15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : महिलाओं में बदलाव देखना हो तो गुमला आइये, हड़िया-दारू बेचना छोड़ शहर को सुदंर बनाने में जुटी

गुमला शहर की महिलाओं में अमूल-चूल परिवर्तन हुआ है. कभी ये महिलाएं हड़िया-दारू बेचती थी, लेकिन अब इसे छोड़ स्वच्छता मित्र बनकर शहर को साफ और सुंदर बनाने में जुटी है. नगर परिषद ने सफाईकर्मी के रूप में एक दर्जन महिलाएं को रोजगार दिया है.

गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला शहर की महिलाओं ने हड़िया और दारू को बाई-बाई कह दिया है. कल तक जो महिलाएं हड़िया और दारू बनाकर बेचती थी. अब वे स्वच्छता मित्र बनकर हाथों में झाड़ू थाम गुमला शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में लग गयी है. एक दर्जन महिलाओं को नगर परिषद, गुमला ने रोजगार दिया है. अब महिलाएं हर महीने नगर परिषद से बतौर सफाईकर्मी का पगार (मानदेय) ले रही है. यह सभी महिलाएं वर्षों तक बस पड़ाव गुमला में हड़िया-दारू बेचकर किसी प्रकार जीविका चला रही थी. लेकिन, नगर परिषद की पहल के बाद अब महिलाओं ने हड़िया और दारू बेचना छोड़ दी है.

महिलाओं में ऐसे आया बदलाव

बस पड़ाव गुमला में महिलाएं हड़िया व दारू बेचती थी. इससे परिवार के सदस्यों व बच्चों की परवरिश ठीक से नहीं हो रही थी. सस्ते दर में हड़िया व दारू पीकर गरीब व मध्यम वर्ग के लोग बर्बाद हो रहे थे. युवा वर्ग मुख्यधारा से भटक रहे थे. प्रशासन को जब पता चला कि बस पड़ाव में महिलाएं हड़िया व दारू बेचती है, तो नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने महिलाओं से मुलाकात किया. हड़िया व दारू की बिक्री बंद कराया. सभी महिलाओं को नगर परिषद कार्यालय में बुलाकर काउंसलिंग की गयी. स्वरोजगार एवं आजीविका से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. नगर परिषद ने महिलाओं को हर संभव मदद करने का वादा किया. लेकिन, शर्त रखी गयी कि पहले हड़िया व दारू की बिक्री बंद करें. महिलाओं को ईओ संजय कुमार की बात पसंद आयी. महिलाओं ने हड़िया और दारू बेचना बंद कर दी. नगर परिषद की पहल पर एक दर्जन महिलाओं को नगर परिषद में रोजगार दिया गया.

स्वच्छता मित्र के रूप में मिली नौकरी

नगर परिषद की एनयूएलएम टीम की नगर मिशन प्रबंधक राहिल डुंगडुंग, सीओ विमला देवी तथा सीआरपी सदस्यों ने हड़िया व दारू बेचने वाली महिलाओं से बैठक की. इनमें से आधी महिलाएं नगर परिषद में नौकरी करने की इच्छा जतायी. जबकि कुछ महिलाएं किसी दूसरे व्यवसाय के लिए दुकान की मांग की. कुछ महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कैंटीन चलाने की इच्छा प्रकट की. इस पर नगर परिषद बोर्ड की बैठक में सम्यक विचार किया गया. महिलाओं को नगर परिषद में स्वच्छता मित्र के रूप में जोड़ा गया.

Also Read: Jharkhand News: बेतला नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की 24 घंटे हो रही निगरानी, अब शिकारियों की खैर नहीं

मेरी दिनचर्या में आया सकारात्मक बदलाव : स्वच्छता मित्र मंजू देवी

स्वच्छता मित्र मंजू देवी ने कहा कि मैं कभी सोचा नहीं था कि मेरी दिनचर्या में इतना सकारात्मक बदलाव आयेगा. सामाजिक रूप से एक नया जीवनदान मिला है. हड़िया और दारू का धंधा बंद करने से मेरे परिवार एवं बच्चे भी अब खुश हैं. उन्होंने अन्य महिलाओं से भी हड़िया-दारू को छोड़ने की अपील की.

महिलाओं की हुई काउंसलिंग : संजय कुमार

इस संबंध में नगर परिषद के ईओ संजय कुमार ने कहा कि महिलाओं की तीन से चार राउंड की काउंसलिंग करने के बाद 23 महिलाओं ने हड़िया व दारू बिक्री करने से तौबा करने की लिखित अंडरटेकिंग दी थी. जिसके बाद इन महिलाओं को सरकार की योजनाओं से जोड़ने की पहल की गयी है.

नशे के अवैध कराेबार पर भी ये महिलाएं चलाएंगी झाड़ू : विमला देवी

वहीं, एनयूएलएम के सीओ विमला देवी ने कहा कि नया रोजगार मिलने के बाद महिलाओं ने संकल्प लिया है. अब वे न केवल शहर के कूड़ा-कचरा पर झाड़ू चलायेंगी, बल्कि नशे के अवैध कारोबार पर भी झाड़ू फेरने का काम करेंगी. दूसरी महिलाओं को मुख्यधारा से भी जोड़ेंगी.

Also Read: साहिबगंज के पत्थर व्यवसायी व मजदूरों को होली का तोहफा, 7 रैक प्वाइंट में फिर शुरू होगी स्टोन चिप्स की लोडिंग

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें