Manna Dey Birth Anniversary: महान भारतीय प्लेबैक सिंगर और संगीतकार मन्ना डे का जन्म 1 मई, 1919 को कोलकाता में हुआ था, उनका नाम प्रबोध चंद्र डे था. आज मन्ना डे की 105वीं जयंती है. उन्होंने कविता और सुर का ऐसा मिश्रण तैयार किया जैसा भारतीय सिनेमा में किसी और ने नहीं किया हो. चाहे वह रवीन्द्र संगीत हो, यादगार बंगाली गाने हों या बॉलीवुड के सबसे पॉप रेट्रो नंबर हों, उनकी बहुमुखी प्रतिभा को उनकी आवाज में दी गई हर धुन में देखा जा सकता है. उन्हें मन्ना डे ने अपने शानदार करियर में लगभग 4000 गाने रिकॉर्ड किए थे. उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें.
मन्ना डे को सिंगिंग के अलावा इसमें थी रूचि
मन्ना डे की गायन प्रतिभा तब सुर्खियों में आई जब वह स्कॉटिश चर्च कॉलेज में पढ़ रहे थे. बाद में उनकी पहली गायन शिक्षा उनके चाचा कृष्ण चंद्र डे और उस्ताद दबीर खान से मिली. संगीत के अलावा उन्हें मुक्केबाजी और कुश्ती में भी रुचि थी. मन्ना डे को पहली बार 1943 में फिल्म ‘तमन्ना’ में प्लेबैक सिंगर के रूप में पेश किया गया था. सभी को ये गाना काफी पसंद आया था. बाद में उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गानें दिए. जिसमें ‘से अमर छोटो बॉन’, ‘कॉफी हाउसर सेई अड्डा’, ‘अमी जे जलसाघरे’ जैसे बंगाली क्लासिक्स शामिल थे.
मोहम्मद रफी ने मन्ना डे की आवाज के दीवाने
मोहम्मद रफी ने एक बार कहा था वह मन्ना डे के इतने बड़े फैन है, कि केवल उनके ही गाने सुनते हैं. मन्ना डे का गोल्डन युग 1953-1976 था. यह शायद वह समय था, जब लगभग हर पुरुष सितारे उनकी सिग्नेचर प्लेबैक आवाज का आनंद लेते थे. दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, किशोर कुमार और राज कपूर उनके दीवाने थे.
इन पॉपुलर गानों को दे चुके हैं आवाज
किशोर कुमार के साथ मन्ना डे का जुड़ाव अद्भुत रहा. उन्होंने किशोर के साथ दो बेहद लोकप्रिय गाने दिए. जिसमें शोले से ‘ये दोस्ती’ और पड़ोसन से ‘एक चतुर नार’ शामिल है. अपने पूरे करियर के दौरान, मन्ना डे ने कई तरह की भावनाओं वाले गाने गाए. जिसमें रोमांटिक, इमोशनल शामिल है. उनकी कुछ सुपरहिट गानों में ‘एक चतुर नार करके श्रंगार’, ‘बाबू समझो इशारे’, ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’, ‘ये रात भीगी भीगी’, ‘ए भाई जरा देख के चलो’, ‘अभी तो हाथ में जाम है’, ‘झनक झनक तोरि बाजे पायलिया’ शामिल है.
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उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘जिबोनेर जलसाघोरे’ टाइटल से साल 2005 में प्रसिद्ध आनंद प्रकाशक की ओर से प्रकाशित की गई थी, जिसे बाद में अंग्रेजी में ‘मेमोरीज कम अलाइव’, हिंदी में ‘यादेन जी उठी’ और मराठी में ‘जिबोनेर जलसाघोरे’ के रूप में ट्रांसलेट हुई. संगीत निर्देशक कल्याणजी ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय संगीत इंडस्ट्री ने मन्ना डे जैसा शिक्षित गायक पहले कभी नहीं देखा गया. जिस तरह से वह शास्त्रीय संगीत, ठुमरी और गजल की सभी बारीकियों को जोड़ते हुए एक ठेठ फिल्मी गीत गाते थे, वैसा प्रतिभा कभी नहीं देखा गया था.
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