गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड में मनरेगा में उन योजनाओं में सामग्री मद की राशि की निकासी की गयी है, जिसमें भुगतान करने पर रोक लगा दी गयी थी. जिस मद में 26.41 लाख रु की निकासी की गयी है, वह कूप निर्माण व पशु शेड से जुड़ी योजना है. यह निकासी दो सितंबर को हुई है. जबकि इसके एक दिन पूर्व एक सितंबर को डीआरडीए निदेशक दिनेश सुरीन ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि मनरेगा में सिर्फ अर्धकुशल, सोख्ता गड्ढा, वर्मी कंपोस्ट एवं आंगनबाड़ी के कार्य में ही भुगतान करना है.
लेकिन इसके बाद भी धुरकी प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से अगले दिन दो सितंबर को राशि प्राप्त होते ही कूप निर्माण की कुल 28 योजनाओं में 26.41 लाख रु का भुगतान कर दिया गया. आरोप है कि ऐसा वेंडर को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है. इस मामले की जानकारी प्राप्त होने के बाद उपायुक्त शेखर जमुआर ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. इसमें श्रीबंशीधर नगर अनुमंडल पदाधिकारी आलोक कुमार, डीआरडीए के परियोजना पदाधिकारी दीपक कुमार एवं मेराल के सहायक अभियंता देवनाथ प्रसाद गौतम शामिल हैं.
गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में मनरेगा से कूप निर्माण एवं पशु शेड की योजना ली गयी थी. इसमें पूर्व में भी राशि का भुगतान किया गया था. जबकि इधर एक सितंबर को डीआरडीए निदेशक दिनेश सुरीन ने पत्र (पत्रांक 326 एवं दिनांक एक सितंबर 2023) भेज कर कहा था कि अपराह्न एक बजे मनरेगा में सामग्री मद में भुगतान के लिए सभी प्रखंडों को राशि भेजी जा रही है. लेकिन उन्हें मनरेगा में केवल अर्धकुशल, सोख्ता गड्ढा, वर्मी कंपोस्ट एवं आंगनबाड़ी के कार्य में ही भुगतान करना है. यदि अन्य योजना में किसी भी परिस्थिति में राशि का भुगतान किया गया, तो इसकी संपूर्ण जवाबदेही आपकी (बीडीओ की ) होगी. लेकिन इस आदेश की अवहेलना करते हुए धुरकी बीडीओ ने 28 योजना जिसमें चार पशु शेड एवं शेष कूप निर्माण की योजना है, में भुगतान कर दिया.