17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gumla News: प्रशासन ने नहीं दिया साथ तो ग्रामीणों ने श्रमदान से बनायी छह किमी कच्ची सड़क, जानें मामला

झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य के बॉर्डर पर स्थित रायडीह प्रखंड के काड़ांग, कोजांग व लसड़ा गांव में ग्रामीणों ने श्रमदान से छह किमी कच्ची सड़क बनायी.

झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य के बॉर्डर पर स्थित रायडीह प्रखंड के काड़ांग, कोजांग व लसड़ा गांव में ग्रामीणों ने श्रमदान से छह किमी कच्ची सड़क बनायी. यह पूरा इलाका घोर नक्सल प्रभावित है. सरकार व प्रशासन ने जब सड़क नहीं बनायी, तो ग्रामीणों ने खुद कुदाल उठा लिया. सात दिन की मेहनत के बाद छह किमी सड़क बना डाली.

इस सड़क के बनने से काड़ांग, कोजांग, लसड़ा, डहूटोली, बगडाड़ सहित आसपास के एक दर्जन गांव के करीब पांच हजार आबादी को फायदा हुआ. काड़ांग गांव से कुछ दूरी पर छत्तीसगढ़ राज्य का बॉर्डर भी है. सड़क बनने से छत्तीसगढ़ से सटे गांव के लोगों को भी रायडीह बाजार आने के लिए आसानी हो गयी. यहां बता दें कि ये सभी गांव जंगल व पहाड़ों के बीच है.

इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधि के कारण ही विकास नहीं हो रहा है. इसलिए ग्रामीण खुद अपने स्तर से गांव तक पहुंच पथ बनाये. जिससे लोगों का आवागमन हो सके. प्रशासनिक अधिकारी भी गांव पहुंच सके.

पहाड़ी व उबड़ खाबड़ सड़क थी, जिसे समतल किया : इस इलाके की सड़क पहाड़ी व उबड़ खाबड़ है. जगह जगह गड्ढा हो गया है. कुछ बहुत पहाड़ी सड़क होने के कारण वाहनों के आवागमन में परेशानी होती थी. ग्रामीणों ने पूर्व में सड़क बनाने की मांग सरकार व प्रशासन से की थी. परंतु किसी ने ध्यान नहीं दिया. मनरेगा से कुछ दूरी तक सड़क बनी थी. परंतु वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और मनरेगा की सड़क भी गड्ढों में तब्दील हो गया था.

इसलिए ग्रामीणों ने गांव में बैठक की. श्रमदान से सड़क बनाने का निर्णय लिया. इसके बाद हर दिन सुबह को तीन घंटे ग्रामीण सड़क बनाने में श्रमदान करने लगे और देखते ही देखते एक सप्ताह में छह किमी सड़क बन गयी. ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन इस सड़क को मनरेगा से बनवाती तो अभी तीन-चार लाख रुपये का खर्च हो जाता. आज हमलोगों ने इस श्रमदान से नि:शुल्क सड़क बना दी.

आज भी इस क्षेत्र के गांव उपेक्षित है : ग्राम प्रधान

ग्राम प्रधान लुदेश्वर सिंह के नेतृत्व में गांव में बैठक की गयी थी. इसके बाद सड़क बनाने का निर्णय हुआ. सड़क बनाने में सुशील सोरेंग, वीरेंद्र सोरेंग, जगतपाल सिंह, सूरज सिंह, पैरू सिंह, सुजीत मुंडा, रमेश मुंडा, चैतू मुंडा, मोहन मुंडा, गोपाल सिंह, भीष्म सिंह सहित गांव के 50 ग्रामीण थे. सड़क बनाने में काड़ांग गांव के हर एक परिवार से एक सदस्य ने श्रमदान किया है. ग्राम प्रधान ने कहा कि आज भी इस इलाके में जितने गांव है. वह विकास से कोसों दूर है. कच्ची सड़क बनने से पांच हजार से अधिक आबादी को फायदा होगा. छत्तीसगढ़ आने-जाने का रास्ता भी सुगम हुआ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें