raghav juyal की फिल्म किल को लेकर अभी चर्चा थमी भी नहीं है कि वह अपनी अपकमिंग सीरीज ग्यारह ग्यारह को लेखर ख़बरों में आ गए हैं. इस साइंस फिक्शन थ्रिलर वेब सीरीज से भी धर्मा और सिख्या एंटरटेनमेंट का नाम जुड़ा है , जो उनकी पिछली फिल्म के भी निर्माता थे.राघव दोनों ही प्रोडक्शन हाउस के शुक्रगुजार हैं.यह वेब सीरीज जी 5 पर दस्तक देगी.डांसर, एंकर से एक्टर बनने की इस जर्नी पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
किल की तरह क्या इस सीरीज में भी चौंकाने वाले हैं ?
वो तो रिलीज होने पर ही मालूम होगा। वैसे बहुत मेहनत की है. इसके साथ ये भी कहूंगा कि थोड़ा भटका हुआ भी था क्योंकि उत्तराखंड में इसकी शूटिंग हुई है , तो दोस्तों से मिलने का भी मोह होता था.
ओटीटी और फिल्मों दोनों में क्या एन्जॉय करते हैं?
मुझे सबसे अधिक मजा तब आता है,जब मुझे अच्छी स्क्रिप्ट,अच्छा किरदार और अच्छा पैसा मिलता है.
कब लगा कि एक्टिंग में फोकस करना चाहिए ?
जैसा की सभी को पता है कि मैंने टेलीविज़न में बतौर डांसर अपनी शुरुआत की थी. मैंने शो की एंकरिंग भी की.उसके बाद क्या.सभी को पता है कि टेलीविज़न के बाद अगली मंजिल फिल्म होती है.मैंने भी वही किया, लेकिन जब मैंने टेलीविजन से ब्रेक लिया तो मैंने फैसला किया कि मैं सही रास्ता चुनूंगा. उसी से फिल्मों में एक्टिंग की जर्नी शुरू करूंगा. मैं अपना समय पेज 3 पार्टियों में इंडस्ट्री के लोगों से नेटवर्क बनाने के लिए चुन सकता था,लेकिन मैंने कड़ी मेहनत को चुना. मैंने थिएटर,एक्टिंग वर्कशॉप्स की. अपने करियर पर फोकस किया.अच्छी स्क्रिप्ट्स को पढ़ी. इंडस्ट्री के उनलोगों से मिला ,जो मुझे प्रेरित करते हैं. जैसा कि सभी कहते हैं कि जुनून और मेहनत के साथ काम करेंगे ,तो आपको परिणाम मिलेगा ही . मैंने वही किया और आज मैं यहां हूं. जो लोग इंडस्ट्री में मुकाम बनाना चाहते हैं .उनसे मैं यही कहूंगा कि इसमें समय लगता है,लेकिन अंतिम परिणाम आपकी मेहनत का फल आपको जरूर देता है.
आपको कब एहसास हुआ कि फिल्म निर्माताओं ने आपको एक अभिनेता के रूप में गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है?
जब मैंने एक्टिंग के लिए ऑडिशन देना शुरू किया. मैंने एक भी मौका नहीं छोड़ा. मैं हर तरह के ऑडिशन के लिए जाता था,चाहे फिर पहाड़ बनना हो या फिर भगवान हनुमान. मैंने सभी ऑडिशंस में अपना सौ प्रतिशत दिया ताकि कास्टिंग डायरेक्टर्स को एहसास हो कि मैं अभिनय कर सकता हूं. यह रणनीति विशेष रूप से कास्टिंग डायरेक्टर्स के साथ बहुत काम करती रही, जिसके बाद उन्होंने मुझ पर ध्यान देना शुरू कर दिया और उन्होंने मुझे किरदार ऑफर किए.
क्या इस दौरान आपको रिजेक्शन भी मिले ?
(हंसते हुए )रिजेक्शन ही नहीं इंजेक्शन भी बहुत खाएं हैं , क्योंकि मैं बहुत ज्यादा गिरता -पड़ता हूं. वैसे मुझे बहुत सारे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा,लेकिन फिर भी मैं ऑडिशन देने से पीछे नहीं हटता था. वैसे रिजेक्शन मेरे लिए नए नहीं हैं. अपने डांसिंग के दिनों से ही मुझे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा है. मैंने कभी इस बात को नेगेटिव तौर पर नहीं लिया है.मैं इस तरह से सोचता था कि हो सकता है कि मैं निर्देशकों की नज़र में किरदार में फिट नहीं बैठ रहा हूं , तो मुझे खुद पर और काम करना है .
संघर्ष के दौर में आर्थिक परेशानी से भी जूझना पड़ा ?
नहीं , टीवी में मैंने एक एंकर के रूप में काम कर बहुत अच्छा पैसा कमाया था ,तो वह बहुत काम आया था. वैसे वो पैसे ही थे ,जिसकी वजह से कोविड में मैं भी लोगों की मदद करने के काबिल था. अभी बैंक बैलेंस कम हो गया है , जब काबिल होऊंगा तो फिर लोगों की मदद करूंगा. वैसे कोविड ऐसा वक़्त था जिसमें जो भी समर्थ था,उसने जाति ,धर्म सबकुछ भूलकर इंसान की मदद की है.
खबरें हैं कि शूटिंग के वक़्त आप अपने फोन से दूरी बनाकर रखते हैं ?
हां , शूटिंग के मेरा ध्यान भटके ये मुझे पसंद नहीं है। दरअसल सभी की तरह फोन हाथ में आते ही मैं केवल सोशल मीडिया देखना शुरू कर देता हूं. मैं यूट्यूब शॉर्ट्स देखता हूं, तो उसमें बह जाता हूं. इससे मेरा ध्यान भटक जाता है इसलिए जब मैं काम कर रहा होता हूं तो फोन दूर रख देता हूं. हालांकि इससे मेरे माता-पिता को बहुत शिकायत रहती है कि मैं उनकी कॉल का जवाब नहीं देता हूं ।
आपकी महिला प्रशंसकों की अच्छी खासी तादाद है?
मैं बताना चाहूंगा कि बहुत साल पहले अपने लुक्स को लेकर मैं बहुत इन्सिक्योर महसूस करता था. अपने लुक और बॉडी को लेकर एक हीन भावना थी,लेकिन फिर मैंने खुद पर काम किया. (हंसते हुए ) पता था कि काम ही नहीं मिलेगा बल्कि कोई भी लड़की मेरी तरफ नहीं देखेगी इसलिए मैंने सेन्स ऑफ़ ह्यूमर और प्रेजेंस ऑफ़ माइंड पर काम किया, जो हर किसी को चहेता बना देता है.अपने क्राफ्ट पर भी काम किया.
जीवन में कोई रिग्रेट भी है ?
एक बार मैंने अपने बालों को लाल रंग से रंगा था , जिसके बाद मेरे बहुत सारे बाल झड़ गए थे. इसके अलावा मुझे कोई और रिग्रेट नहीं है.