Jharkhand News: सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को प्रभावशाली बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर कुंजलाल साव का आमरण अनशन खत्म हो गया. इससे पहले करीब एक माह तक ये चिलचिलाती धूप में धरना पर बैठे थे. आखिरकार बीडीओ व सीओ ने इनकी सुध ली और स्वास्थ्य जांच का हवाला देकर इनका अनशन खत्म कराया. आपको बता दें कि 23 मार्च से गिरिडीह जिले के बगोदर बस पड़ाव के गोलंबर स्थित महेंद्र सिंह की प्रतिमा के समक्ष ये धरना दे रहे थे.
सूचना का अधिकार अधिनियम को प्रभावी बनाने की मांग
चिलचिलाती धूप में करीब एक महीने से समाजसेवी कुंजलाल साव अपनी मांग पर डटे थे. सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को प्रभावशाली बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर वे धरना पर बैठे थे. इसके बाद वे आमरण अनशन पर बैठ गये थे. पहले किसी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली थी, लेकिन आमरण अनशन पर बैठने के बाद अधिकारियों ने अनशन स्थल पर पहुंचकर इन्हें अनशन खत्म करने के लिए राजी किया.
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इन मांगों को लेकर दे रहे थे धरना
आम जनता को पारदर्शी सरकार पाने के मूल अधिकार से वंचित करने व प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के विरोध में कुंजलाल साव धरना दे रहे थे. इसके लिए इनके द्वारा सूचना अधिकार कानून 2005 को अक्षरशः लागू करने, राज्य के प्रत्येक जिले के डीसी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने, राज्य सूचना आयुक्त एवं राज्य मुख्य सूचना आयुक्त तत्काल प्रभाव से बहाल करने एवं उनके द्वारा मांगी गई सूचना उपलब्ध कराने की मांग को लेकर धरना पर बैठे थे.
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रिपोर्ट: कुमार गौरव