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Jharkhand News : गुमला में डस्ट बिन में बीत रही विक्षिप्त युवक की जिंदगी, खाने के लिए कचरा से चुनता है चावल-रोटी

Jharkhand News, Gumla News, Mental Patient in Dust Bin, Humanity : गुमला (दुर्जय पासवान) : मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक हृदयविदारक मामला सामने आया है. झारखंड के गुमला जिला में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक ने सड़क किनारे पड़े डस्ट बिन (कचरा पेटी) को अपना घर बना लिया है. कूड़े के ढेर से रोटी और चावल निकालकर अपना पेट भरता है. इसके तन पर कपड़े तक नहीं हैं. नग्न अवस्था में यह विक्षिप्त युवक खाना चुनकर लाता है और कचरा पेटी में बैठकर खाता है. दिन-रात उसी में पड़ा रहता है.

गुमला (दुर्जय पासवान) : मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक हृदयविदारक मामला सामने आया है. झारखंड के गुमला जिला में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक ने सड़क किनारे पड़े डस्ट बिन (कचरा पेटी) को अपना घर बना लिया है. कूड़े के ढेर से रोटी और चावल निकालकर अपना पेट भरता है. इसके तन पर कपड़े तक नहीं हैं. नग्न अवस्था में यह विक्षिप्त युवक खाना चुनकर लाता है और कचरा पेटी में बैठकर खाता है. दिन-रात उसी में पड़ा रहता है.

करीब 30-32 साल का यह युवा चार महीने से गुमला शहर के दुंदुरिया स्थित मुख्य सड़क के किनारे डस्ट बिन में रह रहा है. डस्ट बिन भी टूटा हुआ है. वह जब सोता है, तो उसके पैर डस्ट बिन से बाहर निकल जाता है. ऐसे में वह पैर मोड़कर खुद को कचरा पेटी में समेट लेता है. मौसम कोई भी हो. बारिश या तेज धूप, उसका आशियाना यही डस्ट बिन है.

शरीर ढकने के लिए कपड़ा नहीं है. नग्न अवस्था में डस्ट बिन में पुराना प्लास्टिक बिछाकर सोता है. दिन भर, रात भर डस्ट बिन के अंदर ही रहता है. सिर्फ भोजन की तलाश में निकलता है. बाकी समय चुपचाप इस कचरा पेटी में पड़ा रहता है. चूंकि वह नग्न अवस्था में रहता है, कोई उसके पास नहीं फटकता. राहगीर भी उससे दूर ही रहते हैं. कोई दूर से ही खाने को दे देता है. नहीं दिया, तो नाली किनारे व कचरा से रोटी-चावल चुनकर खाता है.

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मानसिग रोगी से मुहल्ले के लोग परेशान

मानसिक रोगी के कारण आसपास के लोग बेहद परेशान हैं. मुहल्ले के लोगों ने बताया कि चार महीने पहले अचानक कहीं से यह युवक दुंदुरिया के पास आ गया. सड़क किनारे एक घर के बरामदे में रहने लगा. नग्न अवस्था में देखकर कुछ लोगों ने कपड़ा दिया. लेकिन, उसने कभी उसे पहना नहीं. जब भी किसी ने उसे कपड़ा दिया, उसने उसे फेंक ही दिया.

एक सप्ताह बाद उस घर के मालिक ने अपने घर के सामने बांस से घेराबंदी कर दी. इसके बाद से यह युवक सड़क किनारे पड़े कचरा पेटी में रहने लगा. मुहल्ला के लोगों ने बताया कि इसकी सूचना पार्षद व नगर परिषद को दी गयी, लेकिन अब तक किसी ने इस शख्स को आश्रय नहीं दिया. इसे अस्पताल या किसी सरकारी आश्रय गृह में भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

डीसी से मिलकर ज्ञापन सौपेंगे : जीतेश

मिशन बदलाव के संयोजक सह समाजसेवी जीतेश मिंज ने मानसिक रोगी को डस्टबिन में सोते हुए देखा. अपने स्तर से उसे अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन युवक डस्ट बिन से निकलने को तैयार नहीं हुआ. जीतेश ने बताया कि युवक का इलाज व सरकारी आश्रय केंद्र में रखने की व्यवस्था करने की मांग को लेकर डीसी को ज्ञापन सौपेंगे.

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युवक को अस्पताल में भर्ती करायेंगे : हातिम ताई

गुमला नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हातिम ताई कहते हैं कि मानसिक रोगी डस्टबिन में सो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है. न ही नगर परिषद को किसी ने इसकी लिखित सूचना दी है. ‘प्रभात खबर’ के माध्यम से सूचना मिली है. मैं इसकी जांच करा लेता हूं. मानसिक रोगी को गुमला सदर अस्पताल के मानसिक रोगी अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा.

अपील : मानसिक रोगियों की मदद करें

गुमला शहर में जगह-जगह मानसिक रोगी घूम रहे हैं या फिर आश्रय लिये हुए हैं. कई रोगी सड़क के किनारे, जहां भी जगह मिलता है, सो जाते हैं. अगर घर मालिक या दुकानदार भगा देता है, तो दूसरा ठिकाना तलाश लेते हैं. ऐसे लोगों की मदद करने की जरूरत है. लोगों से अपील है कि अगर कहीं मानसिक रोगी दिखें, तो इसकी सूचना नगर परिषद, स्वास्थ्य विभाग या फिर किसी प्रशासनिक अधिकारी को जरूर दें. इससे उसकी मदद हो जायेगी. मानसिक रोगी के भोजन-पानी का इंतजाम जरूर कर दें.

Posted By : Mithilesh Jha

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