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malavika mohanan:बहुभाषी मालविका मोहनन अब प्रभास की वजह से इस भाषा को रही हैं सीख.. खुद किया खुलासा

साउथ फिल्मों का प्रसिद्ध चेहरा मालविका मोहनन इनदिनों हिंदी फिल्म युध्रा में नजर आ रही हैं. इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि आजकल फिल्में पैन इंडिया हैं, तो आपको भाषा पर भी पकड़ रखनी होगी.

malavika mohanan:साउथ फिल्मों का पॉपुलर चेहरा मालविका मोहनन ने बॉलीवुड फिल्मों में अपनी शुरुआत इस शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म युध्रा से की है.मालविका खुश हैं कि युध्रा जैसी यूथ से कनेक्ट करने वाली फिल्म से हिंदी सिनेमा में उनकी शुरुआत हुई है.मालविका बताती हैं कि वह आगे भी हिंदी और साउथ सिनेमा में इसी तरह से बैलेंस बनाकर चलना चाहती हैं और सशक्त महिला किरदारों को परदे पर परिभाषित करना चाहेंगी.उर्मिला कोरी से हुई बातचीत 

युध्रा में स्ट्रांग किरदार 
फिल्म में मैंने एक्शन भी किया है आमतौर पर लोगों को लगता है कि एक्शन फिल्म है,तो अभिनेत्री का रोल मासूम लड़की का होगा, लेकिन इस फिल्म में ऐसा नहीं है. इस फिल्म में मेरा बहुत ही स्ट्रांग महिला का किरदार है.जो फाइटिंग भी कर रही है.वैसे इस फिल्म में मुझे नाचने गाने का भी जबरदस्त मौका मिला है.आमतौर हम इसी तरह का सिनेमा देखकर बड़े हुए हैं, तो परदे पर वह सब करना बहुत ही खास था.मैं अपने को एक्टर सिद्धांत की भी तारीफ करनी चाहूंगी.वह सेट पर मेरा सबसे बड़ा चीयरलीडर था.मेरे एक्शन मूव्स से लेकर डांस मूव्स तक उसने सभी में मेरी तारीफ की है और बेहतर करने लिए मुझे मोटिवेट भी किया. 


तंगलान में मेरे माता पिता ने नहीं था पहचाना 

मेरी पिछली रिलीज फिल्म तंगलान में मेरे लुक को देखकर माता-पिता मुझे नहीं पहचान पाए थे.उस फिल्म में भी मेरा स्टंट सीन था. वह भी मेरे मातापिता के लिए आश्चर्य से भरा हुआ था कि उन्हें नहीं पता था कि मैं इतने अच्छे से स्टंट भी कर सकती हूं. उसके लिए मैं विक्रम सर को भी क्रेडिट दूंगी.क्योंकि मेरे ज्यादातर स्टंट सीन उनके साथ ही थे.फिल्म में हमारे फेस ऑफ वाले सीन की बहुत तारीफ हुई थी.वैसे वह किरदार मेरे दिल के बहुत खास रहेगा.सिनेमा का यह बेहतरीन दौर है कि उस तरह के किरदार लिखे जा रहे हैं. 

तंगलान की हिंदी रिलीज में यह हुई दिक्कत 

तंगलान एक बेहतरीन फिल्म थी. उसे साउथ के दर्शकों ने बहुत सराहा,लेकिन हिंदी में फिल्म को स्क्रीन ही नहीं मिले. मिले भी तो सिंगल स्क्रीन। मल्टीप्लेक्स नहीं मिले.इसकी वजह ये भी है कि फिल्म साउथ में पहले रिलीज हो गयी थी और हिंदी में जब रिलीज होने वाली होती है, तो उसके कुछ ही दिनों में ओटीटी में रिलीज होने का उसका समय हो जाता है, तो मल्टीप्लेक्स वाले फिल्म से वैसे भी दूरी बना लेते हैं. हिंदी दर्शकों को भी लगता है कि सीधे ओटीटी पर ही देख लेंगे. वैसे वह बेहद कमाल की फिल्म है और उसका असली मजा थिएटर में ही था. दुःख होता है, जब इतनी अच्छी फिल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों से जुड़ नहीं पाती है. उम्मीद है कि 

इन भाषाओं की क्लासेज ले रही हूं 

आजकल फिल्में पैन इंडिया हैं, तो आपको भाषा पर भी पकड़ रखनी होगी.मैं साउथ और बॉलीवुड में बैलेंस बना सकती हूं क्योंकि मैं कई भाषाओं को जानती हूं और कई भाषाओं की क्लासेज भी ले रही हूं.मैं हिंदी जानती हूं क्योंकि मेरा जन्म और पालन-पोषण यहीं मुंबई में हुआ है. मैं मलयाली परिवार में पैदा हुई हूं इसलिए वह मेरी मातृभाषा है. घर पर हम मलयालम में बात करते हैं. मेरा घर एक मिनी केरल जैसा है. मेरे माता-पिता ने हमारे घर में उस संस्कृति को जीवित रखा है.मेरे नाम में भी वह झलक आपको देखने को मिलती होगी.मेरी स्कूली शिक्षा अंग्रेजी माध्यम में होने के कारण मैं अंग्रेजी बोल लेती हूं. मैंने तमिल सीखी, मुझे पहले वह भाषा नहीं आती थी.जब आप अपने डायलॉग बोलते हैं और उसका अर्थ भी आप जानते हैं ,तो इससे आपके अभिनय में आपको मदद मिलती है.मैं तेलुगु भी सीख रही हूं,क्योंकि मैं प्रभास सर के साथ एक फिल्म कर रही हूं.मेरा मानना है कि किसी को खुद को किसी भाषा तक सीमित नहीं रखना चाहिए.आपको कई भाषाएँ आनी होंगी क्योंकि आप कहीं भी काम कर सकते हैं. मैं मणिरत्नम सर, राजा मौली सर और जोया अख्तर के साथ आगे काम करना चाहती हूं.


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