुड हो, टॉलीवुड या फिर हॉलीवुड. हमें दर्शकों के हिसाब से बदलना होगा. दर्शक हमारे हिसाब से नहीं बदलेंगे. मुझे लगता है कि अभी पूरे देश का मूड है. वे अपनी कहानियां देखना चाहते हैं. मैं बताना चाहूंगा कि मेरी एक आंटी हैं, जो कई वर्षों से थिएटर नहीं गयी हैं. जब उन्हें ‘कार्तिकेय 2’ के बारे में पता चला कि वह हमारे कल्चर पर है, तो वह तुरंत मान गयीं.
अनुपम खेर भी इसमें अहम रोल में हैं. क्या हिंदी भाषी दर्शकों को जोड़ने के लिए उन्हें लिया गया?
दर्शकों के लिए नहीं, बल्कि स्क्रिप्ट की डिमांड थी. फिल्म का पहला भाग गुजरात, जबकि दूसरा हिमाचल में शूट हुआ है. हम किसी ऐसे एक्टर को चाहते थे, जो वहां से हो. हम सभी जानते हैं कि शिमला से अनुपम सर कितना कनेक्टेड हैं. उस वक्त ‘कश्मीर फाइल्स’ की भी शूटिंग चल रही थी, तो चीजें आसान होती चली गयीं. मैं अनुपम सर का बड़ा फैन रहा हूं. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. वे हमारे बॉलीवुड इंडस्ट्री के अनुभवी कलाकार हैं और उनसे काफी सीखने को मिलता है.