20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नये कुलपति से प्रभात खबर की खास बातचीत, पढ़िए क्या है उनकी सोच

सेंट कोलंबस कॉलेज, हजारीबाग से शिक्षा ग्रहण करनेवाले डॉ मुकुल देव नारायण विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नये कुलपति बने हैं. श्री देव मुंबई स्थित डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा इंस्टीट्यूट के सीनियर वैज्ञानिक रह चुके हैं. कुशाग्र बुद्धि, मिलनसार, कुशल स्वभाव एवं समस्याओं का समाधान करना इनकी विशेषता रही है.

बड़कागांव (हजारीबाग) : सेंट कोलंबस कॉलेज, हजारीबाग से शिक्षा ग्रहण करनेवाले डॉ मुकुल देव नारायण विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नये कुलपति बने हैं. श्री देव मुंबई स्थित डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा इंस्टीट्यूट के सीनियर वैज्ञानिक रह चुके हैं. कुशाग्र बुद्धि, मिलनसार, कुशल स्वभाव एवं समस्याओं का समाधान करना इनकी विशेषता रही है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त होने पर प्रभात खबर से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए अनुसंधान का वातावरण बनेगा, वहीं विद्यार्थी बेहतर करें इसके लिए हमेशा प्रयास रहेगा. पढ़ें डाॅ मुकुल देव नारायण से संजय सागर की बातचीत का प्रमुख अंश.

हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड के सांढ़ पंचायत निवासी डाॅ मुकुल देव नारायण विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नये कुलपति बने हैं. डॉ रमेश शरण की जगह पर डॉ देव कुलपति की नियुक्ति हुई है. श्री देव भुरकुंडा हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद ISC व BSC सेंट कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से किया. वहीं, MSC बीएचयू बनारस से, जबकि 1993 में इन्होंने PHD किया. इनके परिवार में पत्नी प्रभा देवी व पुत्र मनीष नारायण देव हैं. डॉ मुकुल देव नारायण एक वैज्ञानिक के रूप में अगस्त, 1985 में मुंबई के भाभा इंस्टीट्यूट में पदस्थापित हुए थे. 31 जनवरी, 2020 को सेवानिवृत्त हुए. इन्होंने 34 वर्षों तक सीनियर वैज्ञानिक के रूप में मुंबई के भाभा इंस्टीट्यूट में अपनी सेवाएं दी हैं.

5वीं क्लास से ही मिलने लगी छात्रवृत्ति

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नये कुलपति बनने पर बात करते हुए डॉ मुकुल देव नारायण ने कहा कि गांव से मेरा खासा लगाव रहा है. इसलिए हर छुट्टी में बड़कागांव आता रहा हूं. मुंबई के भाभा इंस्टीट्यूट में कार्यरत रहने के बाद भी साल में 3 या 4 बार गांव आया करता था. अपनी प्रारंभिक शिक्षा के संबंध में श्री देव ने कहा कि बचपन से ही पढ़ाई- लिखाई पर विशेष जोर रहा है. सिलेबस के अनुसार पढ़ाई होती थी. यही कारण है कि हर परीक्षा में प्रथम रहा. भले ही हमारे पिताजी आर्थिक रूप से मजबूत थे, लेकिन मुझे 5वीं क्लास से ही मेधा छात्रवृत्ति मिलने लगी.

शैक्षणिक विकास की होगी कोशिश

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में एक अहम योगदान पर उन्होंने कहा कि यह खुशी का क्षण है, क्योंकि मैं इसी क्षेत्र का रहने वाला हूं. हमारी कोशिश रहेगी कि इस क्षेत्र का शैक्षणिक विकास हो. कुलपति के पद पर रहकर शैक्षणिक व प्रशासनिक विभाग में समन्वय बिठाने के संदर्भ में कहा कि अभी तो मेरे नियुक्ति हुई है. योगदान देने के बाद सबसे पहले यह देखा जायेगा कि विश्वविद्यालय किस टेक्निक चल रहा है. शिक्षा की गुणवत्ता क्या है. किस तरह का सिलेबस है. मेरी कोशिश रहेगी कि यहां के छात्र सबसे बेहतर करें. अच्छे दर्जे पर पहचान बनाएं. जहां तक प्रशासनिक विभाग की बात है, तो यह रूटीन टाइप का जॉब है, जिसे फॉलो करना पड़ता है.

खिलाड़ियों को हमेशा मिलेगा प्रोत्साहन

लॉकडाउन से पढ़ाई बाधित होने के संदर्भ में श्री देव ने कहा कि देखिए लॉकडाउन में वैसे तो पढ़ाई ऑनलाइन तकनीकी द्वारा हो रही है. अभी तो समर वेकेशन चल रहा है. समर वेकेशन के बाद अगर लॉकडाउन जारी रहा, तो कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी. इस विश्वविद्यालय में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है इसे कैसे बढ़ावा देंगे, इस पर उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि यहां से अच्छे खिलाड़ी निकलें, इसके लिए हमेशा प्रोत्साहन मिलता रहेगा.

अनुसंधान के क्षेत्र में विद्यार्थियों को किया जायेगा जागरूक

शिक्षकों एवं छात्रों के बीच समन्वय बनाये रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों का समन्वय बहुत जरूरी है. दोनों के बीच बेहतर संबंध हो, इसकी हमेशा कोशिश होगी. वहीं, पढ़ाई के लिए रुचि अुनसार वातावरण बनाये रखने पर जोर होगा. शिक्षक और छात्रों के बीच परिचर्चा का वातावरण बने. कोशिश होगी कि इस विश्वविद्यालय में बेहतर पढ़ाई हो. साथ ही अनुसंधान के क्षेत्र में विद्यार्थियों को जागरूक करना बहुत जरूरी है. हजारीबाग का सेंट कोलंबस कॉलेज एक बेहतर कॉलेज है. जब मैं पढ़ता था, उस समय भी कैंब्रिज विश्वविद्यालय मैं इसका नाम रहता था. इस नाम को बरकरार रखने का प्रयास होगा.

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर रहेगा जोर

एक सीनियर वैज्ञानिक और अब कुलपति, इन दोनों का लाभ इस विश्वविद्यालय को कैसे मिलेगा, इस सवाल पर श्री देव ने कहा कि विश्वविद्यालय में रिसर्च क्षेत्र का बेहतर वातावरण बनाना होगा. इसके लिए छात्रों को जागरूक करते हुए तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर होगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुशासन बना रहे, यह प्रशासनिक विभाग पर निर्भर करता है. बेहतर समन्वय से अनुशासन बेहतर रहेगा. आपसी सहयोग से भी अनुशासन बना रहेगा. अनुशासन के लिए नियमित बैठकें करनी होगी.

Posted by : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें