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सावधान ! झारखंड के गढ़वा में तेंदुआ के बाद अब आया बाघ, वन विभाग अलर्ट

आदमखोर तेंदुआ के बाद गढ़वा में बाघ आया. छत्तीसगढ़ से निकलकर बाघ गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र में पहुंच गया. प्रभात खबर ने 14 मार्च के अंक में खबर प्रकाशित कर बाघ के आने की आशंका जतायी थी. इधर, वन विभाग अलर्ट हो गया है.

मुकेश तिवारी/संतोष वर्मा, रमकंडा/भंडरिया (गढ‍़वा) : झारखंड के गढ़वा में तेंदुआ के बाद अब बाघ आया. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान से निकलकर बलरामपुर वन परिक्षेत्र में मवेशियों का शिकार कर दहशत फैलाने वाला बाघ गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के बड़गड़ इलाकों तक पहुंच गया. हालांकि, अभी तक बाघ ने सिर्फ मवेशियों का ही शिकार किया है. लेकिन, गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र में बाघ के आने की सूचना के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है.

बाघ से बचाने के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक

लोगों को बाघ से बचाने के लिए गुरुवार से वन विभाग की टीम ने बड़गड़ और भंडरिया क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार प्रसार किया. वहीं, लोगों को सावधानी बरतने की अपील करते हुए जंगलों में जाने से बचने की सलाह दी है.

वन विभाग सतर्क

जानकारी के अनुसार, बुधवार की शाम बाघ को झारखंड और छतीसगढ़ की सीमा पर स्थित बड़गड़ के गड़िया गांव के समीप कनहर नदी के पास देखा गया. फिर रात में गांव सहित रामर में पहुंचकर बछड़े को घायल किये जाने की बात कही जा रही है. लेकिन, वह विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है. इधर, गुरुवार को बाघ के दूसरे क्षेत्र में भी देखे जाने की बात ग्रामीणों की ओर से कही जा रही है. वहीं, छतीसगढ़ की वन विभाग की ओर से भी बाघ के गढ़वा क्षेत्र में चले आने की सूचना के बाद गढ़वा की वन विभाग सतर्क हो गयी है.

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प्रभात खबर ने 14 मार्च के अंक में खबर हुआ था प्रकाशित

मालूम हो कि गढ़वा का दक्षिणी वन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती बलरामपुर के जंगली क्षेत्रों को छूता है. ऐसे में बाघ के इस क्षेत्र में आने की आशंका को लेकर प्रभात खबर ने पिछले 14 मार्च के अंक में खबर प्रकाशित की थी. वहीं, वन विभाग भी अलर्ट होकर पूरे मामले पर नजर बनाये हुये हैं. 

पीटीआर के संगाली के जंगलों में पंजों के निशान मिले

इधर, गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के इलाकों तक बाघ के आने की सूचना के बाद पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) के संगाली गांव के जंगलों में बाघ के पंजों के निशान देखे जाने का दावा ग्रामीणों ने किया है. ग्रामीणों के अनुसार, जंगलों में ताजा निशान देखा गया है. जिसे बाघ का फुटमार्क होने की बात कही जा रही है. हालांकि, इसकी जानकारी होने के बाद भंडरिया वन क्षेत्र पदाधिकारी कन्हैया राम ने शुक्रवार को मामले की जांच कर पुष्टि किये जाने की बात कही.

आदमखोर तेंदुआ के बाद बाघ से दहशत में ग्रामीण

इधर, गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र में बाघ के आने की सूचना के बाद इस क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हालांकि, बाघ के आदमखोर नहीं होने से वन विभाग राहत की सांस ले रहा है. लेकिन, ग्रामीणों को आदमखोर तेंदुआ की घटनाओं की यादें ताजा हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ माह पहले रंका, रमकंडा और भंडरिया वन क्षेत्र में ही आदमखोर तेंदुआ तीन बच्चों की जान ले चुका है. वहीं, दर्जनों मवेशियों का शिकार किया है. ऐसे में अब बाघ के आने से ग्रामीण पूरी तरह डरे सहमे हैं. 

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वन विभाग अलर्ट : डीएफओ

इस संबंध में पूछे जाने पर गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि बाघ के आने की सूचना के बाद माइकिंग का काम शुरू कर दिया गया है. हालांकि, आदमखोर बाघ नहीं है. फिर भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने आशंका व्यक्त किया कि बड़गड़ में पीटीआर का जंगल होने के कारण वह पीटीआर में भी जाने की संभावना है.

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