फ़िल्म – मिशन इम्पॉसिबल डेड रेकनिंग – पार्ट वन
निर्देशक- क्रिस्टोफर मैक्वेरी
कलाकार- टॉम क्रूज़, हेले एटवेल, एसाई मोरालेस, विंग रैम्स, रेबेका फर्ग्यूसन, वैनेसा किर्बी, हेनरी कज़र्नी, पोम क्लेमेंटिफ़ और अन्य
प्लेटफार्म- सिनेमाघर
रेटिंग- साढ़े तीन
Mission Impossible Dead Reckoning Part One review: मिशन इम्पॉसिबल ग्लोबल सुपरस्टार टॉम क्रूज की बेहद पॉपुलर फ्रेंचाइजी है. मिशन इम्पॉसिबल डेड रेकनिंग – पार्ट वन इस फ्रेंचाइजी की सातवीं किस्त है. यह सीरीज दिलचस्प कहानियों से ज़्यादा टॉम क्रूज के जान जोखिम में डालने वाले खतरनाक स्टंट की वजह से जानी जाती है. इस नयी किस्त में भी टॉम ने अपने-अपने स्टंट से दंग कर दिया है. इंटेंस एक्शन के अलावा कहानी में ट्विस्टस, बैकग्राउंड म्यूजिक, उम्दा विजुअल और इस फ्रैंचाइजी के पुराने चेहरों की मौजूदगी इस किस्त को कुलमिलाकर सिनेमाई अनुभव बना गयी है. फिल्म जिस मोड़ पर खत्म हुई है, उसने सेकेंड पार्ट के लिए भी उत्साह को बढ़ा दिया है.
एथन हंट (टॉम क्रूज) और उसकी टीम को एक बार फिर दुनिया को बचाने की जिम्मेदारी मिली है. इस बार ऐसे दुश्मन से सामना है. जिसके पास आर्टिफिशल इंटेलीजेंटस की ताकत है.वह सब जगह है, लेकिन कहीं नहीं है.इस दुश्मन को एक हथियार को पाने से रोकना है, जो एक खास चाबी से ही चल सकता है.इस चाबी को ढूंढने का काम एथन और उसकी टीम को दिया गया है. अगर यह चाबी गलत हाथों में लग गयी, तो पूरी दुनिया में तबाही मच सकती है. क्या एथन चाबी तक पहुंच पाता है. यह सब कैसे होता है. इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
1996 से शुरू हुई यह फिल्म वक़्त के साथ खुद में बदलाव लाती रही है. यही वजह है कि इस बार की कहानी में मौजूदा दौर के सबसे बड़ी बहस आर्टिफिशल इंटेलीजेंस को शामिल किया गया है. कहानी अपने साथ अलग-अलग ट्विस्ट और टर्न को एक्शन के साथ जोड़े रखती है. जिस वजह से फिल्म पूरे वक़्त एंटरटेन करती रहती है.फिल्म में हयूमर को भी बखूबी जोड़ा गया है. फिर चाहे वह खतरनाक एक्शन सीक्वेन्स में ही क्यों ना हो.विशाल टैंकरनुमा एमयूवी की कार के साथ टॉम क्रूज़ और एटवेल का एक छोटी पीली फिएट 500 के साथ वाला दृश्य ऐसा ही था.बेंजी ने एक बार फिर माहौल के टेंशन को अपने संवाद और अभिनय से हल्का बनाया है. एथन और ग्रेस की केमिस्ट्री भी फिल्म को प्रभावी बनाती है. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी और उसके एक्शन को एक पायदान ऊपर लेकर गया है.फिल्म का कैमरा वर्क आकर्षित करता है. खामियों की बात करें तो फिल्म की एडिटिंग पर थोड़ा काम किया जाना चाहिए था.
मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की फिल्मों में एक्शन कहानी का अहम हिस्सा होता है. टॉम क्रूज अपने एक्शन खुद से करते हैं, तो यह और भी ज़्यादा खास बन जाता है. फिल्म का एक्शन शानदार है. मोटरबाइक को पहाड़ की चोटी से उड़ाने वाले दृश्य की चर्चा फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के साथ ही शुरू हो गयी थी और बड़े पर्दे पर उसे देखना एक सिनेमाई जादू के घटित होते देखने जैसा है. फिल्म में इसके अलावा भी कई हैरतअंगेज स्टंट है. फियट 500 और टैंकर नुमा एमयुवी कार की चेसिंग वाला दृश्य भी काफी मनोरंजक है.जिस तरह से उसे शूट किया गया है. आप कार की हर टक्कर को महसूस कर सकते हैं .वे निस की संकरी गली में एक्शन दृश्य रोमांच से भरपूर है.फिल्म के आखिर में ट्रेन वाला सीक्वेन्स शाहरुख़ खान की फिल्म पठान के दृश्य की याद दिलाता है हालांकि मिशन इम्पॉसिबल में यह क्लाइमैक्स का दृश्य बहुत ही प्रभावी ढंग से सामने आया है.
सुपर स्टार टॉम क्रूज बढ़ती उम्र बावजूद मिशन इम्पॉसिबल की हर फ्रेंचाइजी के साथ खुद को चुनौती देते हुए नया मापदंड रचते हैं. इस फिल्म से उन्होने अपनी फ्रेंचाइजी फिल्म और अपने किरदार दोनों के कद को और बढ़ाया है. 61 की उम्र में परदे पर 16 की उम्र वाला उनका जोश और फुर्ती चौंकाती है. फिल्म में तेजी से दौड़ते हुए उनके सीन्स दिल की धड़कन को तेज बढ़ा जाते हैं. सिर्फ अपने किरदार से जुड़े साहस, चपलता को ही नहीं बल्कि उसके इमोशन, कॉमेडी, ड्रामा और डर को भी दृश्यों की मांग के अनुरूप हर फ्रेम में उन्होने जिया है. कुलमिलाकर पूरी फिल्म के दौरान आपकी नजर टॉम क्रूज से नहीं हटेगी. साईंमन पेग बेंजी के किरदार में एक बार फिर याद रह जाते हैं.रेबेका और विंग रैम्स भी अपनी भूमिका में छाप छोड़ते हैं. ग्रेस के किरदार में हेले एटवेल की मौजूदगी बेहद प्रभावी रही है. विलेन के तौर एसाईं मोरालेस ने भी सशक्त उपस्थिति दर्शायी है. उनका असली रंग इस फिल्म के दूसरे पार्ट में देखने को ज़्यादा मिल सकता है. बाकी के किरदार भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय करते हैं.