खतरों के खिलाड़ी के इस सीजन में टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी शिरकत करते नज़र आ रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि यह शो दिव्यांका को एक नयी पहचान देगा. जिससे उन्हें अलग तरह के ऑफर्स आएंगे. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
चर्चा है कि आपने इस शो को हां कहने के लिए काफी समय लिया ?
हां तीन हफ्ते बाद मैंने इस शो को हां कहा था क्योंकि मैं अपनी चोटों से जूझ रही थी. कमर का दर्द पुराना था ही इसके साथ ही घुटने के चोट से भी जूझ रही थी औऱ लॉकडाउन की वजह से एक्सरसाइज नहीं कर पा रही थी तो मुझे लग रहा था कि मैं खतरों के खिलाड़ी में उस तरह से परफॉर्म नहीं कर पाऊंगी जैसा मुझे करना चाहिए. मैं अनफिट हूं. लेकिन फिर मैंने हिम्मत जुटाकर हां कह दिया कि चलो कर ही लेते हैं इस बार. मैंने महसूस किया कि स्ट्रेंथ दिमाग में होती है. जो सोशल मीडिया पर फिटनेस के मानक दिखाए जाते हैं. उनसे अलग होकर भी आप फिट हो सकते हैं.
विवेक का क्या रिएक्शन था इस शो से आपके जुड़ने पर ?
विवेक बहुत ही सपोर्टिव हैं. उन्हें मेरे हर फैसले पर मुझसे ज़्यादा भरोसा होता है. मेरे सास ससुर थोड़ा कोविड की वजह से डरे थे लेकिन मैंने जब उन्हें बायो बबल में शूट के बारे में बताया तो वे मान गए.
आप एनसीसी कैडेट रही हैं तो क्या उसकी वजह से आपके लिए स्टंट करने में मदद मिली ?
एनसीसी कैडेट होने का मतलब ये नहीं है कि मैं आसानी से स्टंट कर सकती हूं लेकिन हां इससे मुझे ये कॉन्फिडेंस ज़रूर मिला है कि मैं मुश्किल हालातों में भी हिम्मत नहीं हारूं. झुलसा देने वाली धूप में हमने ट्रेनिंग की है. घंटों जमीन में लेट कर टास्क पूरे किए हैं.
आपका कोई डर भी था जिसे आपने इस शो के जरिए खत्म किया ?
मुझे पानी,ऊँचाई या सांप बिच्छू से डर नहीं रहा है. मुझे कॉकरोच और चूहों से डर लगता था लेकिन इस शो से आने के बाद वो डर भी खत्म हो गया.
क्या आप इस शो से इस वजह से भी जुड़ी क्योंकि आप अपनी इमेज बदलना चाहती हैं ?
जी हां लोगों को लेकर मेरी धारणा है कि मैं बहुत मासूम हूं. मेरे चेहरे की वजह से वो ऐसा सोचते हैं लेकिन वो मेरे चेहरे के पीछे ताकत को नहीं जानते हैं. उम्मीद है कि इस शो के बाद लोगों का नजरिया बदलें और मुझे अलग तरह से रोल ऑफर्स हो।मैं परदे पर स्टंट करने के लिए तैयार हूं. रफ एंड टफ किरदार करना चाहती हूं.
शो की केपटाउन में शूटिंग के अनुभव को कैसे परिभाषित करेंगी ?
ऐसा लग रहा था कि कॉलेज ट्रिप पर गए हैं. नयी चीज़ें करने की कोशिश कर रहे थे. जिसमें सफल होते थे और असफल भी. प्रतिस्पर्धा हमारे बीच थी लेकिन हम एक दूसरे को चीयर भी कर रहे थे. बहुत ही खास अनुभव था ।बहुत साल बाद मैंने ऐसी जिन्दगी को जिया.
विवेक और आपने शादी के हाल ही में पांच साल पूरे किए हैं ?
बहुत ही यादगार पांच साल रहे हैं. हम एक दूसरे की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं. जब भी जिन्दगी में कुछ अच्छा होता है तो मैं सबसे पहले उसे विवेक के साथ शेयर करना चाहती हूं.