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राजमहल कोल परियोजना में खनन कर रही कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन जारी, शुरू नहीं हुई कोयले की ढुलाई

हुर्रासी क्षेत्र से दूसरे दिन ग्रामीणों के आंदोलन की वजह से कोयला की ढुलाई बाधित रही. दो दिनों में करीब 4000 टन कोयला की ढुलाई नहीं हो पायी. डुमरिया हाट के पास सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण खराब मौसम के बावजूद डटे रहे.

Godda News Today: राजमहल कोल परियोजना के अधीनस्थ कोयले का उत्पादन कर रही हुर्रासी परियोजना क्षेत्र के डुमरिया गांव के पास सैकड़ों की संख्या में क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क जाम कर कोयला की ढुलाई को शुक्रवार को बाधित कर दिया. सुबह धरना देकर ग्रामीणों ने हुर्रासी में कोयला खनन कर रही प्राइवेट कंपनी माउंट कार्लो के प्रबंधक पर क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने के नाम पर गुमराह करने तथा वादा कर नौकरी नहीं दिये जाने का विरोध कर रहे थे.

हुर्रासी क्षेत्र से दूसरे दिन ग्रामीणों के आंदोलन की वजह से कोयला की ढुलाई बाधित रही. दो दिनों में करीब 4000 टन कोयला की ढुलाई नहीं हो पायी. डुमरिया हाट के पास सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण खराब मौसम के बावजूद डटे रहे. सड़क जामकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने हुर्रासी में प्राइवेट स्तर पर कोयला उत्खनन का काम कर रहे माउंट कार्लो कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर रोष व्यक्त किया.

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इस दौरान ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान बबलू हांसदा ने कहा कि माउंट कार्लो कंपनी क्षेत्र के युवाओं के साथ अंग्रेज वाली पद्धति अपना रही है. बाहर से लोगों को लाकर कंपनी रोजगार के साथ सुविधा व काम दे रही है. जबकि स्थानीय जमीन दाताओं को केवल झूठा आश्वासन देकर गुमराह करने का काम कर रही है. कंपनी प्रबंधन मनमानी कर सरकार के नियम को भी ठेंगा दिखाने का काम कर रही है.

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राजमहल कोल परियोजना में खनन कर रही कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन जारी, शुरू नहीं हुई कोयले की ढुलाई 2

नियम के मुताबिक स्थानीय 75 फीसदी लोगों को कंपनी में नौकरी दी जानी है. मगर कंपनी आरंभ से बड़ी संख्या में बाहर से युवाओं के साथ लोगों से काम ले रही है. बाहरी लोगों को नौकरी मिले तथा स्थानीय लोग भुखमरी के कगार पर जायें, कदापि नहीं चलने दी जायेगी. क्षेत्र के ग्रामीण प्रबंधन इस हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगी.

ग्रामीणों ने मांग की कि हर हाल में क्षेत्र के सभी बेरोजगार युवकों को हुर्रासी परियोजना के कार्य में नौकरी दें. साथ ही ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का काम करें. ग्रामीणों का कहना था कि हुर्रासी परियोजना के आरंभ किये जाने के दौरान अंधाधुंध पेंड़ों की कटाई की है. मगर इस बात की सूचना वन प्रबंधन कमेटी को नहीं दिया गया है. नियमानुसार पेड़ों की कटाई से पूर्व वन प्रबंधन समिति को सूचना के साथ काटने से पहले उसकी भरपाई पेड़ लगाकर किया जाना चाहिए था.

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डुमरिया गांव के पास सड़क जाम के दौरान सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था स्वयं किया गया था. लोग खिचड़ी बनाकर वहीं खाते रहे. तथा कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है आंदोलन जारी रहेगा. हर दिन भोजन बनेगा तथा सडक पर ही अड़े रहेंगे.

सड़क जाम से पहले दिन 2000 टन की ढुलाई थी बाधित

हुर्रासी परियोजना से कोयले को उत्पादन आरंभ होते ही प्रतिदिन करीब पंद्रह हाइवा लगातार चार से पांच ट्रीप लगाने का काम करती है. पहले दिन सडक जाम की वजह से दो हजार टन कोयला नहीं ढुला पाया. शुक्रवार को भी सडक जाम अनवरत जारी रहने की वजह से दो हजार टन कोयले की ढुलायी नहीं हो पायी. ईसीएल के सेल्स मैनेजर सैफर्ड मुर्मू ने कहा कि दो दिनों में चार हजार टन कोयला क्षेत्र से नहीं पहुंच पाया है.

ईसीएल निदेशक ने खनन क्षेत्र का लिया जायजा

उधर, राजमहल कोल परियोजना ईसीएल के निदेशक परिचालन निलंदी राय शुक्रवार को इसीएल ललमटिया पहुंचकर निरीक्षण किया.श्री राय ने परियोजना के पदाधिकारी के साथ कोयला उत्खनन क्षेत्र बसडीहा, तालझाड़ी व लौंहांडिया साइड का निरीक्षण किया. साथ ही खनन क्षेत्र के डीप माइनिंग क्षेत्र के साथ हुर्रासी परियोजना का भी निरीक्षण किया. श्री राय ने क्रम में पदाधिकारियों को कोयला उत्खनन में तेजी लाने का निर्देश दिया. श्री राय ने कहा कि हर हाल में परियोजना की ओर से खनन क्षेत्र में जीरो दुर्घटना का लक्ष्य बनाकर कोयला खनन का कार्य करें.

नवनिर्मित सीएचपी का भी निरीक्षण

निदेशक निलंदी राय ने निरीक्षण के दौरान नवनिर्मित सीएचपी का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि सीएचपी निर्माण गुणवत्ता के अनुसार होनी चाहिए. साथ ही हूर्रासी परियोजना खनन क्षेत्र पहुंचकर नक्शा के माध्यम से पुनर्वास एवं खनन कार्य का निरीक्षण किया. श्री राय ने क्षेत्र के ग्रामीणों को पुनर्वास व विस्थापन के लिए निर्माण कार्य में तेजी लाने पुनर्वास स्थल को मॉडल पुनर्वास स्थल के रूप में बनाने के साथ जमीन दाता को पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सारी सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया.

राजमहल हाउस में पदाधिकारियों के साथ बैठक

निदेशक श्री राय उर्जानगर राजमहल गेस्ट हाउस में विभाग के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान पदाधिकारियों को कई निर्देश दिया गया. श्री राय ने राजमहल हाउस में पौधारोपण कार्य कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया. इस दौरान महाप्रबंधक प्रभारी रमेश चंद्र महापात्रा ने निदेशक श्री राय को बुके देकर सम्मानित किया. मौके पर महाप्रबंधक परिचालन पीके नायक, ओमप्रकाश चौबे, एसके प्रधान, ओपी चौधरी, संजीव कुमार, विपिन कुमार, मो शिवली आदि मौजूद थे.

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