Sushant Singh Rajput Death Anniversary: मानव, आज ऐसा ही कोई होगा जो इस नाम से वाकिफ नहीं होगा, बस इसी नाम से अपने अभिनय करियर की शुरुआत सुशांत सिंह राजपूत ने की थी. पवित्र रिश्ता के ऑनएयर होते ही टीआरपी टॉप पर थी और हर जगह सिर्फ और सिर्फ मानव और अर्चना की ही बातें होने लगी. इतने बड़े बैनर के शो में काम करके सुशांत अपनी जिंदगी का वो सपना जी रहे थे, जो कभी उन्होंने ख्वाबों में देखा होगा, साल 1986 में बिहार के पटना में जन्में सुशांत शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी आगे थे, अपने अभिनय के पैशन और सपने के लिए उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग तक छोड़ दी.
कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में सुशांत ने बनाई थी पहचान
लगभग 2 साल तक हम सबके दिलों पर राज करने वाला मानव अब बॉलीवुड इंडस्ट्री की दुनिया की ओर बढ़ रहा था, साल 2013 में आई उनकी फिल्म “काई पो चे!” से उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू किया और मानो टीवी जगत का वह सितारा बड़ी स्क्रीन का ऑल टाइम फेवरेट हीरो बन गया. फिर चाहे “एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी”, “डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी” से लेकर “केदारनाथ” और “छिछोरे” और “सोनचिड़िया” हो, सुशांत सिंह राजपूत देश के बच्चे-बच्चे के फेवरेट हीरों बन गए.
Also Read- VIDEO: अदा शर्मा ने सुशांत सिंह राजपूत के घर में गाया राम भजन, फैंस बोले- यह घर आपके लिए सौभाग्य…
Also Read- सुशांत सिंह राजपूत ने मौत से पहले मनोज वाजपेयी से पूछा था यह सवाल, जानकर छलक आएंगी आपकी भी आंखें
सुशांत की इस सीख को आज भी युवा करते हैं फॉलो
सुशांत को न केवल उनकी अभिनय बल्कि उनकी बातों के लिए भी पसंद किया जाता है, उनकी एक बात जो आजकल की जनरेशन के लिए एक बड़ी सीख है, वह ये है कि “पास्ट के बारे में मैं नहीं सोचता क्योंकि उसमें मेरा कंट्रोल नहीं, फ्यूचर में क्या होगा हमें मालूम नहीं तो अपने आज को बेहतर बनाते हैं”. केवल 2 घंटे की नींद लेने वाले सुशांत आज के युवाओं के लिए एक बड़ी मिसाल है, जहां हम किताबों से दूर भागते हैं, वहीं उनके पास एक पर्सनल लाइब्रेरी थी. अपनी दयालुता, हिम्मत, समर्पण, अपने सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत, उनका हर एक रोल, दिया हुआ हर एक इंटरव्यू, उसमें बोले हुए हर शब्द उनके फैंस के लिए मायने रखते हैं.
14 जून को जब एक सितारा हमेशा के लिए दुनिया को कह गया अलविदा
14 जून 2020 का वो दिन जिस दिन सिनेमा जगत ने, भारत के हर परिवार ने मानव बन के सबको हसने वाला, एम.एस. धोनी बनके देश के लिए कुछ करने की भावनाएं पैदा करने वाला, सोनचिरैया में डाकू बनकर डराने वाला, केदारनाथ में प्यार सिखाने वाला वो अभिनेता हम सब को अलविदा कह के चला गया. सुशांत सिंह की मौत पर ना जाने कितनी चर्चाएं हुई, ना जाने कितनी अटकले लगाई गई, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लेकर, आत्महत्या तक सब पर बहुत सारी चर्चाएं की गई. हालांकि उनकी मौत का सच आज तक सामने नहीं आया, हम सबका पसंदीदा सितारा हम सबका हो कर रह गया.
फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे सुशांत सिंह राजपूत
मुंबई की माया नगरी काफी सुंदर और चमकती हुई नजर आती है, पर अंदर से उतनी ही अंधेरों से भी भरी हुई है. वहां अपने लिए जगह बनाना काफी मुश्किल है, अपने 7 साल के बड़े पर्दे के सफर में सुशांत ने लाखों फैंस का प्यार कमाया, जिन्होंने उनको आज हम सब के बीच अमर बना दिया है. सुशांत आज हम सब के लिए यह मिसाल हैं कि सपने देखने के लिए खुले आसमान की जरुरत होती है और उनको पूरा करने के लिए मेहनत की.
रिपोर्ट- साहित शर्मा