16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lockdown effect : पहले खेतों से ही बिक जाती थी सब्जियां, अब गलियों में घूम- घूम कर बेचने को मजबूर किसान

लॉकडाउन के कारण किसानों की सब्जियां इनदिनों में खेतों में पड़े-पड़े सड़ रही है. आमदनी तो छोड़िए, लागत ही निकल जाये, किसान इसी की उम्मीद लगाये हैं. लाॅकडाउन ने हजारीबाग क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. सब्जियों की खरीद-बिक्री नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. प्रखंड क्षेत्र के किसानों की सब्जियां पहले खेतों से ही बिक जाती थी, लेकिन अब किसान गली-गली घूमकर अपनी सब्जियां बेचने को मजबूर हैं.

बड़कागांव (हजारीबाग) : लॉकडाउन के कारण किसानों की सब्जियां इनदिनों में खेतों में पड़े-पड़े सड़ रही है. आमदनी तो छोड़िए, लागत ही निकल जाये, किसान इसी की उम्मीद लगाये हैं. लाॅकडाउन ने हजारीबाग क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. सब्जियों की खरीद-बिक्री नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. प्रखंड क्षेत्र के किसानों की सब्जियां पहले खेतों से ही बिक जाती थी, लेकिन अब किसान गली-गली घूमकर अपनी सब्जियां बेचने को मजबूर हैं. पढ़ें संजय सागर की यह रिपोर्ट.

हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड क्षेत्र के किसानों की कमर लॉकडाउन के कारण टूट चुकी है. खरीदार नहीं होने के कारण इन किसानों के खेतों में पड़ी-पड़ी सब्जियां सड़ने लगी है. क्षेत्र के प्रगतिशील किसान दशरथ कुमार सब्जियों की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने से परेशान हैं. कहते हैं, पहले सब्जियां खेतों से ही बिक जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोई खरीदार नहीं आ रहा है. मजबूरन या तो औने-पौने दामों में सब्जियों को बेचना पड़ रहा है या फिर गली-गली घूम कर बेचने को मजबूर होना पड़ा रहा है.

Also Read: महाराष्ट्र के सोलापुर सड़क हादसे में झारखंड के 4 श्रमिकों की मौत पर सीएम हेमंत ने जताया दु:ख, घायलों के जल्द स्वस्थ की कामना की

किसान दशरथ कुमार ने अपने खेत में भिंडी, कद्दू, टमाटर, मिर्च, खीरा, झींगी, परोर, धनिया, पालक व गांधारी साग समेत अन्य सब्जियों का उत्पादन किया. उम्मीद थी कि सब्जियों के तैयार होने पर पहले की भांति खरीदार आयेंगे, जिससे आमदनी हो जायेगी. लेकिन, लॉकडाउन ने सभी कुछ चौपट कर दिया.

क्षेत्र के अन्य प्रगतिशील किसान बंधु महतो, धर्मनाथ महतो व राम लखन महतो का कहना है कि किसान लॉकडाउन के कारण लागू सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाजारों में सब्जी बेचना चाहते हैं, तो उन्हें रोका जाता है. ऐसी परिस्थिति में हम सब्जियों की कैसे बिक्री कर पायेंगे.

Also Read: लॉकडाउन 4.0 : झारखंड में कंटेनमेंट जोन से बाहर आर्थिक गतिविधियों में छूट, नगर निगम क्षेत्र में नहीं खुलेंगी दुकानें, जानिए कहां क्या मिली छूट

लागत मूल्य भी निकलना हुआ मुश्किल

प्रगतिशील किसान धर्मनाथ कुमार व मुरारी महतो का कहना है कि शादी- विवाह को देखते हुए अपनी-अपनी खेतों में हर तरह की सब्जियों का उत्पादन किये थे, कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण शादी- विवाह समेत अन्य आयोजनों पर पाबंदी लग गयी. इस कारण हमारी सब्जियां भी खेतों में ही धरे के धरे रह गये. इससे हमें काफी नुकसान हो रहा है. लागत मूल्य भी निकालना मुश्किल हो गया है.

ई- नाम पोर्टल से सब्जी बेचने की मांग

क्षेत्र के प्रगतिशील किसान नकुल महतो, दशरथ कुमार, ज्ञानी महतो, शंकर महतो, प्यारी महतो, लक्ष्मी देवी, पार्वती देवी समेत दर्जनों किसानों की मांग है कि जिस तरह से हजारीबाग में ई- नाम पोर्टल के माध्यम से सब्जियों का क्रय- विक्रय हो रहा है, उस तरह से बड़कागांव क्षेत्र में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाये, ताकि यहां के किसान भी अपनी सब्जियों की बिक्री कर सकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें