Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : गुमला जिले में दुष्कर्म की शिकार नाबालिग लड़कियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में दाखिला नहीं हो रहा है. न ही पोक्सो एक्ट की पीड़ितों को मुआवजा मिल रहा है, जबकि CWC गुमला (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) द्वारा पोक्सो एक्ट की पीड़ित लड़कियों की सूची संबंधित विभाग को सौंप दिया है. इधर, डालसा के सचिव आनंद सिंह ने कहा कि पोक्सो एक्ट के जितने भी मामले हैं. उन पीड़ितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है.
संबंधित सूची सौंपे जाने के बाद भी शिक्षा विभाग व अन्य विभागों द्वारा इन पीड़ित लड़कियों की मदद करने में देरी की जा रही है. कस्तूरबा स्कूल में नामांकन नहीं होने से ये लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. पीड़ित लड़कियों ने CWC से संपर्क कर स्कूल में नामांकन नहीं होने व मुआवजा नहीं मिलने की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगायी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नवंबर 2020 में 15 व जुलाई 2021 में 15 लड़कियों की सूची स्कूल में दाखिला कराने व मुआवजा दिलाने के लिए CWC द्वारा वरीय अधिकारियों को सौंपी गयी है. इसमें गुमला प्रखंड की सिर्फ एक लड़की का कस्तूरबा स्कूल में दाखिला हुआ है. अन्य लड़कियों का नामांकन नहीं किया गया है.
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मानव तस्करी की शिकार, अनाथ व गरीबी में जी रही नाबालिग लड़कियों का भी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों में नामांकन नहीं हो रहा है. जबकि तस्करी व अनाथ करीब 60 लड़कियों की सूची शिक्षा विभाग, गुमला को सौंपी गयी है. इसमें से कितनी लड़कियों का नामांकन स्कूलों में हुआ है. इसकी कोई सूची शिक्षा विभाग ने CWC को नहीं सौंपी है. न ही लड़कियों के नामांकन की कोई सही जानकारी विभाग के पास है. स्कूल में नामांकन नहीं होने से लड़कियां परेशान हैं. इधर, CWC के अनुसार अगर इन लड़कियों का स्कूल में नामांकन नहीं होता है, तो ये लड़कियां दोबारा किसी मानव तस्कर के बहकावे में आकर मानव तस्करी का शिकार हो सकती हैं.
CWC से मिली जानकारी के अनुसार, घाघरा प्रखंड में एक पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया था. पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर उसी समय जेल भेज दिया था. तब से मां अपनी पीड़ित बेटी को लेकर गुमला शहर में रह रही है. परिवार गरीबी व आर्थिक तंगी में जी रहा है. लेकिन, अभी तक पीड़ित बच्ची को मदद नहीं मिली है.
इस संबंध में CWC, गुमला की सदस्य सुषमा देवी ने कहा कि हमारे पास नाबालिग लड़कियों के जितने भी मामले आते हैं, उन मामलों में लड़कियों की काउंसलिंग करने और उनकी आगामी योजना की जानकारी लेने के बाद लड़कियों की सूची कस्तूरबा स्कूल में नामांकन कराने व मुआवजा के लिए संबंधित विभाग को सौंप दिया जाता है. इसके बावजूद अभी तक कितनी लड़कियों को मुआवजा मिला या फिर स्कूल में नामांकन हुआ. इसकी कोई जानकारी संबंधित विभाग द्वारा CWC को नहीं दी गयी है. इस कारण अभी तक CWC के पास जितनी भी लड़कियों की सूची है. उसमें से 95 प्रतिशत पीड़ित लड़कियां स्कूल में नामांकन व मुआवजा के इंतजार में हैं.
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वहीं, शिक्षा विभाग गुमला के ADPO पियूष कुमार ने कहा कि CWC के माध्यम से जितनी भी लड़कियों की सूची विभाग को प्राप्त हुई थी. जिस प्रखंड की लड़की थी. उस प्रखंड के कस्तूरबा स्कूल के वार्डेन को सूची उपलब्ध कराते हुए लड़कियों के नामांकन करने की निर्देश दिया गया है. इसमें कुछ लड़कियों का नामांकन हो गया है. कुछ का नामांकन प्रक्रिया में हैं. मानव तस्करी, पोक्सो एक्ट, अनाथ लड़कियों को प्राथमिकता के तौर पर स्कूल में नामांकन लिया जा रहा है. जिन लड़कियों का नामांकन नहीं हुआ है, तो CWC से तालमेल बैठाकर जल्द लड़कियों का नामांकन कर लिया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.