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गोड्डा में ग्रामीणों ने पुलिस पर चलाये तीर, जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज, कई घायल

पथराव में एसडीपीओ शिवशंकर तिवारी सहित पांच जवान घायल हो गये. पैर में तीर लगने से हनवारा थाना के सुरक्षा जवान असफाक आलम घायल हो गये. उन्हें महागामा अस्पताल में भर्ती कराया गया है

राजमहल कोल परियोजना की अधिगृहीत जमीन का सीमांकन करने पहुंचे पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों को लगातार दूसरे दिन भारी विराेध का सामना करना पड़ा. गुरुवार को प्रशासन, पुलिस व सुरक्षा बलों के बसडीहा मौजा पहुंचने पर विरोध कर रहे तीन गांव के आदिवासियों ने पथराव शुरू कर दिया. उग्र ग्रामीणों ने पथराव के साथ पुलिस पर तीर भी चलाये.

पथराव में एसडीपीओ शिवशंकर तिवारी सहित पांच जवान घायल हो गये. पैर में तीर लगने से हनवारा थाना के सुरक्षा जवान असफाक आलम घायल हो गये. उन्हें महागामा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के गोले दागे. इस कार्रवाई में कई ग्रामीण भी घायल हो गये. इसके बाद ग्रामीण और भड़क उठे. ग्रामीणों का कहना था किसी भी हालत में जमीन नहीं देंगे.

सैकड़ों की संख्या में पहुंचे थे सुरक्षा बल :

परियोजना के बसडीहा मौजा में कोयला उत्खनन को लेकर परियोजना के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी दो दिनाें से कैंप कर रहे हैं. गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में पुलिस व सुरक्षा जवान कंटीली तार, पोकलेन व वज्रवाहन के साथ बसडीहा साइट पहुंचे थे.

पदाधिकारी व सुरक्षा जवानों को देखते ही विरोध कर रहे ग्रामीण उग्र हो गये. भिरंडा, बसडीहा, तालझाड़ी गांव के सैकड़ों आदिवासी तीर-धनुष व परंपरागत हथियार से लैस होकर विरोध करना शुरू कर दिये. दिन के करीब 12 बजे ग्रामीण अचानक उग्र होकर पथराव शुरू कर दिये. इसके बाद पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने तीन चलाकर प्रतिकार किया. पुलिस की ओर से उग्र भीड़ को रोकने के लिये चार चक्र अश्रुगैस के साथ दो रबर के बुलेट दागे गये.

इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को खदेड़ दिया. ज्ञात हो कि ग्रामीणों के विरोध को देखते बसडीहा क्षेत्र में एसडीओ ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू किया था. ग्रामीणों के सीमांकन एरिया में घुसने पर पाबंदी थी.

ग्रामीणों का आरोप : बिना ग्रामसभा के ली गयी जमीन

ग्रामीणों इस बात का भी विरोध है कि गांव में बिना ग्रामसभा कराये ही गलत तरीके से जमीन ली गयी है. जमीन पर लगी फसल का मुआवजा भी नहीं मिला.

क्या कहते हैं इसीएल के महाप्रबंधक

तालझारी मौजा में 125 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गयी है. इसको लेकर रैयतों को 10 करोड़ मुआवजा के साथ प्रभावित परिवारों के 22 सदस्यों को नौकरी दी गयी है. प्रशासन के सहयोग से जमीन का सीमांकन करने पहुंचे थे. ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि परियोजना की ओर से नियम के तहत मुआवजा की राशि व नौकरी दी गयी है. अधिगृहीत जमीन पर रैयतों ने अरहर की फसल लगायी है. मुआवजे की मांग रहे हैं.

– रमेशचंद्र महापात्रा, महाप्रबंधक प्रभारी, इसीएल

परियोजना की अधिगृहीत जमीन के सीमांकन को लेकर बसडीहा मौजा पहुंचे जिला प्रशासन एवं पुलिस बलों को देखकर उग्र ग्रामीणों ने विरोध करते हुए पथराव कर दिया. तीर भी चलाया गया. ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस की ओर से मामला शांत कराने को लेकर चार चक्र अश्रु गैस व दो रबर बुलेट चलाकर ग्रामीणों को खदेडा गया.

– शिवशंकर तिवारी, एसडीपीओ, महागामा

इसीएल को ग्रामीणों की ओर से 125 एकड़ जमीन तालझाड़ी मौजा में दिया गया है. प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को विश्वास में लेकर सीमांकन कराने का काम किया जा रहा है. सीमांकन का कार्य जारी रहेगा. बसडीहा मौजा में धारा 144 भी लगाया गया है. ,

– सौरव भुवानियां, एसडीओ, महागामा

क्या है मामला

तालझाड़ी मौजा में इसीएल की ओर से 2017 में 125 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. ग्रामीणों ने कोयला खनन के लिए राजमहल कोल परियोजना को जमीन दी थी. मगर, पिछले पांच वर्षों से ग्रामीण विरोध करते हुए खुदाई शुरू करने नहीं दे रहे हैं. मुआवजा व प्रभावित रैयतों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं. बुधवार व गुरुवार को भी बसडीहा मौजा में इसीएल पदाधिकारी प्रशासन की मदद से जमीन का सीमांकन करने पहुंचे थे.

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