मिर्जापुर सीरिज के दूसरे सीजन को दर्शकों का काफी प्यार मिल रहा है. खासकर फिल्म में चचा यानी नवाब साहब का किरदार निभाने वाले हेमंत कपाड़िया ने अपनी एक्टिंग से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. आपको बता दें मिर्जापुर के सीजन 1 में चचा का बस एक डांसिंग सीक्वेंस था, जिसे मुन्ना त्रिपाठी का किरदार निभाने वाले दिव्येंदु रोकते हैं और कहते हैं रेस्ट कर लिजिए नहीं तो रेस्ट इन पीस हो जाइएगा. शो को आए दो साल हो गए पर नवाब साहब के किरदार को लोगों द्वारा काफी पसंद आया. मिर्जापुर के सीजन 2 में भी हेमंत का एक छोटा सा किरदार रखा गया था जो मुन्ना के खिलाफा गवाही देने के लिए तैयार हो जाता है, पर मुन्ना उन्हें भी गोली मार देता है. मुन्ना और नवाब साहब के बीच की जो बात-चीत वाला सीन है वो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है.
सीजन 1 के शादी की रात ही मरने वाले थे चचा, दिव्येंदु ने किया खुलासा
मिर्जापुर के सीजन 1 के अंतिम एपिसोड योग्य में जिस शादी में आकर मुन्ना त्रिपाठी ने खून खराबा कर दिया था, उसी शादी में चचा भी उनके हाथों मरने वाले थे, पर दिव्येंदु यानी मुन्ना त्रिपाठी ने एक इंटरव्यू में बताया कि नवाब साहब का किरदार निभा रहे हेमंत कपाडिया मरने वाले थे, पर उनका कहना था कि वो अपनी शेरवानी पर खून के धब्बे नहीं चाहते थे इसलिए उन्हें मरना नहीं है. इसके अलावा दिव्येंदु ने बताया कि उन्होंने इस सीन को इप्रोवाइज किया और रेस्ट कर लिजिए वर्ना रेस्ट इन पीस हो जाइएगा वाली लाइन जोड़ी. है.
चचा का रोल हिट होने पर मीम्स की होने लगी थी बौछार
चचा का रोल इतना सुपरहिट हो गया था, कि सीजन 1 के बाद मीम्स की बरसात होने लगी थी. दूसरे सीजन के बाद भी लोगों ने चचा के रोल को काफी इंजॉय किया
my chacha is 70, pursuing a career in dance, and I’ve never seen him happier. he told me he’s just waiting for a chance to blow up. so, twitter, meet my chacha pic.twitter.com/vMJBZSdGG8
— prime video IN (@PrimeVideoIN) April 2, 2019
क्या है मिर्ज़ापुर की कहानी?
पिछले सीजन की तरह इस सीजन भी सवाल यही है कि मिर्ज़ापुर की गद्दी पर कौन बैठेगा. गुड्डू भैया (अली फ़ज़ल) को इस बार मिर्ज़ापुर भी चाहिए और स्वीटी बबलू की मौत का बदला भी तो वहीं मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येन्दु शर्मा) को अपने पुराने दुश्मन गुड्डू का खात्मा कर अपने पिता कालीन भैया को साबित करने की जद्दोजहद बरकरार है. कालीन भैया इस बार हथियारों और अफीम ही बल्कि राजनीति के ज़रिए भी अपने वर्चस्व को बढ़ाते नज़र आए हैं. घायल गुड्डू किस तरह से अपने बदले को पूरा कर मिर्ज़ापुर की गद्दी को लेगा।यही कहानी है.
Posted By: Shaurya Punj