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सिर्फ स्क्रीन पर दिखने के लिए काम नहीं करना चाहती शेफाली शाह, कही ये बात

शेफाली शाह ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘‘मेरे पूरे जीवन में यह पहला साल है जब मेरी पांच फिल्में और शो रिलीज हुए हैं और यह सब बिना योजना के हुआ.'' शाह ने कहा, ‘‘मैंने अपने पूरे जीवन में कभी इतना काम नहीं किया जितना पिछले एक साल में किया है.

बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली शाह (Shefali Shah) की वेब सीरीज दिल्ली क्राइम पिछले दिनों ओटीटी पर रिलीज हुई थी और प्रशंसकों ने उनकी एक्टिंग की जमकर तारीफ की थी. शेफाली शाह ने कहा कि वह काम की धुन में रहती हैं लेकिन वह कभी केवल पर्दे पर दिखने के लिए कोई काम नहीं करतीं. विविधतापूर्ण किरदार करके दर्शकों में अपनी पैठ बनाने वाली शाह ने इस साल ‘ह्यूमन’ और ‘दिल्ली क्राइम 2′ जैसी वेब सीरीज तथा ‘जलसा’, ‘डार्लिंग’ और हाल में रिलीज ‘डॉक्टर जी’ जैसी फिल्मों में अपने काम से तारीफ बटोरी है.

पहला साल है जब मेरी पांच फिल्में और शो रिलीज हुए हैं

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘‘मेरे पूरे जीवन में यह पहला साल है जब मेरी पांच फिल्में और शो रिलीज हुए हैं और यह सब बिना योजना के हुआ.” शाह ने कहा, ‘‘मैंने अपने पूरे जीवन में कभी इतना काम नहीं किया जितना पिछले एक साल में किया है. मैं कारोबार नहीं समझती, लेकिन मैं केवल दिखने के लिए काम नहीं करना चाहती.”

करियर का यह दौर सही चल रहा है

उन्होंने कहा कि उनके करियर का यह दौर सही चल रहा है और उन्हें दिलचस्प किरदार अदा करने का अवसर मिल रहा है. अपने करियर की शुरुआत में ‘बनेगी अपनी बात’ और ‘हसरतें’ जैसे टेलीविजन धारावाहिकों से पहचान बनाने वाली शेफाली ने फिल्म ‘सत्या’, ‘वक्त: द रेस अगेंस्ट टाइम’, ‘गांधी, माई फादर’ और ‘दिल धड़कने दो’ में भी प्रशंसनीय अदाकारी की है. उन्होंने कहा, ‘‘हर चरित्र में एक अलग व्यक्ति होता है. आप शेफाली शाह को नहीं, बल्कि मेरे निभाये पात्र को याद रखते हैं और यही मैं चाहती हूं.”

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गुजराती मंच से शुरू की थी अपने करियर की शुरुआत

1993 में टेलीविजन पर डेब्यू करने से पहले शेफाली शाह का अभिनय करियर गुजराती मंच पर शुरू हुआ. टेलीविजन पर छोटे हिस्से और रंगीला (1995) में सिनेमा के साथ एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्हें 1997 में लोकप्रिय सीरीज हसरतें में उनकी भूमिका के लिए व्यापक पहचान मिली. इसके बाद टीवी सीरीज अधिकार (1997), कभी कभी (1997) और राहें (1999) में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं. फिल्म सत्या (1998) में एक सहायक भूमिका ने उन्हें सकारात्मक नोटिस और एक फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड जीता.

पीटीआई भाषा से इनपुट

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