गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला में दो नाबालिग लड़कियां बालिका वधू बनने से बची. पालकोट प्रखंड की कोलेंग पंचायत स्थित नवाडीह गांव में शुक्रवार को प्रशासन ने मुखिया की पहल के बाद दो नाबालिग लड़कियों की शादी रोकी गयी. इस गांव की दो नाबालिग बेटियों की शादी होने वाली थी. सिसई प्रखंड से बारात आने वाला था, लेकिन कोलेंग पंचायत की मुखिया सुषमा केरकेट्टा की तत्परता से नाबालिगों की शादी होने से बचाया गया. मुखिया सुषमा द्वारा तत्काल स्थानीय पुलिस प्रशासन को सूचित किया. जानकारी मिलते ही बीडीओ मनीष कुमार, थानेदार अनिल लिंडा, एसआई कृष्णकांत गुप्ता दल-बल के साथ गांव पहुंचकर दोनों लड़कियों की शादी रुकवायी. दोनों लड़कियों की बारात सिसई से आने वाला था.
समाज में अभिशाप है नाबालिग लड़कियों की शादी
बीडीओ मनीष कुमार ने बताया कि इस तरह नाबालिग लड़कियों की शादी होना समाज में अभिशाप है. लोगों के बीच जागरूकता के साथ जानकारी का अभाव है. पालकोट प्रशासन दोनों बच्चियों को बघिमा के बालिका कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नामांकन करायेगा, ताकि दोनों बेटियां पढ़ सके.
आज का युग बेटियों का है : थाना प्रभारी
वहीं, थानेदार अनिल लिंडा ने कहा कि वर्तमान युग बदल गया है. आज का युग बेटियों का है. बेटियां हमारे समाज की विधाता है. उनको कम उम्र में शादी करवा देना एक शिक्षित समाज का उदाहरण देखने को नहीं मिलता है. ऐसे लोग जागे एवं समाज के प्रति खासकर अपनी बेटियों के प्रति बोझ का भाव को दूर करें.
बाल विवाह के खिलाफ शुरू की मुहिम : मुखिया सुषमा केरकेट्टा
मुखिया सुषमा केरकेट्टा ने बताया कि मैं अपनी पंचायत में इस तरह का पूर्णालोक नहीं होने दूंगी. आज से सात साल पूर्व भी मेरी पंचायत में इस तरह का घटना घट चुकी है. जिसे उस समय के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व गृह सचिव जेबी तुबीद उस बालिका को बघिमा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाते हुए एक लाख नकद राशि दिलवाया गया था. जिसे प्रभात खबर ही खोज निकाला था. मेरे पंचायत में बाल विवाह के खिलाफ मैंने मुहिम शुरू की है.