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लॉकडाउन में बाजार नहीं मिलने से जामुन बर्बाद हो रहा था, लेकिन सर्वेश्वरी महिला समूह ने खरीदा, बनेगी शुगर और पेट की बीमारी की दवा

अनीता देवी ने बताया कि बिशुनपुर प्रखंड के चट्टी सेरका, हड़हाटोली, मंजीरा, बिशुनपुर, बाहर सेरका, होलोग, मुंदार, भीतर सेरका, करमटोली, चापाटोली, रेहेटोली, कुंबाटोली, तेंदटोली, चेड़ा, जेहन, गुट्वा, चिंगरी, नवाटोली सहित लगभग दो दर्जन गांव के सैंकड़ों लोग जामुन की बिक्री करने आ रहे हैं. जिनसे सात से लेकर 10 रुपये प्रति किलो की दर से थोक में जामुन की खरीदारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जामुन बिक्री कर एक व्यक्ति को एक दिन में हजार रुपये से लेकर तीन हजार तक की आमदनी हो रही है. जामुन बेच कर किसानों को खेतीबारी के लिए पूंजी मिल जा रही है.

बिशुनपुर : लॉकडाउन के कारण बाजार नहीं मिलने से जामुन बर्बाद हो रहा था. पकने के बाद जामुन पेड़ से टूट कर गिर रहा था. जमीन में गिरते ही जामुन बर्बाद हो रहा था. परंतु सर्वेश्वरी महिला समूह की अनीता देवी ने गांव की महिलाओं से जामुन खरीद कर उसका सिरका बनाना शुरू कर दिया है. पांच लाख रुपये का जामुन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि जामुन से सुगर व पेट की बीमारी की दवा बनायी जा सके. अनीता देवी सिरका बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जामुन खरीद रही है. दर्जनों गांव की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल जामुन बेचा जा रहा है. जिससे गांव की महिलाओं को भी अच्छी खासी आमदनी हो रही है.

अनीता देवी ने बताया कि बिशुनपुर प्रखंड के चट्टी सेरका, हड़हाटोली, मंजीरा, बिशुनपुर, बाहर सेरका, होलोग, मुंदार, भीतर सेरका, करमटोली, चापाटोली, रेहेटोली, कुंबाटोली, तेंदटोली, चेड़ा, जेहन, गुट्वा, चिंगरी, नवाटोली सहित लगभग दो दर्जन गांव के सैंकड़ों लोग जामुन की बिक्री करने आ रहे हैं. जिनसे सात से लेकर 10 रुपये प्रति किलो की दर से थोक में जामुन की खरीदारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जामुन बिक्री कर एक व्यक्ति को एक दिन में हजार रुपये से लेकर तीन हजार तक की आमदनी हो रही है. जामुन बेच कर किसानों को खेतीबारी के लिए पूंजी मिल जा रही है.

जामुन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक :

जामुन की खरीदारी कर रही अनीता देवी ने बताया कि जामुन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. जामुन का सिरका एवं जामुन बीज का पाउडर बनाया जायेगा. सिरका पेट में दर्द, गैस, गैस्टिक, अनपच, कब्ज, जलन सहित कई प्रकार की बीमारी में काम आता है. वहीं बीज का चूर्ण सुगर एवं धात जैसे बीमारी के लिए बेहतर औषधि है.

उन्होंने बताया कि जामुन बीज के चूर्ण का सेवन करने से शुगर कंट्रोल हो जाता है. इसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. वहीं अंग्रेजी दवा का सेवन करने से लीवर कमजोर हो जाता है. कई प्रकार की बीमारी होने लगता है. इसी वजह से जामुन बीज का चूर्ण एवं सिरका की बाजार में अच्छी मांग है. जिसे कुरियर के माध्यम से पूरे देश में होम डिलीवरी की जाती है. सरकार द्वारा लगाये जाने वाले विभिन्न मेलों में भी इसकी बिक्री की जाती है.

Posted By : Sameer Oraon

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