बोधगया. कोरोना के बढने मामले के बीच बिहार सरकार ने मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थल को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के बाद विश्वप्रसिद्ध बोधगया के महाबोधी मंदिर में भी आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है,पर मंदिर से सटे लाल पत्थर पर एक साथ 500 से ज्यादा बौद्ध श्रद्धालू सूत्त पाठ कर रहें हैं जिससे यहां कोरोना के संक्रमण के फैलाव की आशंका जताई जा रही है.
कोरोना गाइडलाइन के एक आदेश के विपरीत एक साथ 500 बौद्ध श्रद्धालुओं के बैठक सुत्त पाठ करने से स्थानीय लोग आशंकित और डरे हुए हैं. यहां के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि महाबोधी मंदिर प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने में घोर लापरवाही बरत रहा है.
एक साथ 500 से ज्यादा बौद्ध भंते एक साथ बैठकर सुत्तपाठ कर रहें हैं, अगर इनमें से कोई एक भंते भी कोरोना पॉजिटिव होता है तो इसका संक्रमण अन्य में हो सकता है, जिसका वजह से बोधगया में कोरोना विस्फोट होने की आशंका है.
गौरतलब है कि गया जिले में पहले से ही कोरोना के मामले तेजी से फैल रहें हैं. इसी वजह से सीएम नीतीश कुमार ने अपनी समाज सुधार अभियान को गया के बदले औरंगाबाद में किया था. बताते चलें कि बोधगया के महाबोधी मंदिर की देखरेख करने वाली कमेटी के अध्यक्ष खुद जिले के जिलाधिकारी होतें हैं और सचिव समेत कई अन्य लोग सदस्य होतें हैं.
इसके बावजूद महाबोधी मंदिर के पास के लाल पत्थर पर इतनी संख्या में एक साथ बौद्ध श्रद्धालुओं का जुटना कोरोना की गाइललाइन का खुला उल्लंघन के साथ ही लोगों को भयभीत करने वाला है.