चांदनी रात गुजरते ही आदमखोर तेंदुए ने रविवार रात तेतरडीह गांव के मैनेजर साव के घर में घुसकर बकरे का शिकार कर लिया. तेंदुआ बकरे को टांगकर खेतों में ले गया और वहां उसका मांस खा कर आराम से जंगल की ओर निकल गया. घर के दूसरे कमरे में सो रहे मैनेजर साव के बेटे और पत्नी को तेंदुए के आने की भनक तक नहीं लगी. सोमवार सुबह घटना की सूचना मिलने पर शूटर नवाब शफत अली खान तेतरडीह पहुंचे और मामले की जानकारी ली. वहीं, तेंदुए को फंसाने के लिए बकरे का बचा मांस पिंजरे में डालकर रखा गया है.
गौरतलब है कि शनिवार रात तेतरडीह गांव से महज आधा किमी दूर तेंदुआ कुशवार गांव के प्रधान टोला में एक पेड़ पर बैठकर शिकार की फिराक में था. अभियान के शुरुआती दौर में चांदनी रात होने के कारण उसे शिकार करने में परेशानी हो रही थी. इसी कारण वह बैरिया के क्षेत्र में गांवों तक पहुंचकर वापस लौट जा रहा था. लेकिन, जैसे ही रात अंधेरी हुई उसने शूटर व वन विभाग की हर रणनीति को फेल करते हुए शिकार कर लिया.
इधर, सोमवार दोपहर बिराजपुर के गंगा टोली में तेंदुआ के देखे जाने की खबर पर शूटर की टीम ने मामले की जांच की. लेकिन वहां तेंदुआ का पदचिह्न नही मिलने के कारण इसकी पुष्टि नही हो पायी.
इधर पलामू के सतबरवा में तेंदुआ या लकड़बग्घा के हमले में परमेश्वर सिंह के घायल होने की घटना के बाद सोमवार को पलामू डीएफओ, रमकंडा के बैरिया गांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यहां लगाये गये ऑटोमेटिक पिंजरे (केज) के तकनीकी पहलुओं को जाना.
सोमवार को भंडरिया वन क्षेत्र कार्यालय में रेंजर कन्हैया राम ने मुआवजा की राशि चार लाख रुपये का चेक हरेंद्र की मां को सौंपा. इस दौरान मुखिया विनोद प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे. गौरतलब है कि पिछले 28 दिसंबर की शाम कुशवार गांव में आदमखोर तेंदुआ ने सात वर्षीय हरेंद्र को मार डाला था.