बिहार के मधुबनी की 14 वर्षीया स्टूडेंट दीक्षा कुमारी ‘कौन बनेगा करोड़पति 12’ के हॉट सीट में नज़र आ रही हैं. दीक्षा कहती हैं कि बहुत ही अच्छा अनुभव था. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारी लाइफ में ऐसा भी कुछ हो सकता है. बहुत अच्छा लगा मुम्बई गए. बच्चन सर से मिले. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
केबीसी के ज़रिए टीवी पर आने के बाद कैसा रिस्पॉस मिल रहा है?
ऐसा लग रहा है कि मैं फेमस हो गयी हूं. पापा को बहुत सारे फ़ोन कॉल्स आ रहे हैं. घर पर भी बहुत सारे दोस्त और रिश्तेदार आ रहे हैं. वो अपने दोस्तों को लेकर आ रहे हैं मिलवाने.
बिग बी के साथ अनुभव कैसा रहा?
बहुत ज़्यादा नर्वस थी. बच्चन सर बहुत ज़्यादा अच्छे हैं वे ऐसे बात करते हैं कि जैसे पुराने रिश्तेदार हैं. उन्होंने मधुबनी पर बात की. कहा बहुत सुंदर जगह है. उससे बहुत अच्छा लगता तो है लेकिन मैं बहुत ज़्यादा नर्वस थी अंत तक.
केबीसी का हिस्सा कैसे बनी?
मैंने टीवी पर एड देखी थी कि वेदांतु एप के ज़रिए स्टूडेंट्स केबीसी का हिस्सा बन सकते हैं तो मैंने उसमें हिस्सा लिया. कई सारे राउंड्स आए. मैं जवाब देती चली गयी और मेरा चुनाव हो गया.
केबीसी के लिए फिर कितनी तैयारी की?
सच कहूं तो तैयारी ही नहीं कर पायी.जब आपका नाम केबीसी के लिए आ जाता है.उसके बाद भी बहुत सारे फ़ोन कॉल्स आते हैं बहुत सारे इंटरव्यू होते थे.इसके साथ ही हमारे परिवार के लिए यह पहली बार था कि हम बिहार से बाहर जा रहे थे तो इतने उत्साहित थे कि कुछ तैयारी नहीं कर पायी.
केबीसी से अच्छी इनामी राशि जीतती हैं तो उसका क्या करेंगी?
अपनी उच्च शिक्षा के लिए उसे खर्च करूंगी. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक करने में भी दूंगी.
पढ़ाई में आप कैसी हैं, भविष्य को लेकर आपकी क्या प्लानिंग है?
अच्छी हूं.क्लास में हमेशा अच्छी रैंकिंग रही हैं. मैं आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हूं. 12 वी के बाद बीटेक करना है अच्छे कॉलेज से ,इसके लिए बिहार से बाहर निकलना पड़ेगा क्योंकि बिहार में इतने अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है. हां आईएएस ऑफिसर बनने के बाद मैं अपने गांव के विकास में ज़रूर कुछ करना चाहूंगी.
लॉकडाउन कैसा आपका समय बीता था कैसे पढ़ाई की?
एक तरह से अच्छा भी था और एक तरह से बोरिंग भी बीता था. मैं होस्टल में रहती हूं लेकिन कोरोना की वजह से मुझे वापस अपने घर आने का मौका मिला.परिवार के साथ समय बिताया लेकिन पढ़ाई अच्छे नहीं हो पायी. ऑनलाइन क्लासेज होती थी।नेटवर्क कई बार नहीं मिल पाता था।जिससे बहुत दिक्कत होती थी. सबकुछ नया नया भी था.पढ़ाई में फोकस ही नहीं कर पा रहे थे. मेरा भाई तो लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद नानी के घर चला गया था क्योंकि वहां नेटवर्क अच्छा था। मम्मी अकेले हो जाती थी इसलिए मैं नहीं गयी.
कोरोना को लेकर आपके गाँव और आसपास कैसा माहौल था?
शुरुआत में हमलोग को कुछ पता ही नहीं था कि क्या करना है. क्या सावधानी बरतनी हैं.यहां लोग ज़्यादा शिक्षित नहीं हैं ना ही जागरूक हैं और हमारे यहां की पुलिस भी सख्त नहीं थी कि सख्ती से सभी चीजों का पालन करवा सकें.जिसका मुझे बहुत दुख है. टीवी और मोबाइल के ज़रिए मालूम हुआ कि कैसे अपना ख्याल रखना है. हमलोग सावधानी रखते थे दूसरों को भी बोलते थे लेकिन वो कहते कि कोरोना वोरोना कुछ नहीं है। कई लोग कोरोना के चपेट में भी आए लेकिन रवैया फिर भी नहीं बदला.
लड़की होने के नाते क्या कभी आपको असमानता का सामना करना पड़ा?
लड़के लड़की का अंतर तो होता ही है लेकिन मेरे माता पिता ने कभी नहीं किया.केबीसी में मेरे आने जे बाद लोग और मोटिवेट होंगे कि पढ़ाई बहुत ज़रूरी है.वो बेटे बेटियों में अंतर ना करें ।उन्हें बराबर का मौका दें.वैसे मैंने अपने गांव में देखा है कि कई बच्चे घर संभालने में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.मम्मी पापा उनके मज़दूर होते हैं दोनों ही काम पर चले जाते हैं ऐसे में बच्चे ही घर और छोटे भाइयों की देखभाल करने के साथ साथ मवेशियों का भी ध्यान देते हैं ऐसे में वे पढ़ाई को समय नहीं दे पाते हैं लेकिन उनके मम्मी पापा भी काम नहीं छोड़ सकते वरना रोटी का संकट आ जायेगा.परेशानी बहुत सारी है.
पढ़ाई नहीं करती तो क्या करना पसंद है?
मुझे खेलना बहुत पसंद है. क्रिकेट,कबड्डी और बैडमिंटन ये सब खेलना मुझे बहुत पसंद है.
Posted By : Budhmani Minj